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रूस, जर्मनी, फ्रांस, इजरायल और इटली भेजी गई महाकुंभ की 10 हजार अमिट निशानी - MAHAKUMBH

महाकुंभ को यादगार बनाने की दिशा में ऐतिहासिक पहल. 10 हजार से अधिक अमिट निशानियां विदेश भेजी गई.

Mahakumbh
महाकुंभ (ANI)
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By IANS

Published : Feb 6, 2025, 7:44 PM IST

महाकुंभ नगर : पवित्र त्रिवेणी के किनारे संगम की रेती पर महाकुंभ को यादगार बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल की गई है. रूस, जर्मनी, फ्रांस, इजरायल और इटली तक महाकुंभ की 10 हजार से अधिक अमिट निशानियां भेजी गई हैं, जिनमें प्रयागराज के प्रसिद्ध अमरूद के साथ बेल और केले के पौधे भी शामिल हैं.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हरित और सांस्कृतिक महाकुंभ के विजन को अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष समेत समस्त महामंडलेश्वरों ने सराहा है. महाकुंभ नगर में देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं को महाप्रसाद के रूप में बड़े हनुमान मंदिर और बाघंबरी मठ की ओर से फलदार पौधों के साथ नीम और तुलसी के पौधे भी वितरित किए गए.

बड़े हनुमान मंदिर, संगम तट, प्रयागराज के महंत एवं श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर पूज्य बलवीर गिरि जी महराज के संयोजन में श्रीमठ बाघंबरी गद्दी में अचला सप्तमी महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें महाप्रसाद के रूप में साधु-संतों और श्रद्धालुओं को पौधों के साथ एक थैला और एक थाली भी प्रदान की गई.

श्रीमहंत बलवीर गिरि ने कहा कि एक थैला और एक थाली के साथ ही प्रयाग में पौधा पाने वाला बहुत भाग्यशाली है. वहीं, सीएम योगी द्वारा सम्मानित सबसे कम उम्र के गंगा सेवक पर्यावरणविद् मानस चिरविजय सांकृत्त्यायन ने कहा कि हम अपने मुख्यमंत्री योगी के साथ श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर बलवीर गिरि के आशीर्वाद से हरित महाकुंभ की संकल्पना को पूरा कर रहे हैं.

इस अवसर पर श्रीश्री 1008 महामंडलेश्वर सती गिरि जी महाराज ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही वे महापुरुष हैं, जो संत समाज का सम्मान कर रहे हैं. इनमें महादेव की शक्ति और आदियोगी गोरखनाथ जी की कृपा कार्य कर रही है, जिसकी वजह से न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व के लिए यह महाकुंभ एक ऐतिहासिक अवसर बना.

उन्होंने कहा कि संगम की रेती पर श्रद्धालुओं का ऐसा उत्साह उमड़ा कि विशाल स्थान भी कम पड़ गया. उन्होंने महाकुंभ को हरित क्षेत्र बनाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया. वहीं, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सनातन धर्म के रक्षक और संतों के सेवक के रूप में सराहा.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और मां मनसा देवी मंदिर के श्रीमहंत रवींद्र पुरी, श्रीमहंत राम रतन गिरि, महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद पुरी, श्रीमहंत शंकरानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि, महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानंद, महंत ओमकार गिरि, महंत राधे गिरि ने महाकुंभ के अद्भुत आयोजन को लेकर सीएम योगी के विजन को सराहा है.

ये भी पढ़ें : महाकुंभ में पीएम मोदी, विपक्ष ने काटा बवाल! BJP का पलटवार, आस्था की डुबकी लगाना हिंदुत्व का एजेंडा कैसे?

महाकुंभ नगर : पवित्र त्रिवेणी के किनारे संगम की रेती पर महाकुंभ को यादगार बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल की गई है. रूस, जर्मनी, फ्रांस, इजरायल और इटली तक महाकुंभ की 10 हजार से अधिक अमिट निशानियां भेजी गई हैं, जिनमें प्रयागराज के प्रसिद्ध अमरूद के साथ बेल और केले के पौधे भी शामिल हैं.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हरित और सांस्कृतिक महाकुंभ के विजन को अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष समेत समस्त महामंडलेश्वरों ने सराहा है. महाकुंभ नगर में देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं को महाप्रसाद के रूप में बड़े हनुमान मंदिर और बाघंबरी मठ की ओर से फलदार पौधों के साथ नीम और तुलसी के पौधे भी वितरित किए गए.

बड़े हनुमान मंदिर, संगम तट, प्रयागराज के महंत एवं श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर पूज्य बलवीर गिरि जी महराज के संयोजन में श्रीमठ बाघंबरी गद्दी में अचला सप्तमी महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें महाप्रसाद के रूप में साधु-संतों और श्रद्धालुओं को पौधों के साथ एक थैला और एक थाली भी प्रदान की गई.

श्रीमहंत बलवीर गिरि ने कहा कि एक थैला और एक थाली के साथ ही प्रयाग में पौधा पाने वाला बहुत भाग्यशाली है. वहीं, सीएम योगी द्वारा सम्मानित सबसे कम उम्र के गंगा सेवक पर्यावरणविद् मानस चिरविजय सांकृत्त्यायन ने कहा कि हम अपने मुख्यमंत्री योगी के साथ श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर बलवीर गिरि के आशीर्वाद से हरित महाकुंभ की संकल्पना को पूरा कर रहे हैं.

इस अवसर पर श्रीश्री 1008 महामंडलेश्वर सती गिरि जी महाराज ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही वे महापुरुष हैं, जो संत समाज का सम्मान कर रहे हैं. इनमें महादेव की शक्ति और आदियोगी गोरखनाथ जी की कृपा कार्य कर रही है, जिसकी वजह से न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व के लिए यह महाकुंभ एक ऐतिहासिक अवसर बना.

उन्होंने कहा कि संगम की रेती पर श्रद्धालुओं का ऐसा उत्साह उमड़ा कि विशाल स्थान भी कम पड़ गया. उन्होंने महाकुंभ को हरित क्षेत्र बनाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया. वहीं, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सनातन धर्म के रक्षक और संतों के सेवक के रूप में सराहा.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और मां मनसा देवी मंदिर के श्रीमहंत रवींद्र पुरी, श्रीमहंत राम रतन गिरि, महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद पुरी, श्रीमहंत शंकरानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि, महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानंद, महंत ओमकार गिरि, महंत राधे गिरि ने महाकुंभ के अद्भुत आयोजन को लेकर सीएम योगी के विजन को सराहा है.

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