भोपाल: यूनियन कार्बाइड का कचरा पीथमपुर भेजे जाने और मुख्यमंत्री मोहन यादव के बयान पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सवाल खड़े किए हैं. जीतू पटवारी ने कहा कि "मुख्यमंत्री से लेकर अब अधिकारी तक दावा कर रहे हैं कि कचरे की विषाक्तता खत्म हो गई. लेकिन सवाल ये है कि क्या मुख्यमंत्री ने कभी इसका अध्ययन किया है. इस तरह के बयान बताते हैं कि सरकार की इसको लेकर गंभीरता कम है." कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि आखिर यूनियन कार्बाइड की जमीन को कौन खरीदना चाहता है.
'अगर जहर खत्म हो गया तो कचरा पीथमपुर क्यों जा रहा'
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पटवारी ने कहा कि "स्थानीय स्तर पर विरोध के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि 25 साल में कचरे का जहर अपने आप खत्म हो जाता है. यदि इसका जहर खत्म हो गया तो फिर सरकार उसे पीथमपुर में ही क्यों जला रही है. इस कचरे को भोपाल में ही जलाया जा सकता है. आखिर इसको जलाने पर सरकार 121 करोड़ रुपए क्यों खर्च कर रही है. आखिर गैस त्रासदी के नाम पर सरकार 5 हजार करोड़ का बजट क्यों रखती आ रही है."
जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि "इस तरह का बयान देने वाले क्या खुद वैज्ञानिक हैं. इसको लेकर विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं." पीसीसी चीफ ने कहा कि "रामकी कंपनी में जलाए जाने वाले अपशिष्ट पदार्थों से आसपास के 10 किलोमीटर क्षेत्र में रहने वाले लोगों और फसलों पर इसका असर हुआ है."
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यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री की जमीन पर आवास बनाने की मांग
जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि "सरकार रामकी कंपनी को पैसे एक माह पहले ही दे चुकी थी, फिर आखिर आनन-फानन में इसके कचरे को क्यों पीथमपुर भेजा गया. यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री की जमीन ऑक्शन में है और आखिर इसे कौन खरीदना चाहता है. यदि कचरे की विषाक्तता खत्म हो गई है, तो फिर यूनियन कार्बाइड की खाली पड़ी जमीन पर सरकार गैस पीड़ितों की कॉलोनी क्यों नहीं बसा देती." उन्होंने सरकार से मांग की है कि कचरे को जलाने से होने वाले नुकसान को लेकर सरकार अध्ययन कराए और रिपोर्ट के बाद ही इस पर निर्णय लिया जाए.