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यूपी के 940 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में लगेंगी अल्ट्रासाउंड मशीनें, लखनऊ से हुई शुरुआत - ULTRASOUND MACHINES INSTALLED LKO

जिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ये सुविधाएं हैं, वह पुरानी हो चुकी हैं, या फिर बंद पड़ी हैं.

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लखनऊ: प्रदेश के 940 सीएचसी में लगेंगी अल्ट्रासाउंड मशीन (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 28, 2024, 4:59 PM IST

लखनऊ : राजधानी के गुडंबा, नगराम और बेहटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर अल्ट्रासाउंड जांच शुरू हो गई है. अब इसके आधार पर प्रदेश के अन्य 940 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर, अल्ट्रासाउंड मशीनें स्थापित की जाएगी. लखनऊ के कुछ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहले से ही अल्ट्रासाउंड मशीन लगी हुई हैं. लेकिन उनकी स्थिति बिल्कुल ठीक नहीं. जिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ये सुविधाएं हैं, वह पुरानी हो चुकी हैं, या फिर बंद पड़ी हैं.

ऐसे में लखनऊ समेत अन्य जिलों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी अल्ट्रासाउंड मशीन स्थापित कराई जाएगी. फिलहाल इन तीन सीएचसी पर सोनोलॉजिस्ट के जरिए अल्ट्रासाउंड जांच करवाई जाएगी. अभी तक इन सीएचसी में अल्ट्रासाउंट मशीन न होने के कारण गर्भवती और दूसरे सामान्य मरीजों को, अल्ट्रासाउंड जांच के लिए दूसरी सीएचसी या निजी केंद्रों पर जाना पड़ता था.

शहर में 19 सीएचसी का संचालन हो रहा है. किसी भी सीएचसी पर रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती नहीं है. ऐसे में उनकी जगह पर अल्ट्रासाउंड जांच में दक्ष सोनोलॉजिस्ट की तैनाती दी गई है. जिले में करीब 10 सोनोलॉजिस्ट हैं, जिनकी अलग-अलग दिन पर हर सीएचसी पर जांच के लिए ड्यूटी लगाई जाती है.

चौक के सिल्वर जुबली, मोहनलालगंज, हजरतगंज एनके रोड, अलीगंज समेत अन्य दूसरी सीएचसी पर सोनोलॉजिस्ट तैनात हैं. वहीं, गुडंबा, नगराम और बेहटा सीएचसी पर अल्ट्रासाउंड की सुविधा अभी तक नहीं थी. ऐसे में इन सीएचसी पर आने वाली गर्भवती और दूसरे सामान्य मरीजों को जांच के लिए निजी केंद्र पर जाना पड़ रहा था. कॉरपोरेशन से तीन अल्ट्रासाउंड मशीन विभाग को मिलने के बाद उन्हें स्थापित करा दिया गया है.

अब इन तीनों सीएचसी पर मरीजों का अल्ट्रासाउंड होगा. इसके अलावा चिनहट, आलमबाग के चंदर नगर, हजरतगंज के एनके रोड सीएचसी की अल्ट्रासाउंड मशीन काफी पुरानी हो चुकी हैं. इस वजह से ज्यादातर खराब रहती हैं. ऐसे में यहां पर जांच बीच- बीच में ठप हो जाती है. गर्भवती व सामान्य मरीज जांच के लिए नजदीकी सीएचसी या निजी केंद्र पर भटकना पड़ता है.

स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ डॉ. एनबी सिंह ने बताया कि किसी भी नई चीज की जब शुरुआत होती है, तो पहले एक दो जगह देखते हैं कि वह सफल है या नहीं. अगर वह सफल होती है, मरीज उससे लाभान्वित होते हैं, तो इसे अन्य जगहों पर भी लाया जाता है. लखनऊ के तीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अल्ट्रासाउंड मशीन स्थापित की गई है. यहां से एक सकारात्मक फीडबैक मिल रहा है. अब इसी के आधार पर प्रदेश के अन्य 940 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अल्ट्रासाउंड मशीन लगाने के लिए सरकार से मांग की जाएगी.

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