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राम का नाम लेकर सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर जमकर बोला हमला, ब्रजेश पाठक ने मिल्कीपुर में विपक्ष का सूपड़ा साफ होने का किया दावा - AYODHYA RAM TEMPLE

ब्रजेश पाठक ने एचवीएमपी वायरस को लेकर कहा- चिंता की बात नहीं, हल्का जुकाम होता है और 3 दिन में ठीक हो जाता

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सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर साधा निशाना (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 12, 2025, 9:12 PM IST

अयोध्या: राज्यसभा सांसद और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी रविवार को अयोध्या में आयोजित महर्षि महेश योगी के 108वीं जयंती कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने राम मंदिर के प्रथम वर्षगांठ को याद करते हुए कांग्रेस पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जो राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में नहीं आए उनसे बड़ा अभागा कौन हो सकता है. वह राम मंदिर में तो नहीं आए थे, लेकिन बाबर की कब्र पर जाते हुए तीन वीडियो सामने आया है. पहला वीडिओ 1959 में जवाहरलाल नेहरू, 1968 में इंदिरा गांधी और 2005 में राहुल गांधी गए, जिसके बाद उनकी क्या स्थिति हुई जब राम मंदिर आंदोलन शुरू हुआ, तो उनके पास 400 सीटें थी. उसके बाद कभी उन्हें बहुमत नहीं मिला है.

वहीं प्राण प्रतिष्ठा के एक वर्ष पूर्ण हुए है. 500 सालों के बाद ये अवसर आया था और उन्होंने कहा कि लोग कहते थे कि मंदिर वहीं बनाएंगे तारीख नहीं बताएंगे, वे लोग तारीख का रहस्य नहीं समझ पा रहे थे कि भगवान राम इस बात का इंतजार कर रहे थे कि जब वे प्राण प्रतिष्ठित होंगे तब जिले का नाम फैजाबाद की जगह अयोध्या रहेगा, प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहला महाकुंभ इलाहाबाद में नहीं प्रयागराज में होगा और इस बात की प्रतीक्षा कर रहे थे कि कर्मयोगी प्रधानमंत्री आएगा और प्रदेश में एक योगी मुख्यमंत्री आएगा और भारत को पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बाद विराजमान हुए है.

त्रिवेदी ने कहा कि स्वतंत्र भारत में एक ऐसा विचित्र वक्फ बोर्ड का कानून लाया गया. स्वतंत्रता दिवस के लिए 1947 की तिथि है लेकिन वक्फ के लिए 15 अगस्त 1947 क्यों नहीं है और ये भारत के सेकुलर संविधान के लिए सबसे बड़ा आघात है. इसलिए जिन आधारों पर दावे किए जा रहे हैं. सूरत नगर निगम की जमीन पर दावा है कि मुगल काल के आधार को लेकर तमिलनाडु के कृष्णापल्ली के मंदिर पर दावा है कि 1562 में नवाब ने दिया था. उस जमाने में मुगल काल रियासतों के फरमान, जो सरिया के विधान को मानते थे. जिसका प्रॉपर्टी पर हक नहीं होना चाहिए. उस जमाने की फरमान स्वतंत्र भारत के सेकुलर संविधान में कैसे आ गया. इसलिए यहां के संविधान के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. इसलिए अब सभी दलों को इस बारे में ईमानदारी से विचार करना चाहिए.

महर्षि महेश योगी के 108वीं जयंती कार्यक्रम में डिप्टी सीएम (Video Credit; ETV Bharat)

वहीं उत्तर प्रदेश की डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक अयोध्या में आयोजित महर्षि महेश योगी के 108वीं जयंती में शामिल हुए दौरान हवन कुंड में पहुंचकर आहुति भी डाली. इस दौरान उन्होंने कहा कि रामलला के मंदिर के लोकार्पण के उपरांत एक वर्ष पूरा होकर एक दिन और हो गया है. प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि आज जिस प्रकार से राम मंदिर निर्माण में पूर्णता प्रदान हुई है. वह अदभुद है और अलौकिक है, वहीं मिल्कीपुर में प्रचंड बहुमत के साथ जीत होगी और विपक्ष का पूरी तरह से सूपड़ा साफ होगा. वहीं कहा कि महाकुंभ में पूरी तैयारी हो गई है जिसे हम लोग स्वयं देखकर के आये हैं और एक दिव्या महाकुंभ संपन्न होने जा रहा है. वहीं फैल रहे एचवीएमपी वायरस को लेकर भी कहा कि कोई चिंता की बात नहीं है. हल्का जुकाम होता है और 3 दिन में ठीक हो जाता है. वहीं कहा कि अयोध्या में रामायण विश्वविद्यालय का जो सपना देखा गया था आज वह पूरा हो रहा है. जिससे भारत के संस्कृति की एक रिसर्च करने के साथ-साथ सभी विषयों की शिक्षा भी प्राप्त होगी.

यह भी पढ़ें : रामनगरी में बोले सीएम योगी, जाति और भाषा के आधार पर विभाजित हुए तो धार्मिक स्थलों को भुगतना पड़ेगा खामियाजा

अयोध्या: राज्यसभा सांसद और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी रविवार को अयोध्या में आयोजित महर्षि महेश योगी के 108वीं जयंती कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने राम मंदिर के प्रथम वर्षगांठ को याद करते हुए कांग्रेस पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जो राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में नहीं आए उनसे बड़ा अभागा कौन हो सकता है. वह राम मंदिर में तो नहीं आए थे, लेकिन बाबर की कब्र पर जाते हुए तीन वीडियो सामने आया है. पहला वीडिओ 1959 में जवाहरलाल नेहरू, 1968 में इंदिरा गांधी और 2005 में राहुल गांधी गए, जिसके बाद उनकी क्या स्थिति हुई जब राम मंदिर आंदोलन शुरू हुआ, तो उनके पास 400 सीटें थी. उसके बाद कभी उन्हें बहुमत नहीं मिला है.

वहीं प्राण प्रतिष्ठा के एक वर्ष पूर्ण हुए है. 500 सालों के बाद ये अवसर आया था और उन्होंने कहा कि लोग कहते थे कि मंदिर वहीं बनाएंगे तारीख नहीं बताएंगे, वे लोग तारीख का रहस्य नहीं समझ पा रहे थे कि भगवान राम इस बात का इंतजार कर रहे थे कि जब वे प्राण प्रतिष्ठित होंगे तब जिले का नाम फैजाबाद की जगह अयोध्या रहेगा, प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहला महाकुंभ इलाहाबाद में नहीं प्रयागराज में होगा और इस बात की प्रतीक्षा कर रहे थे कि कर्मयोगी प्रधानमंत्री आएगा और प्रदेश में एक योगी मुख्यमंत्री आएगा और भारत को पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बाद विराजमान हुए है.

त्रिवेदी ने कहा कि स्वतंत्र भारत में एक ऐसा विचित्र वक्फ बोर्ड का कानून लाया गया. स्वतंत्रता दिवस के लिए 1947 की तिथि है लेकिन वक्फ के लिए 15 अगस्त 1947 क्यों नहीं है और ये भारत के सेकुलर संविधान के लिए सबसे बड़ा आघात है. इसलिए जिन आधारों पर दावे किए जा रहे हैं. सूरत नगर निगम की जमीन पर दावा है कि मुगल काल के आधार को लेकर तमिलनाडु के कृष्णापल्ली के मंदिर पर दावा है कि 1562 में नवाब ने दिया था. उस जमाने में मुगल काल रियासतों के फरमान, जो सरिया के विधान को मानते थे. जिसका प्रॉपर्टी पर हक नहीं होना चाहिए. उस जमाने की फरमान स्वतंत्र भारत के सेकुलर संविधान में कैसे आ गया. इसलिए यहां के संविधान के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. इसलिए अब सभी दलों को इस बारे में ईमानदारी से विचार करना चाहिए.

महर्षि महेश योगी के 108वीं जयंती कार्यक्रम में डिप्टी सीएम (Video Credit; ETV Bharat)

वहीं उत्तर प्रदेश की डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक अयोध्या में आयोजित महर्षि महेश योगी के 108वीं जयंती में शामिल हुए दौरान हवन कुंड में पहुंचकर आहुति भी डाली. इस दौरान उन्होंने कहा कि रामलला के मंदिर के लोकार्पण के उपरांत एक वर्ष पूरा होकर एक दिन और हो गया है. प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि आज जिस प्रकार से राम मंदिर निर्माण में पूर्णता प्रदान हुई है. वह अदभुद है और अलौकिक है, वहीं मिल्कीपुर में प्रचंड बहुमत के साथ जीत होगी और विपक्ष का पूरी तरह से सूपड़ा साफ होगा. वहीं कहा कि महाकुंभ में पूरी तैयारी हो गई है जिसे हम लोग स्वयं देखकर के आये हैं और एक दिव्या महाकुंभ संपन्न होने जा रहा है. वहीं फैल रहे एचवीएमपी वायरस को लेकर भी कहा कि कोई चिंता की बात नहीं है. हल्का जुकाम होता है और 3 दिन में ठीक हो जाता है. वहीं कहा कि अयोध्या में रामायण विश्वविद्यालय का जो सपना देखा गया था आज वह पूरा हो रहा है. जिससे भारत के संस्कृति की एक रिसर्च करने के साथ-साथ सभी विषयों की शिक्षा भी प्राप्त होगी.

यह भी पढ़ें : रामनगरी में बोले सीएम योगी, जाति और भाषा के आधार पर विभाजित हुए तो धार्मिक स्थलों को भुगतना पड़ेगा खामियाजा

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