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महाकाल के लड्डुओं में क्या क्या है मिला, प्रसाद ग्रहण करने से पहले जान लें एक एक ब्यौरा

उज्जैन के महाकाल मंदिर के प्रसिद्ध लड्डुओं की शुद्धता पर उठी आशंकाओं के बाद कुछ भक्तों द्वारा निजी और सरकारी लैब में करवाई गई जांच

MAHAKAL TEMPLE LADDUS CHECK
महाकाल के लड्डुओं में क्या क्या है मिला (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 9, 2024, 6:13 PM IST

Updated : Oct 9, 2024, 7:22 PM IST

उज्जैन:देश के सबसे प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट की खबर पिछले दिनों खूब चर्चा में रही. प्रसाद में मिलावट की खबर सामने आने के बाद देशभर में तहलका मच गया. वहीं नेताओं ने भी इस मुद्दे पर जमकर सियासत की. इसके बाद देश के कई बड़े मंदिरों के प्रसाद की जांच की गई. इसी क्रम में मध्य प्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर में भी लड्डूओं की शुद्धता की जांच की गई थी. सामने आई रिपोर्ट में लड्डूओं को पूरी तरह शुद्ध घोषित किया गया है.

उज्जैन में पिछले दिनों महाकाल मंदिर के लड्डूओं की जांच कराई गई थी. जिसकी जांच रिपोर्ट सामने आ गई है. जांच रिपोर्ट में महाकाल मंदिर के लड्डुओं में उपयोग होने वाली सभी सामग्रियों जैसे घी, बेसन, शक्कर, इलायची, और ड्रायफ्रूट्स को पूर्ण रूप से शुद्ध और सुरक्षित पाया गया है. इस जांच में इंदौर की निजी लैब PIOUS LAB PVT LTD और भोपाल की सरकारी लैब की रिपोर्ट शामिल है. रिपोर्ट में बताया गया है कि लड्डू में कोई भी हानिकारक या अशुद्ध पदार्थ नहीं पाया गया है. सभी मानकों पर ये लड्डू खरे उतरे हैं.

महाकाल मंदिर के प्रसाद की जांच (ETV Bharat)

फाइव स्टार हाइजीन रेटिंग

महाकाल मंदिर के लड्डुओं को पहले से ही 5 स्टार हाइजीन रेटिंग प्राप्त है. हर दिन करीब 50 क्विंटल लड्डू बनाए जाते हैं. इसके लिए 50 से अधिक लोग 10 घंटे तक काम करते हैं. फूड सेफ्टी ऑफिसर बसंत दत्त शर्मा ने बताया कि 'तिरुपति विवाद के बाद एक भक्त ने लड्डू का पैकेट लाकर दिया था, जिसे इंदौर और भोपाल की लैब में भेजा गया. जांच के परिणाम में लड्डू पूरी तरह से शुद्ध पाए गए.

जांच रिपोर्ट में मिली शुद्धता (ETV Bharat)

जांच के प्रमुख निष्कर्ष

  1. एडेड कलर: अनुपस्थित
  2. एक्स्ट्रेनियस मैटर: अनुपस्थित
  3. विजिबल फंगस: अनुपस्थित
  4. विजिबल इंसेक्ट: अनुपस्थित
  5. स्टार्च: अनुपस्थित

इस रिपोर्ट से स्पष्ट है कि महाकाल के लड्डू शुद्धता और गुणवत्ता की दृष्टि से पूरी तरह सुरक्षित हैं. इन्हें श्रद्धालु निःसंकोच प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकते हैं.

टेस्टिंग लैब में जांची गई शुद्धता (ETV Bharat)

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क्या है तिरुपति मंदिर प्रसाद मिलावट मामला

गौरतलब है कि 18 सितंबर को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री व टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के आरोप से देशभर की सियासत गरमा गई. चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि तिरुपति बालाजी के प्रसाद में उपयोग होने वाला कथित देसी घी जानवरों की चर्बी वाली वसा से बना है. यह खुलासा करते ही देश की राजनीति में भूचाल आ गया. वहीं आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम जगमोहन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका लगाई है. जिसमें उन्होंने छवि धूमिल करने की बात कही है.

Last Updated : Oct 9, 2024, 7:22 PM IST

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