उत्तरकाशी:यमुनोत्री हाईवे पर चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत सिलक्यारा सुरंग के निर्माण की गति भले ही अभी धीमी हो. लेकिन निर्माण पूरी तरह से सुरक्षा मानकों के अनुरूप हो रहा है. सुरंग के अंदर और बाहर अभी काफी कार्य होने बाकी हैं. सिलक्यारा पर दो कंट्रोल रूम बनाए जाने हैं. इनमें से एक पर कार्य शुरू हो चुका है. जबकि दूसरे का कार्य वन विभाग से पेड़ों के पातन की स्वीकृति न मिलने के कारण रूका है. इसलिए सिलक्यारा सुरंग का निर्माण पूरा होने और उसे संचालित होने में 2026 तक का समय लग सकता है.
गौर है कि सिलक्यारा सुरंग में 12 नवंबर 2023 को हुए भूस्खलन के बाद अंदर 41 श्रमिक फंस गए थे. उन्हें 17 दिन चले बचाव अभियान के बाद 28 नवंबर को सुरक्षित निकाला जा सका था. भूस्खलन के साथ ही 12 नवंबर 2023 की सुबह से ही सुरंग निर्माण का कार्य भी ठप है. साढ़े चार किमी लंबी सिलक्यारा सुरंग में करीब 480 मीटर की खुदाई शेष है. बीती 23 जनवरी 2024 को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय स्तर से सुरक्षा के साथ कार्य शुरू करने की अनुमति के बाद सुरंग की खुदाई को छोड़कर अभी अन्य निर्माण कार्य चल रहे हैं.
आने-जाने के लिए अलग-अलग लेन: एनएचआईडीसीएल के परियोजना प्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल कहते हैं कि सुरंग में आने और जाने के लिए अलग-अलग लेन होंगी. जिससे सुरंग की सेंटर (डिवाइडर) वाल दो हिस्सों में बंटेगी. एकीकृत नियंत्रण प्रणाली के तहत सुरंग के अंदर की गतिविधि के स्वचालन में सहायता मिलेगी. इसमें सांख्यिकीय डेटा का रखरखाव, संग्रह और विश्लेषण, आपातकालीन सेंसर, वायु गुणवत्ता और वेंटिलेशन सिस्टम का संचालन कंट्रोल रूम से होगा.