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डोंगरगढ़ चंद्रगिरी में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किया संतों का बखान, कहा देश में संत परंपरा बहुत समृद्ध - SAMADHI MEMORIAL FESTIVAL

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह चंद्रगिरी में समाधि स्मृति महोत्सव में शामिल हुए.इसके बाद डोंगरगढ़ में मां बमलेश्वरी के दर्शन किए.

Union Home Minister Amit Shah in Dongargarh Chandragiri
डोंगरगढ़ चंद्रगिरी में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (ETV BHARAT CHATTISGARH)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 6, 2025, 3:00 PM IST

Updated : Feb 6, 2025, 5:51 PM IST

राजनांदगांव :केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ चंद्रगिरी में आयोजित प्रथम समाधि स्मृति महोत्सव में शामिल हुए. आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के समाधि स्थल पर शाह ने पूजा अर्चना की. इस दौरान अमित शाह ने कहा कि भारत के संतों ने देश की संस्कृति, एकता को संरक्षित करने और ज्ञान फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.सभी लोगों को एक करने का काम जैन मुनियों ने किया है. केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि ''आचार्य जी का जीवन धर्म,संस्कृति और राष्ट्र को समर्पित है.महान संत को मैं प्रणाम करने आया हूं,उनके द्वारा लिखी मूकमाटी में अनेक लोगों ने पीएचडी की है.आज मैं आचार्य जी की कही बात दोहराना चाहता हूं. भोजन के थाल में जितने व्यंजन होते हैं वह उतना ही अच्छा होता है.''

भारत देश में संत परंपरा बहुत समृद्ध :अमित शाह ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि''आजादी के बाद जब देश और सरकार पश्चिमी विचारों से प्रभावित होने लगे, तब जैन संत स्वर्गीय आचार्य विद्यासागर महाराज एकमात्र ऐसे संत थे, जो भारत, भारतीयता, भारतीय संस्कृति, हमारे धर्म और हमारी भाषाओं की रक्षा करते रहे. हमारे देश की संत परंपरा बहुत समृद्ध है. जब भी जरूरत पड़ी, भारत की संत परंपरा ने देश की संस्कृति की रक्षा में अपनी भूमिका निभाई. संतों ने ज्ञान का सृजन किया और देश को एकजुट रखा. गुलामी के कालखंड में संतों ने भक्ति की भावना से राष्ट्रीय चेतना को जीवित रखा.''

गृहमंत्री अमित शाह ने किया संतों का बखान (ETV BHARAT CHATTISGARH)

भारत में अलग अलग धर्म संस्कृति है जो अपने में अलग हैं.आचार्य जी ने लोगों को प्रेरित किया है.आचार्य जी समाधि लिए जब उनका देह शांत हुआ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमन किया. सभी ने श्रद्धांजलि दी.आचार्य जी का कार्य लेखन और संदेश पूरे राष्ट्र की पूंजी है. आचार्य जी के उन ढेर सारे अनुयायी में मैं भी एक अनुयायी हुं, समाधि स्थल का पूरे विश्व में अपना नाम हो- अमित शाह, केंद्रीय गृहमंत्री

अमित शाह ने यह भी कहा कि आचार्य जी सिर्फ एक संत नहीं थे, बल्कि वे एक नये विचार और नये युग की शुरुआत करने वाले 'युगपुरुष' थे. उन्होंने कई लोगों को देश के कुटीर उद्योगों और रोजगार की देखभाल के लिए प्रेरित किया. उन्होंने हमेशा 'गोधन' (मवेशी), चरखा (चरखा), हथकरघा और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा दिया. शाह ने कहा, "शायद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा देश में इन सभी चीजों को बढ़ावा देने का मुख्य कारण आचार्य जी की प्रेरणा रही है.'' आचार्य विद्यासागर ने पिछले साल 18 फरवरी को डोंगरगढ़ के चंद्रगिरि तीर्थ में 'सल्लेखना' के बाद अंतिम सांस ली थी.

डोंगरगढ़ में मां बमलेश्वरी के दर्शन (ETV BHARAT CHATTISGARH)


सीएम और डिप्टी सीएम भी हुए शामिल :इस दौरान केन्द्रीय गृहमंत्री ने कहा कि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के समाधि स्थल पर पहुंच कर मैंने नमन किया है.यहां देशभर के अनुयायी आए हुए हैं. सभी को नमन करता हूं,आचार्य श्री के उपदेश का स्थान यह डोंगरगढ़ रहेगा,समाधि स्थल को नमन किया है. इस दौरान 100 रुपये का सिक्का जारी किया गया. साथ ही 108 पदचिन्हों का विमोचन किया गया. वापसी के वक्त अमित शाह ने डोंगरगढ़ के विश्व प्रसिद्ध मंदिर मां बमलेश्वरी के दर्शन किए. इस महोत्सव में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय,उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओपी चौधरी और अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे.

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Last Updated : Feb 6, 2025, 5:51 PM IST

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