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सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने महिला के पेट से निकाला आठ किलो का ट्यूमर - Tumor operation in civil hospital - TUMOR OPERATION IN CIVIL HOSPITAL

हजरतगंज स्थित सिविल अस्पताल (Tumor operation in civil hospital ) के सर्जन डॉ. आनंद मिश्रा व उनकी टीम ने एक महिला के पेट से आठ किलो का ट्यूमर निकालने में सफलता हासिल की है. ट्यूमर की वजह से महिला की हीमोग्लोबिन महज तीन प्वाइंट बचा था. इसके अलावा आंतों और पेशाब नली में भी परेशानी थी.

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल लखनऊ.
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल लखनऊ. (Photo Credit ; Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 18, 2024, 1:24 PM IST

लखनऊ : हजरतगंज स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल के सर्जन डॉ. आनंद मिश्रा व उनकी टीम ने 45 वर्षीय महिला के पेट से आठ किलो का ट्यूमर निकाल कर उसे नया जीवन दिया है. महिला चलने-फिरने में असमर्थ थी. ऑपरेशन के बाद महिला पूरी तरह से स्वस्थ है. जल्द ही उसे छुट्टी दे दी जाएगी.

सिविल अस्पताल के डॉक्टरों की टीम. (Photo Credit ; Etv Bharat)
डॉ. आनंद मिश्रा ने बताया कि लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्र की रहने वाली महिला (45) पेट दर्द से परेशान थी. उसका पेट काफी फूल गया था. परिजनों ने उसे कई अस्पतालों में दिखाया., जहां ऑपरेशन में काफी खर्च बताया गया, जिसे परिजन वहन करने में सक्षम नहीं थे. इसके बाद करीब दो सप्ताह पहले परिजन महिला को लेकर सिविल अस्पताल आए. यहां जांच करने पर पता चला कि महिला के पेट का ट्यूमर काफी बढ़ गया है. ट्यूमर की वजह से आंतें और पेशाब की थैली दब गई है. आंतें दबने के कारण भूख समेत कई प्रकार की समस्याएं हो रही थीं. इसके अलावा महिला के शरीर मे हीमोग्लोबिन की मात्रा भी महज तीन बची थी. भर्ती करने के बाद महिला को खून चढ़ाया गया. हीमोग्लोबिन बढ़ने पर शुक्रवार को सर्जरी की गई. करीब डेढ़ घंटे तक चली सर्जरी के बाद करीब आठ किलो का ट्यूमर निकाला गया. सर्जरी पूरी तरह से सरकारी खर्चे से की गई है. सर्जरी करने में डॉ. समीम, डॉ. सचिन, ओटी असिस्टेंट किरन और एनेस्थीसिया के डॉक्टर एसके सिंह व उनकी टीम का विशेष सहयोग रहा. अब महिला पूरी तरह से स्वस्थ है.


बता दें, सिविल अस्पताल में पिछले कुछ सालों से जटिल ऑपरेशन विशेषज्ञों की कमी के कारण नहीं हो रहे थे. अस्पताल में सिर्फ पथरी और अपेंडिक्स जैसे छोटे-मोटे ऑपरेशन हो रहे थे. जिसके कारण अस्पताल में जो भी मरीज ट्यूमर के आते थे. उन्हें केजीएमयू या दूसरे मेडिकल संस्थान रेफर कर दिया जाता था. कई साल के बाद पहली बार अस्पताल के विशेषज्ञों ने महिला का जटिल ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया. फिलहाल महिला पूरी तरह से स्वस्थ है. अब यहां दिखने आने वाले मरीज को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकना नहीं पड़ेगा.


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