मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में महाकुंभ से बिछड़कर पहुंची झारखंड की बुजुर्ग महिला सुमित्रा देवी के अपने परिवार से मिलने की कहानी आपकी आंखें नम कर देगी. जब मुजफ्फरपुर में सुमित्रा देवी ने अपने बेटे को देखा तो उनकी आंखे भर आईं. महिला के मिलने के बाद जीआरपी ने तत्परता दिखाते हुए परिजनों से संपर्क किया और महिला को सुरक्षित उनके बेटे के सुपुर्द कर दिया. मां-बेटे का ये मिलने काफी भावुक करने वाला था.
महाकुंभ से बिछड़ी महिला मुजफ्फरपुर पहुंची: प्रयागराज महाकुंभ में स्नान के दौरान अपने परिजनों से बिछड़ी झारखंड की बुजुर्ग महिला सुमित्रा देवी मंगलवार को भटकते हुए बिहार के मुजफ्फरपुर जंक्शन पहुंच गईं. जहां प्लेटफॉर्म नंबर-1 पर ड्यूटी पर तैनात जीआरपी पुलिसकर्मियों ने महिला को परेशान और अकेला देख उनसे पूछताछ की. महिला ने अपना नाम और पता बताया. उन्होंने कहा कि उनका नाम सुमित्रा देवी है और वो गिरिडीह जिले के परसन थाना क्षेत्र की निवासी हैं.
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महिला को याद नहीं था घर का नंबर: जीआरपी थाना अध्यक्ष रंजीत कुमार ने बताया कि महिला को अपने घर का कोई मोबाइल नंबर याद नहीं था. जिससे पुलिस के लिए उनके परिजनों से संपर्क करना मुश्किल हो गया था. इसके बाद उन्होंने गिरिडीह पुलिस के ग्रुप में महिला की फोटो और उसकी पूरी जानकारी शेयर की. कुछ ही समय बाद पुलिस को महिला के बेटे वासुदेव राणा जो चेन्नई में रहते हैं, उनका मोबाइल नंबर मिल गया.
"मुजफ्फरपुर स्टेशन पर प्लेटफॉर्म नंबर-1 पर ड्यूटी पर तैनात जीआरपी पुलिसकर्मियों ने महिला को परेशान और अकेला देखा था. महिला ने अपना नाम सुमित्रा देवी बताया था. पता चला कि वो गिरिडीह जिले के परसन थाना क्षेत्र की निवासी हैं. महिला को घर का कोई फोन नंबर याद नहीं था. जिसके बाद तकनीकी सहायता से उन्हे परिजन को सौंपा गया."-रंजीत कुमार, जीआरपी थानाध्यक्ष
भावुक करने वाला था मां-बेटे का मिलन: मुजफ्फरपुर जीआरपी की मुस्तैदी और तकनीकी सहायता से महिला को उनके परिजनों से मिलाने में सफलता मिली. वहीं जब महिला ने अपने बेटे को देखा तो वो भावुक हो गई और उनके आंसू छलक पड़े. वहीं महिला के परिजनों ने पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई की सराहना करते हुए उनका आभार जताया है.
मां-बेटे का मिलन और झारखंड की ओर वापसी: बता दें कि जीआरपी ने वासुदेव राणा से संपर्क कर उन्हें मां के सुरक्षित होने की जानकारी दी थी. उधर महिला के परिजन गिरिडीह और प्रयागराज पुलिस की मदद से उनकी तलाश में जुटे थे. वहीं बुधवार को वासुदेव मुजफ्फरपुर पहुंचे और जैसे ही उन्होंने अपनी मां को देखा, वह भावुक हो गए. जीआरपी की सहायता से मां-बेटे का मिलन हो पाया और खुशी-खुशी अपने घर झारखंड वापस लौट गए.