उज्जैन। पीएम मोदी ने 11 अक्टूबर 2022 को उज्जैन महाकाल लोक में बने कॉरिडोर का लोकार्पण किया था. पीएम मोदी के लोकार्पण के बाद यह कॉरिडोर आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया था. महाकाल लोक बनने के बाद लाखों की संख्या में श्रद्धालु रोज महाकाल मंदिर पहुंच रहे हैं. वहीं महाकाल लोक बनने के बाद कुछ ही महीनों बाद तेज आंधी और तूफान में महाकाल लोक में रखी सप्त ऋषियों की मूर्ति टूटकर गिर गईं थी. जिसके बाद दोबारा मूर्तियों को स्थापित किया गया. अब एक बार फिर से इन मूर्तियों में बदलाव किया जा रहा है.
महाकाल लोक की 8 मूर्तियों में बदलाव
धर्मनगरी उज्जैन में स्थित महाकाल लोक में सप्त ऋषियों की प्रतिमाएं आंधी तूफान में गिर गई थी. इसके बाद शासन-प्रशासन ने मूर्तियों को नए सिरे से महाकाल लोक में स्थापित करवाया था, लेकिन अब फिर एक बार महाकाल लोक की प्रतिमाओं को लेकर बदलाव किया जा रहा है. जिसका काम भी शुरू हो गया है. ओडिशा से उज्जैन पहुंचे कलाकारों ने 8 मूर्तियों को बनाने का काम शुरू कर दिया है. पहले फेज में सप्त ऋषियों की और एक शिव की मूर्तिया बनेगी. जिसके बाद अन्य मूर्तियों को भी बदला जाएगा. बताया जा रहा है कि इस बार पत्थर की मूर्तियां स्थापित की जा रही है.
सप्त ऋषियों की मूर्ति पर करीब 30 करोड़ का खर्च
महाकाल लोक में 11 करोड़ की लागत से 106 मूर्तियां लगी हुई है. जो कि जो कि FRP फाइबर रीइंफोर्स प्लास्टिक की है. 1 मूर्ति 11 लाख रुपए की कीमत की है. जिसकी उम्र 10 साल है. ये सभी गुजरात, ओडिशा, राजस्थान के कलाकारों ने 5 साल में बनाई थी. अब जो पत्थर से बन रही है. उनकी बात करें तो बंशी पहाड़पुर के पत्थर पर मूर्तियां बनाई जाएगी. जर मूर्ति 15 फूट ऊंची होगी. एक मूर्ति पर 23 से 50 लाख खर्च आएगा. इस तरह 106 मूर्तियों पर 30 करोड़ खर्च होने की संभावना है.