रीवा।मध्य प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार इन दिनों विंध्य दौरे पर हैं. इस दौरान वह बुधवार को रीवा के राजनिवास पहुंचे. जहां कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया. विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष ने पत्रकारवार्ता आयोजित की और प्रदेश की भारतीय जानता पार्टी की सरकार को घेरा. उमंग सिंघार ने कई मुद्दों पर सरकार पर सवालिया निशान लगाए. बढ़ते नशे के मामले में सिंघार ने कहा की 'फिल्म उड़ता पंजाब की तर्ज पर अब उड़ता रीवा होने वाला है. मुझे आश्चर्य होता है की लोग शराब के नशे में होते हैं, लेकिन रीवा में लोग नशीली कफ सिरप कोरेक्स के नशे डूबे हुए हैं.'
नर्सिंग घोटाले का किया जिक्र
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा की विंध्य क्षेत्र हमेशा से कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा है. हम समझते हैं कि पार्टी कोई एक मजबूत दिशा की आवश्यकता है. नर्सिंग घोटाले का जिक्र करते हुए नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा की यहां पर नर्सिंग घोटाले की शुरुआत सरकारी कॉलेज से हुई. जब सीबीआई को पता चला की सरकारी कॉलेज के अंदर सुविधाएं नहीं है, तो आनन फानन में नियम बदल दिए गए. हमारी इसमें लड़ाई ये है की फर्जी कॉलेज खोलने की परमिशन किसने दी. नियम किसने बदले, कौन सीटों के नाम पर दलाली कर रहा था. विश्वास सारंग और उनके महेंद्र गुप्ता की सरकार जांच नहीं करा रही, क्यों सीबीआई इनकी जांच नहीं कर रही है.
जिसे मिलेगी फर्जी डिग्री, उसका इलाज राम भरोसे
नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा की जिन्होंने युवाओं और उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया. कई वर्ष तक परीक्षाएं नहीं हुई. फर्जी डिग्रियां दी गई. जिसे फर्जी डिग्री दी जाएगी, वह मरीज का इलाज कैसे करेंगे, वह राम भरोसे ही होगा. इस तरह के घोटाले भविष्य में दोबारा न हो इसके लिए हम लड़ाई लड़ते रहेंगे.
फिल्म उड़ता पंजाब की तरह उड़ता रीवा होगा
स्वास्थ्य और नशे की बात करें तो फिल्म उड़ता पंजाब की तरह उड़ता रीवा होने वाला है. जिस प्रकार से यहां कोरेक्स की टॉनिक चल रही है. मुझे आश्चर्य लगा की लोग शराब के नशे में होते हैं, लेकिन यहां तो कोरेक्स के नशे में डूबे हुए हैं. यह बड़े दुख की बात है की उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल वह यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने गए और नशे के विरूद्ध कर्रवाई के लिए मदद मांगी, मुझे लगता है कि राजेन्द्र शुक्ल ने खुद बता दिया, कि वह असक्षम हैं, वह अपने रीवा को नहीं संभाल पा रहें हैं. इसके पीछे जो जिम्मेदार अधिकारी है, उन पर कार्रवाई की जानी चाहिए.