अनबॉर्न चाइल्ड डे 2024: ऐसे करें जन्म से पहले गर्भस्थ शिशु की देखभाल - Unborn Child Day 2024 - UNBORN CHILD DAY 2024
अनबॉर्न चाइल्ड डे के मौके पर ईटीवी भारत ने स्त्री रोग एवं प्रसव विशेषज्ञ डॉ. अविनाशी कुजूर से बातचीत की. उन्होंने गर्भावस्था में मां और शिशु दोनों की कैसे देखभाल करनी है, इसे लेकर कई जानकारियां दी. Feast day
सरगुजा : मातृत्व शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए गर्भ के दौरान ही बच्चों को सम्पूर्ण पोषण देना जरूरी होता है. इसके साथ ही उन्हें स्वस्थ रखने के लिए सरकार की ओर से कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. इसके बाद भी जन्म के बाद बच्चों में अनेकों प्रकार की समस्याएं आ रही है. गर्भधारण के दौरान की जाने वाली गलतियों के कारण कई बार प्रसूता और नवजात की जान खतरे में पड़ जाती है. इसके साथ ही बच्चों का विकास गर्भ में सही तरीके से नहीं हो पाता है. ऐसे में कई बार बच्चे को गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है.
जानिए विशेषज्ञ की राय:अनबॉर्न चाइल्ड डे के मौके पर अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्त्री और प्रसूति रोग विभाग की एचओडी डॉ. अविनाशी कुजूर से ईटीवी भारत ने बातचीत की. बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि, "गर्भ ठहरने के साथ ही बच्चे का विकास शुरू हो जाता है. बच्चे का पूरा विकास उसकी मां पर ही निर्भर करता है. प्रारंभिक तीन माह में ही बच्चे का विकास हो जाता है. इसलिए जैसे ही गर्भ का पता चलता है, तत्काल डॉक्टर के पास जाकर जांच करानी चाहिए. डॉक्टरों की सलाह और जांच से पहले तीन महीने के अंदर ही पता चल जाता है कि बच्चे का विकास किस तरह हो रहा है. उसमें कोई जन्मजात विकृति तो नहीं आएगी. आजकल सोनोग्राफी और खून की जांच, जिन्हें हम ट्रिपल मार्का कहते है, उसकी सहायता से बच्चों के विकास का पता लगाया जा सकता है."
पहले तीन माह की जांच के दौरान ही इस बात का पता चल सकता है कि प्रसव के दौरान मां को कोई समस्या तो नहीं आएगी. बीपी हाई होने, बच्चे के शरीर में खून सही तरीके से जा रहा है या नहीं, डायबिटीज होने की संभावना सहित अन्य समस्याओं का पता हम पहले तीन माह में ही कर सकते है.- डॉ. अविनाशी कुजूर, स्त्री रोग एवं प्रसव विशेषज्ञ
इन बातों का भी रखें खास ध्यान:डॉ. अविनाशी कुजूर ने कई तरह की सावधानियां गर्भावस्था के दौरान बरते जाने की बात कही. इनमें ये प्रमुख है...
गर्भधारण होने के बाद डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए.
डॉक्टरों की सलाह से ही दवाओं का सेवन करें.
अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिये.
इस दौरान बच्चे के साथ ही साथ मां का ध्यान रखना भी जरूरी है.
गर्भावस्था में हेल्दी खाना खाएं.
जंक फूड से दूर रहे.
पहले 3 माह और 16 से 18 हफ्ते की सोनोग्राफी जरुरी होती है.
इससे बच्चों के विकास या बच्चे में किसी प्रकार के विकृति का पता चलता है.
भविष्य में प्रसव के दौरान मां को कोई समस्या होगी या नहीं.
जांच में समस्याओं का पता चलने के बाद दवाओं का सेवन कर समस्याओं से बचा जा सकता है.
बता दें कि इसके साथ ही इस बात का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए कि जिस अस्पताल में या जिस चिकित्सक से प्रसव करना है, उससे कम से कम तीन से चार जांच करा लें ताकि डॉक्टर को मरीज के बारे में पूरी जानकारी हो. समय पर सुरक्षित डिलीवरी हो सके. स्वस्थ बच्चे के लिए मां को मानसिक तनाव से दूर रखना भी जरुरी है. योग के साथ, ध्यान करने के साथ ही गर्भ संस्कार के नाम से उपलब्ध ऑडियो को भी आप सुन सकते है.