अंबिकापुर: राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा दो दिन के ब्रेक के बाद आज रायगढ़ से सरगुजा संभाग की ओर बढ़ेगी. आगामी 13-14 फरवरी को यात्रा के अंबिकापुर पहुंचने की संभावना हैं. यात्रा की तैयारी को लेकर कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेता अंबिकापुर का दौरा कर रहे हैं. इसी सिलसिले में शनिवार को अंबिकापुर के राजीव भवन में एक संभाग स्तरीय बैठक हुई. जिसमें पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव भी मौजूद रहे. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार और निर्वाचन प्रणाली को लेकर कई सवाल उठाए हैं.
चंडीगढ़ के मेयर चुनाव पर उठाए सवाल: पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कहा, "आज संभाग के छह जिले के वरिष्ठ साथियों को बैठक में बुलाया गया था. ताकि उनके माध्यम से गांव गांव तक यात्रा की सूचना जा सके. राहुल गांधी की न्याय यात्रा में वो आ सकें, वो सहभागी बने. मुझे नहीं लगता है कि किसी ने इस बात की कल्पना की होगी कि चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में ऐसा हो सकता है. हाईकोर्ट के निर्देश के बाद कैमरे की निगरानी में चुनाव होता है और ऑन कैमरा चुनाव में भी लोग इस प्रकार का हिम्मत करने की मानसिकता रखते हैं. इन बातों को जनता तक पहुंचाना राहुल गांधी की यात्रा का उद्देश्य है."
"चुनाव की संवैधानिक व्यवस्था को भंग करने में संकोच नहीं किया गया. हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सवाल किया था कि क्या यह आखरी चुनाव होने वाला है देश में. ऐसा वो नहीं कह रहे हैं, बल्कि चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में हम सब ने ऐसा होते हुए देखा है. ऐसी मानसिकता के लोग प्रजातान्त्रिक प्रणाली के माध्यम से सत्ता में पहुंच गए है. येन केन प्रकारेण वो किसी भी कीमत पर सत्ता से पृथक नहीं होना चाहते हैं. वो हार स्वीकार नहीं करना चाहते हैं, ऐसी मानसिकता के लोग है. ये प्रजातांत्रिक मूल्यों के पृथक है और सामंतवादी सोच है. इस तरह की सोच के लिए हमारे कांग्रेस पार्टी में कोई स्थान नहीं है. - टीएस सिंहदेव, पूर्व डिप्टी सीएम, छत्तीसगढ़
सिंहदेव ने निर्वाचन प्रक्रिया पर उठाए सवाल: पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव से पूछा गया कि जब निर्वाचन प्रक्रिया ऐसी है तो फिर पूरा विपक्ष विरोध क्यों नहीं करता? इस सवाल के जवाब में सिंहदेव ने कहा कि "अब एक महीने में चुनाव की घोषणा हो जाएगी, तो नई व्यवस्था बन सके यह संभव नहीं है. आज सुबह ही मुझे उदयपुर के दूरस्थ क्षेत्र झिंगाझरिया के नागरिक ने फोनकर बताया कि गलत हुआ है. उन्होंने ईवीएम की प्रणाली पर सवाल उठाए. आज अमेरिका, इंग्लैण्ड, जर्मनी, जापान जैसे देश ईवीएम से चुनाव नहीं करा रहे हैं. दुनिया में 16 से 18 देश ही है, जो ईवीएम से चुनाव करा रहे हैं. वहां कोई गड़बड़ कर रहा है या नहीं, इस बात को अलग रखते हुए हमें चुनाव में क्या प्रक्रिया अपनानी चाहिए, यह बड़ा सवाल है."