गोपालगंज: कुवैत के अल-मंगफ इमारत में लगी आग में 45 भारतीयों की मौत हो गयी थी. इनमें गोपालगंज जिले के गोपालपुर थाना क्षेत्र के सपहां गांव निवासी रामधारी सिंह के 45 वर्षीय पुत्र शिव शंकर सिंह कुशवाहा और पंचदेवरी प्रखंड के बनकटिया टोला कली छापर गांव निवासी रघुनाथ गिरी के 35 वर्षीय बेटे अनिल गिरी शामिल हैं. शुक्रवार की देर शाम तक शव दिल्ली एंबेसी पहुंचा था. वहां से शनिवार की सुबह पटना लाया गया. जहां से बिहार सरकार की देखरेख में गोपालगंज स्थित उनके पैतृक निवास पर शव पहुंचाया गया.
कैसे हुई मौतः मिली जानकारी के अनुसार हादसा वाले दिन शिवशंकर सिंह कुशवाहा अल-मंगफ इमारत में काम कर रहा था. जिस वजह से वो आग की चपेट में आ गया और उसकी मौत हो गई. शिवशंकर पिछले एक दशक से कुवैत में रहकर कंपनी में फोरमेन के पद पर काम कर रहा था. जबकि, अनिल गिरी एनबीटीसी कंपनी में फेब्रिकेशन का काम करता था. वहां अपने एक रिश्तेदार के साथ रहता था.
होनी को कुछ और मंजूर थाः शिव शंकर सिंह की पार्थिव शरीर जैसे ही उनके गांव पहुंचा, अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. शिव शंकर का साला अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि बेटों को पढ़ाने के लिए अंतिम बार कुवैत कमाने गया था, जहां अग्निकांड में उसकी मौत हो गयी. अखिलेश के अनुसार शिव शंकर ने कहा था कि आखिरी बार कुवैत जा रहे हैं, फिर नहीं जाएंगे. इसके बाद परिवार के साथ ही जिंदगी बिताएंगे. लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था.