भोपाल : साइबर ठगों के मायाजाल से लोगों को बचाने के लिए भोपाल पुलिस और बैंक अधिकारियों की बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में ऑनलाइन ठगी के प्रकार, तरीके और इससे बचने के उपायों के बारे में बताया गया.
इस प्रकार से होती है आनलाइन धोखाधड़ी
- फिशिंग इसमें ठग आपको नकली ईमेल या मैसेज भेजते हैं, जो वास्तविक कंपनियों या संगठनों जैसे दिखते हैं, लेकिन वास्तव में आपकी व्यक्तिगत जानकारी चोरी करने के लिए होते हैं.
- विशिंग इसमें ठग आपको नकली वेबसाइट्स पर ले जाते हैं, जो वास्तविक वेबसाइट्स जैसी दिखती हैं, लेकिन वास्तव में आपकी व्यक्तिगत जानकारी चोरी करने के लिए होती हैं.
- मैलवेयर इसमें ठग आपके डिवाइस में मैलवेयर स्थापित करते हैं, जो आपकी व्यक्तिगत जानकारी चोरी कर सकता है या आपके डिवाइस को नुकसान पहुंचा सकता है.
- सोशल इंजीनियरिंग इसमें ठग आपको मनाने की कोशिश करते हैं कि आप अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करें या कुछ ऐसा करें, जिससे आपको नुकसान हो सकता है.
- क्लोनिंग इसमें ठग आपके बैंक खाते या क्रेडिट कार्ड की जानकारी चोरी करते हैं और उसका उपयोग आपके पैसे चोरी करने के लिए करते हैं.
- स्मिशिंग इसमें ठग आपको नकली एसएमएस भेजते हैं, जो वास्तविक कंपनियों या संगठनों जैसे दिखते हैं, लेकिन वास्तव में आपकी व्यक्तिगत जानकारी चोरी करने के लिए होते हैं.
- वायरस और ट्रोजन इसमें ठग आपके डिवाइस में वायरस या ट्रोजन स्थापित करते हैं, जो आपकी व्यक्तिगत जानकारी चोरी कर सकते हैं या आपके डिवाइस को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
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ये हैं साइबर ठगी के नए तरीके
डर का इस्तेमाल
साइबर अपराधी लोगों को डरा धमकाकर ठगी करते हैं. वे पुलिस स्टेशन जैसे सेटअप से विडियो कॉल कर विक्टिम को बुरी तरह डराते हैं. आधार कार्ड, पैन कार्ड की डिटेल बताकर विक्टिम को यकीन दिलाते हैं कि आपका संदिग्ध एक्टिविटी में नाम आ चुका है.