गौरेला पेंड्रा मरवाही:केंद्र और राज्य सरकार की अति पिछड़े जनजातियों को मुख्य धारा में लाने की विशेष पिछड़ी जनजाति आवासीय विद्यालय योजना अव्यवस्था, अनदेखी और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है. आवासीय विद्यालय में रहने वाले छात्रों को पिछले 11 महीना से छात्रवृत्ति नहीं मिली है. आलम यह है कि इससे छात्रावास से लेकर विद्यालय तक पूरी तरह अव्यवस्था फैली हुई है. वहीं, आवासीय विद्यालय और छात्रावास में हुए गुणवत्ताहीन काम के कारण छात्रावास की बिल्डिंग 4 साल में ही पूरी तरह जर्जर हो गई है. जिम्मेदार अधिकारी पूरे मामले का ठीकरा राज्य सरकार पर फोड़ते नजर आ रहे हैं.
2019-20 में बनाए गए छात्रावास: दरअसल, छत्तीसगढ़ की विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा, कमार, बैगा, अबूझमाड़िया जैसी जनजातियों के आधुनिक समाज से साथ आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ में 10 आवासीय विद्यालय छात्रावासों के साथ निर्माण कराए. इसमें पहाड़ी कोरवा के लिए बलरामपुर में भेलवाडीह, अंबिकापुर में घंघरी, कमार जनजाति के लिए धमतरी के मुकुंदपुर, गरियाबंद में केशोडोर, बैगा जनजाति के लिए कबीरधाम के पंडरिया के पोलमी, बोड़ला में चौरा, कोरिया भरतपुर में नोढिया, गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में धनोली, अबुझमाड़िया जनजाति के लिए नारायणपुर के ओरछा में वर्ष 2019-20 में बनाए गए.
शिक्षा पर पड़ रहा बुरा प्रभाव: इन विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए भी शासन ने विशेष व्यवस्था की, जिसमें विद्यार्थियों पर सिर्फ रहवास, भोजन और शिक्षण शामिल है. 25500 रुपये प्रति शैक्षणिक सत्र मतलब 10 माह के लिए प्रावधान किया गया. इसके अलावा कार्यालय कर्मचारियों के वेतन सहित, कोचिंग और अन्य मिलाकर प्रति छात्र, प्रति शैक्षणिक सत्र 85000 का प्रावधान किया गया. इतनी भारी भरकम व्यवस्था के बाद से विद्यालय लगातार पूरी व्यवस्था के साथ चल रहा था. हालांकि पिछले शैक्षणिक सत्र यानी कि अगस्त 2023 के बाद से अब तक विद्यालय को एक भी रुपए प्राप्त नहीं हुए हैं. ना ही छात्रवृत्ति के रूप में, ना ही अन्य व्यय के रूप में. इससे छात्रावास में रहने वाले छात्रों और उनके व्यवस्थापकों की हालत खराब है. छात्रावास अधीक्षक और प्रधान पाठक साफ कह रहे हैं कि 11 महीने से पैसे नहीं आने से व्यवस्था चरमरा गई है. राशन उधारी में आ रहा है, अब दुकानदार भी उधारी देने में आनाकानी कर रहा है. वहीं, शैक्षणिक व्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित है.