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कलेक्टर ने देवी को क्यों चढ़ाई मदिरा? मदिरा की धार और अतृप्त आत्माओं की कहानी - 24 KHAMBA MATA TEMPLE UJJAIN

उज्जैन में महाअष्टमी और नवमी पर्व पर की गई 24 खंबा मंदिर की पूजा, 27 किलोमीटर तक बही मदिरा की धार

24 KHAMBA MATA TEMPLE UJJAIN
उज्जैन में की गई 24 खंबा मंदिर की पूजा (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 11, 2024, 1:54 PM IST

उज्जैन: शुक्रवार को पूरे देश में महाअष्टमी और नवमी का पर्व मनाया जा रहा है, जिसमें मंदिरों से लेकर घरों तक में पूजा की जा रही है. वहीं उज्जैन के महाकाल मंदिर के पास विराजित 24 खंबा माता मंदिर महामाया में कलेक्टर के द्वारा माता की आरती की गई और माता को मदिरा का भोग लगाया गया. यह मदिरा की धार 27 किलोमीटर तक शहर के जितने भी माता मंदिर और भैरव मंदिर आएंगे, उन सभी पर चढ़ाई जाएगी. यह परंपरा राजा विक्रमादित्य के समय से चली आ रही है.

जानिए उज्जैन के 24 खंबा माता मंदिर का इतिहास

शुक्रवार को चौबीस खंबा मंदिर से सुबह 7:30 बजे शुरू हुई नगर पूजा का समापन रात में हांडीफोड़ भैरव मंदिर पर होगा. इस दौरान नगर के 40 से अधिक देवी व भैरव मंदिरों में पूजा अर्चना की जाएगी. नगर की पूजा कर माता से नगर की सुख-समृद्धि और प्राकृतिक प्रकोप से रक्षा की कामना की जाती है. वहीं घरों में भी कुल देवी का पूजन महाअष्टमी पर किया जाता है. तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध उज्जैन के चारों द्वार पर भैरव व देवी विराजित हैं, जो आपदा-विपदा से नगर की रक्षा करते हैं. चौबीस खंबा माता भी उनमें से एक हैं. यह मंदिर करीब 1000 साल पुराना बताया जाता है. मंदिर पर एक शिला-लेख भी है, जिसके अनुसार इस मंदिर में पशु बलि की प्रथा भी चलन में थी, लेकिन 12वीं शताब्दी में उस पशु बलि की प्रथा को प्रतिबंधित कर दिया गया.

उज्जैन में महाअष्टमी और नवमी पर्व पर की गई 24 खंबा मंदिर की पूजा (ETV Bharat)

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मदिरा भोग की मान्यता

कहा जाता है उज्जयिनी के राजा सम्राट विक्रमादित्य के शासन काल से ही चौबीस खंबा माता मंदिर में नगर पूजन किया जाता है. सम्राट विक्रमादित्य माता महालाया और महामाया के साथ ही भैरव का पूजन कर नगर पूजा करते थे, जिससे नगर में समृद्धि और खुशहाली बनी रहे. किसी बीमारी या प्राकृतिक प्रकोप का भय नहीं रहे इसीलिए नवरात्रि पर्व के महाअष्टमी पर पूजन कर माता और भैरव को भोग लगाया जाता है. लोगों ने बताया कि मदिरा का भोग लगाने के बाद पूरे नगर में मदिरा की धार इसलिए भी लगाई जाती है कि अतृप्त आत्माएं भी तृप्त होकर नगर की रक्षा करें.

24 खंबा माता मंदिर में पूजा करते हुए जिला कलेक्टर (ETV Bharat)

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