ETV Bharat / state

इन 15 पेस्टीसाइड से युवतियों और महिलाओं में बढ़ रही पीसीओडी की समस्या, ऐसे करें बचाव - PCOD INCREASING DUE TO PESTICIDES

इस रिसर्च के लिए SNMC की प्रोफेसर डॉ. रुचिका गर्ग को मुंबई में आयोजित ऑल इंडिया गायनिक डॉक्टर्स कॉन्फ्रेंस में सम्मानित किया गया.

ETV Bharat
इन कारणों से युवती और महिलाओं में बढ़ रही पीसीओडी की समस्या. (Photo Credit; ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 10, 2025, 11:23 AM IST

Updated : Feb 10, 2025, 12:45 PM IST

आगरा : एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रसूति एवं स्त्रीरोग विभाग ने महिलाओं में होने वाली पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओडी) या पीसीओएस समस्या को लेकर एक रिसर्च किया है. जिसमें पीसीओडी से ग्रसित और सामान्य महिलाओं के ब्लड में सब्जियों और फल पर इस्तेमाल होने वाले 17 पेस्टीसाइड का स्तर जांचा. रिसर्च में सामने आया कि जो किशोरी, युवती और महिलाएं पीसीओडी से ग्रसित हैं. उनके ब्लड में 15 पेस्टीसाइड्स की मात्रा ज्यादा मिली हैं.

जिससे स्पष्ट हुआ कि पेस्टीसाइड की वजह से ये महिलाएं पीसीओडी से ग्रसित हुईं हैं. इस रिसर्च के लिए एसएनएमसी की प्रोफेसर डॉ. रुचिका गर्ग को हाल में मुंबई में आयोजित ऑल इंडिया गायनिक डॉक्टर्स कॉन्फ्रेंस में सम्मानित भी किया है. ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट में आइए, प्रोफेसर डॉ. रुचिका गर्ग से जानते हैं कि पीसीओडी से ग्रसित महिलाओं में किन पेस्टीसाइड की अधिकता मिली है. जिससे ही किशोरी, युवती और महिला के हार्मोन्स में असंतुलन हुआ है.

स्पेशल रिपोर्ट में आइए, प्रोफेसर डॉ. रुचिका गर्ग से जानते हैं (Video Credit; ETV Bharat)

प्रोफेसर डॉ. रुचिका गर्ग बताती हैं कि (पीसीओडी) या पीसीओएस (Poly Cystic Ovary Syndrome) आजकल महिलाओं में खूब हो रही है. यदि हम 100 महिलाओं की जांच करते हैं तो उसमें से 20 से 22 महिलाओं में पीसीओडी की समस्या मिलती है. पीसीओडी से ग्रसित किशोरी, युवती और महिलाओं की माहवारी अनियमित हो जाती है. माहवारी जल्दी या देरी से आती है. अधिकतर माहवारी डेढ़ माह से 2 माह में भी माहवारी आती है. इसमें ब्लीडिंग भी कम होती है. इसके साथ ही चेहरे पर अनचाहे बाल, बाल झड़ना, चेहरे पर एक्ने की समस्या और बच्चा कंसीव नहीं करना जैसी परेशानी होती है. मोटापा की वजह से ही पीसीओडी की समस्या अधिक होती है.

महिलाओं के ब्लड में देखा पेस्टीसाइड का स्तर : प्रोफेसर डॉ. रुचिका गर्ग बताती हैं कि एसएनएमसी के प्रसूति और स्त्रीरोग विभाग में पीसीओडी को लेकर रिसर्च की गई. जिसमें हमने 110 PCOD से ग्रसित महिलाएं और 110 सामान्य महिलाओं को लेकर रिसर्च की. जिसमें पीसीओडी महिलाओं और सामान्य महिला के ब्लड की जांच की. जिसमें मिला कि जो महिलाएं पीसीओडी से ग्रसित हैं. उनके ब्लड में फसलों, सब्जियों और फलों पर उपयोग किए जाने वाले कीटनाशक यानी पेस्टीसाइड की अधिकता है. जिसकी वजह से उन्हें PCOD की समस्या हुई है. पेस्टीसाइड का उपयोग करके उगाई गई सब्जियां, फल और अनाज का उपयोग करने से ये पेस्टीसाइड ब्लड में पहुंचते हैं. जो ब्लड में पहुंचकर महिलाओं के हार्मोन्स को असंतुलित कर देते हैं. जिसकी वजह से ही PCOD हो रहा है. इसके साथ ही पुरुषों में मिलने वाले टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की महिलाओं में अधिकता हो जाती है.

इन 15 पेस्टीसाइड की मिली अधिकता : प्रोफेसर डॉ. रुचिका गर्ग बताती हैं कि हमने अपनी रिसर्च में 17 पेस्टीसाइड को शामिल किया था. PCOD से ग्रसित महिलाओं के ब्लड में इनमें से 15 पेस्टीसाइड की अधिकता मिली, जो लंबे समय से उनके शरीर में थी. जिसकी वजह से ही उन्हें पीसीओडी की समस्या हुई. इसलिए, महिलाओं को सतर्क रहना है. अपनी सेहत का ख्याल रखना है.

इन 15 पेस्टीसाइड की अधिकता मिली है.

1. Alpha BHC (α-BHC)
2. Beta BHC (β-BHC)
3. Gamma BHC (γ-BHC)
4. Delta BHC (δ-BHC)
5. Aldrin
6. Endrin
7. Endrin aldehyde
8. Heptachlor
9. Heptachlor epoxide
10. Endrin epoxide
11. DDD (PPDDD)
12. DDT (PPDDT)
13. DDE (PPDDE)
14. Methoxychlor
15. Endosulphan sulphate

इन चीजों को फालो करें :

  • सब्जियों और फलों को अच्छी तरह से धोकर खाएं.
  • अपने आहार में आर्गेनिक सब्जी और फल शामिल करें.
  • किशोरी, युवती और महिलाएं अपना वजन नियंत्रित करें.
  • खानपान में फास्ट फूड और पैक्ड फूड से परहेज करें.
  • नियमित रूप से एक्सरसाइज करें और योग करें.
  • नियमित 45 मिनट तक जिम करें या डांस करें.

    पीसीओडी के लक्षण :
  • अनियमित या लंबे समय तक माहवारी ना होना.
  • माहवारी में अधिक या कम ब्लीडिंग होना.
  • चेहरे, छाती, पेट, पीठ या शरीर पर अनचाहे बाल आना.
  • चेहरे पर मुंहासे का आना.
  • वज़न बढ़ना या वज़न कम होना.
  • बिना किसी वजह के थकान महसूस होना.
  • उल्टी या मतली आना.
  • भोजन करने के बाद सीने में जलन होना.
  • बालों का ज़्यादा झड़ना या बाल पतले होना.

यह भी पढ़ें : राज्यपाल ने राजभवन की पुष्प प्रदर्शनी को एक दिन और बढ़ाया, 1650 सम्मानित

आगरा : एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रसूति एवं स्त्रीरोग विभाग ने महिलाओं में होने वाली पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओडी) या पीसीओएस समस्या को लेकर एक रिसर्च किया है. जिसमें पीसीओडी से ग्रसित और सामान्य महिलाओं के ब्लड में सब्जियों और फल पर इस्तेमाल होने वाले 17 पेस्टीसाइड का स्तर जांचा. रिसर्च में सामने आया कि जो किशोरी, युवती और महिलाएं पीसीओडी से ग्रसित हैं. उनके ब्लड में 15 पेस्टीसाइड्स की मात्रा ज्यादा मिली हैं.

जिससे स्पष्ट हुआ कि पेस्टीसाइड की वजह से ये महिलाएं पीसीओडी से ग्रसित हुईं हैं. इस रिसर्च के लिए एसएनएमसी की प्रोफेसर डॉ. रुचिका गर्ग को हाल में मुंबई में आयोजित ऑल इंडिया गायनिक डॉक्टर्स कॉन्फ्रेंस में सम्मानित भी किया है. ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट में आइए, प्रोफेसर डॉ. रुचिका गर्ग से जानते हैं कि पीसीओडी से ग्रसित महिलाओं में किन पेस्टीसाइड की अधिकता मिली है. जिससे ही किशोरी, युवती और महिला के हार्मोन्स में असंतुलन हुआ है.

स्पेशल रिपोर्ट में आइए, प्रोफेसर डॉ. रुचिका गर्ग से जानते हैं (Video Credit; ETV Bharat)

प्रोफेसर डॉ. रुचिका गर्ग बताती हैं कि (पीसीओडी) या पीसीओएस (Poly Cystic Ovary Syndrome) आजकल महिलाओं में खूब हो रही है. यदि हम 100 महिलाओं की जांच करते हैं तो उसमें से 20 से 22 महिलाओं में पीसीओडी की समस्या मिलती है. पीसीओडी से ग्रसित किशोरी, युवती और महिलाओं की माहवारी अनियमित हो जाती है. माहवारी जल्दी या देरी से आती है. अधिकतर माहवारी डेढ़ माह से 2 माह में भी माहवारी आती है. इसमें ब्लीडिंग भी कम होती है. इसके साथ ही चेहरे पर अनचाहे बाल, बाल झड़ना, चेहरे पर एक्ने की समस्या और बच्चा कंसीव नहीं करना जैसी परेशानी होती है. मोटापा की वजह से ही पीसीओडी की समस्या अधिक होती है.

महिलाओं के ब्लड में देखा पेस्टीसाइड का स्तर : प्रोफेसर डॉ. रुचिका गर्ग बताती हैं कि एसएनएमसी के प्रसूति और स्त्रीरोग विभाग में पीसीओडी को लेकर रिसर्च की गई. जिसमें हमने 110 PCOD से ग्रसित महिलाएं और 110 सामान्य महिलाओं को लेकर रिसर्च की. जिसमें पीसीओडी महिलाओं और सामान्य महिला के ब्लड की जांच की. जिसमें मिला कि जो महिलाएं पीसीओडी से ग्रसित हैं. उनके ब्लड में फसलों, सब्जियों और फलों पर उपयोग किए जाने वाले कीटनाशक यानी पेस्टीसाइड की अधिकता है. जिसकी वजह से उन्हें PCOD की समस्या हुई है. पेस्टीसाइड का उपयोग करके उगाई गई सब्जियां, फल और अनाज का उपयोग करने से ये पेस्टीसाइड ब्लड में पहुंचते हैं. जो ब्लड में पहुंचकर महिलाओं के हार्मोन्स को असंतुलित कर देते हैं. जिसकी वजह से ही PCOD हो रहा है. इसके साथ ही पुरुषों में मिलने वाले टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की महिलाओं में अधिकता हो जाती है.

इन 15 पेस्टीसाइड की मिली अधिकता : प्रोफेसर डॉ. रुचिका गर्ग बताती हैं कि हमने अपनी रिसर्च में 17 पेस्टीसाइड को शामिल किया था. PCOD से ग्रसित महिलाओं के ब्लड में इनमें से 15 पेस्टीसाइड की अधिकता मिली, जो लंबे समय से उनके शरीर में थी. जिसकी वजह से ही उन्हें पीसीओडी की समस्या हुई. इसलिए, महिलाओं को सतर्क रहना है. अपनी सेहत का ख्याल रखना है.

इन 15 पेस्टीसाइड की अधिकता मिली है.

1. Alpha BHC (α-BHC)
2. Beta BHC (β-BHC)
3. Gamma BHC (γ-BHC)
4. Delta BHC (δ-BHC)
5. Aldrin
6. Endrin
7. Endrin aldehyde
8. Heptachlor
9. Heptachlor epoxide
10. Endrin epoxide
11. DDD (PPDDD)
12. DDT (PPDDT)
13. DDE (PPDDE)
14. Methoxychlor
15. Endosulphan sulphate

इन चीजों को फालो करें :

  • सब्जियों और फलों को अच्छी तरह से धोकर खाएं.
  • अपने आहार में आर्गेनिक सब्जी और फल शामिल करें.
  • किशोरी, युवती और महिलाएं अपना वजन नियंत्रित करें.
  • खानपान में फास्ट फूड और पैक्ड फूड से परहेज करें.
  • नियमित रूप से एक्सरसाइज करें और योग करें.
  • नियमित 45 मिनट तक जिम करें या डांस करें.

    पीसीओडी के लक्षण :
  • अनियमित या लंबे समय तक माहवारी ना होना.
  • माहवारी में अधिक या कम ब्लीडिंग होना.
  • चेहरे, छाती, पेट, पीठ या शरीर पर अनचाहे बाल आना.
  • चेहरे पर मुंहासे का आना.
  • वज़न बढ़ना या वज़न कम होना.
  • बिना किसी वजह के थकान महसूस होना.
  • उल्टी या मतली आना.
  • भोजन करने के बाद सीने में जलन होना.
  • बालों का ज़्यादा झड़ना या बाल पतले होना.

यह भी पढ़ें : राज्यपाल ने राजभवन की पुष्प प्रदर्शनी को एक दिन और बढ़ाया, 1650 सम्मानित

Last Updated : Feb 10, 2025, 12:45 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.