प्रयागराज : उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को परिवार समेत संगम में डुबकी लगाई. वह उत्तराखंड मंडपम का निरीक्षण करने भी पहुंचे. यहां उन्होंने विभिन्न झांकियों, प्रतिकृतियों और आकृतियों का अवलोकन किया. बाबा नीम करौली सरकार की प्रतिमा के बगल बैठकर फोटो भी खिंचवाई. संतों की ओर से सीएम को स्मृति चिन्ह भी दिया गया. सीएम रविवार को ही परिवार समेत महाकुंभ पहुंच गए थे.
देश में सबसे पहले उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कराने के बाद महाकुंभ पहुंचे सीएम धामी ने कहा कि यूसीसी भी महाकुंभ की तरह लोगों के साथ कोई भेदभाव नहीं करता. कौन किस जाति का है, धर्म या संप्रदाय का है, इससे यह कानून परे है. सभी के साथ समान भाव रखता है. शादी के रजिस्ट्रेशन से लेकर तलाक तक, सबकुछ कोर्ट के आदेश पर ही हो सकेगा. बुजुर्ग, बच्चों और महिलाओं, सबको समान रूप से सम्मान और अधिकार दिए गए हैं.
सीएम संत समाज की ओर से आयोजित समरसता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि महाकुंभ में देश के सभी राज्यों से आए साधु-संन्यासियों का मैं देव भूमि उत्तराखंड के सेवक के रूप में हृदय से आभार और अभिनंदन करता हूं. आज त्रिवेणी की पवित्र भूमि पर महामंडलेश्वर कैलाशानंद के सानिध्य में संतों का जो आशीर्वाद मिला है, उससे मैं अभिभूत हूं.
![उत्तराखंड मंडपम पहुंचे सीएम.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10-02-2025/up-prj-03-mahakumbh-uttarakhand-cm-sangam-snan-ucc-7212585_10022025102117_1002f_1739163077_123.jpg)
2022 में जनता से किया वादा पूरा किया : सीएम ने आगे कहा कि साल 2022 विधानसभा चुनाव में हमने जनता से यह वादा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड में बीजेपी की सरकार बनने पर हम सबसे पहले समान नागरिक संहिता लागू करेंगे. संविधान के अनुच्छेद 44 में समान नागरिक संहिता का प्रावधान किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कई बार बहुत सारे प्रकरणों में निर्देश दिए हैं कि समान नागरिक संहिता लागू हो. उत्तराखंड देवभूमि है, उत्तराखंड गंगा का प्रदेश है. देवभूमि के नौजवान देश की सेवा कर रहे हैं. देश के हर 5 सैनिकों में से एक सैनिक उत्तराखंड का है. हमने यह तय किया था कि हमारी नई सरकार बनेगी तो सबके लिए एक समान नागरिक संहिता लागू होगा. देवभूमि में यह मिथक था कि हर 5 साल में यहां की सरकार बदल जाती है. हमने इस मिथक को तोड़ा है. यूसीसी लागू कर अपना वादा निभाया है.
राज्य के 2.35 लाख लोगों के लिए बयान, फिर लागू किया गया यूसीसी : सीएम धामी ने कहा कि चुनाव से 6 महीने पहले मुझे यह बड़ी जिम्मेदारी दी गई. जनता और संतों के आशीर्वाद से मैं पार्टी की उम्मीद पर खरा उतरा. बीजेपी ने एक इतिहास बना दिया. हमें मौका दिया. हमने सबसे पहले देवभूमि में समान नागरिक संहिता का कानून बनाने के लिए कमेटी का गठन कर दिया. कमेटी ने सारी औपचारिकताएं पूरी कीं. 2.35 लाख लोगों से पूरे राज्य में जाकर बात की. यूसीसी पर उनके विचार जाने. इसके बाद विधानसभा में पारित होने के बाद राष्ट्रपति को यह ड्राफ्ट भेजा गया. उन्होंने भी उसे मंजूरी दे दी. अब सरकार ने इस पर एक्ट बनाया है. यह लागू हो चुका है. 27 जनवरी 2025 को सारी प्रक्रिया होने के बाद उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बना, जहां यूसीसी लागू है.
संगम स्नान करना सागर में विलीन होने जैसा, हमेशा स्मरण रहेगा : सीएम पुष्कर सिंह सिंह धामी ने कहा कि प्रयागराज सिर्फ गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम स्थल ही नहीं है, बल्कि भारत की धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक उन्नति का केंद्र भी है. त्रिवेणी में स्नान का अनुभव ऐसा है जैसे कोई नदी सागर में विलीन हो जाए. अपना अस्तित्व भूल जाए. यह मेरे लिए जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है. हमारी सनातन संस्कृति समान और समरसता का संदेश देती रही है. कुंभ की धरती भी यही संदेश दे रही है. समान नागरिक संहिता से भी हम हर नागरिक को समान अधिकार और अवसर दे पाएंगे. समान नागरिक संहिता केवल एक कानून ही नहीं है, बल्कि सामाजिक न्याय और समरसता स्थापित करने के लिए बड़ा कदम है.
![सीएम धामी ने कई तस्वीरें भी खिंचवाई.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10-02-2025/up-prj-03-mahakumbh-uttarakhand-cm-sangam-snan-ucc-7212585_10022025102117_1002f_1739163077_97.jpg)
उत्तराखंड के बाद पूरे देश को लाभ देगा UCC : सीएम धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता देवभूमि उत्तराखंड से निकला है. अब पूरे देश को यह लाभ देगा. इससे समाज में व्याप्त असमानता को दूर करने का समय मिलेगा. एक सशस्त्र राष्ट्र के रूप में देश उभरेगा. समान नागरिक संहिता आने वाले समय में देश के प्रत्येक नागरिक को किसी ने किसी रूप में लाभ देगा. हमारे प्रधानमंत्री का जो एक भारत श्रेष्ठ भारत का संदेश है, उसे साकार करने में UCC सहायक होगा. इसमें जो प्रावधान किए गए हैं, उसमें हमने बुजुर्गों की भी चिंता की है. उनकी सुरक्षा का भी ध्यान किया है. बच्चों की भविष्य की चिंता की है.
अब किसी की बेटी के साथ गलत नहीं हो पाएगा : सीएम ने दिल्ली में हुई एक घटना का जिक्र किया. कहा कि एक मुस्लिम युवक ने नाम बदलकर एक सरदार की बेटी को अपने प्रेम जाल में फंसाया. बाद में उसके 300 टुकड़े करके फ्रिज में भर दिए. इस तरह की हैवानियत भरी घटनाएं रोकने के लिए भी समान नागरिक संहिता काम करेगा. कोई भी हैवान अपना नाम नहीं छुपा पाएगा. कोई भी हैवान किसी की बेटी के साथ गलत नहीं कर पाएगा. इससे न्यायिक प्रणाली भी सरल होगी और लोगों को न्याय मिल पाएगा. मुझे उम्मीद है कि समान नागरिक संहिता के रूप में उत्तराखंड की यह पहल आगे देश के सभी राज्यों में लागू होगा.