रांची:झारखंड में 31 जनवरी 2024 के बाद से चले राजनीतिक घटनाक्रम में एक के बाद एक सत्ताधारी गठबंधन को सफलता मिलती रही है. हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद चंपई सोरेन का शपथ लेना और फिर आज विधानसभा में 47-29 से विश्वास मत जीतना, सब कुछ महागठबंधन के नेताओं द्वारा बनाई गई रणनीति के तहत हो रहा है. लेकिन विश्वास मत के बाद चंपई सोरेन के लिए आगे कैबिनेट विस्तार इतना आसान नहीं दिख रहा है. कम से कम कांग्रेस के लिए आलमगीर आलम को छोड़कर बाकी तीनों मंत्रियों को रिपीट करना आसान नहीं दिख रहा है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि विश्वास मत के बाद कई कांग्रेस विधायकों ने खुलकर मंत्री का चेहरा बदलने और नए चेहरों को मौका देने की मांग की तो कुछ ने कैमरे से दूर हटकर अपनी बात रखी है.
इन विधायकों ने ठोकी दावेदारी:विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के बाद चंपई सोरेन सरकार के विश्वास मत जीतने की खुशी के साथ ही डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि अब कम से कम कांग्रेस कोटे से पिछली सरकार में मंत्री रहे लोगों को बदला जाना चाहिए. अपनी योग्यता बताते हुए उन्होंने कहा कि मैं एमबीबीएस, एमडी डॉक्टर हूं, हमारा वोट यानी अल्पसंख्यक वोट भी 18% के करीब है. ऐसे में मंत्री के लिए मेरी दावेदारी बनती है. इसी तरह ओबीसी समुदाय से आने वाले उमाशंकर यादव 'अकेला' कहते हैं कि अब नए चेहरों को मौका मिलना चाहिए, एक आलमगीर आलम मंत्री बन गए हैं, उन्हें हटाया नहीं जा सकता, लेकिन बाकी कांग्रेस कोटे से तीन मंत्रियों को लिए नए लोगों को मौका मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी दावेदारी से आलाकमान को भी अवगत करा दिया है.
ये विधायक भी चाहते हैं मंत्री पद:इनके अलावा अंबा प्रसाद, दीपिका पांडे सिंह, प्रदीप यादव, अनुप सिंह जैसे कई विधायक हैं जो खुलकर तो मंत्री पद की इच्छा नहीं जताते, लेकिन ऑफ द रिकॉर्ड वे भी मंत्री पद पाने की चाहत रखते हैं. ऐसे में आने वाले दिनों में जब चंपई सोरेन की सरकार में मंत्रियों की संख्या बढ़ेगी तो कांग्रेस की ओर से रामवेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख जैसे पुराने मंत्रियों का नाम पार्टी आगे करेगी या फिर उनकी जगह कोई नया नाम आगे बढ़ाया जाएगा. ये देखना अहम होगा.