लखनऊ:उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के लखनऊ रीजन में 288 आउटसोर्स कंडक्टरों की भर्ती प्रक्रिया पिछले दो साल से पूरी नहीं हो पाई है. दो साल में अब तक परिवहन निगम के लखनऊ रीजन को 224 कंडक्टर ही मिल पाए हैं. परिवहन निगम ने आउटसोर्स में आरक्षण लागू कर दिया. इससे ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट होल्डर और अनुसूचित जनजाति के जितने पद हैं, वह भर ही नहीं पाए. 64 पद अब भी खाली हैं. अब इन्हें भरने के लिए लखनऊ रीजन ने जनरल कैटेगरी और एससी केटेगरी को वरीयता देने की योजना बनाई है. अब इन्हीं श्रेणियों से खाली रह गए पदों को भरा जाएगा.
ड्राइवर और कंडक्टरों की कमी से जूझ रहा निगम :उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ड्राइवर और कंडक्टरों की कमी से जूझ रहा है इस वजह से रोड पर बसें रवाना होने के बजाय डिपो में ही खड़ी रह जाती हैं और यात्री रोड पर खड़े होकर रोडवेज बसों का इंतजार ही करते रह जाते हैं. मजबूरन उन्हें डग्गामार वाहनों का सहारा लेना पड़ता है. इससे परिवहन निगम की छवि धूमिल हो रही है. पिछले कई सालों से सीधी भर्ती हुई नहीं है, ऐसे में यूपीएसआरटीसी ने मैनपावर की कमी को पूरा करने के लिए आउटसोर्स कंडक्टरों की भर्ती निकाली. जेम पोर्टल से कंडक्टरों की भर्ती की जा रही है. इसमें कई फर्म अलग अलग रीजनों में परिचालकों की भर्ती कर रही हैं.
दो साल में 224 पद ही भरे, 64 खाली:लखनऊ रीजन की भर्ती टीएंडएम कंपनी को मिली है. परिवहन निगम के लखनऊ रीजन को कुल 288 कंडक्टर चाहिए थे, लेकिन दो साल में कंपनी 224 ही कंडक्टर दे पाई है. 64 पद अभी भी खाली हैं. आउटसोर्स में रिजर्वेशन व्यवस्था न होने के बावजूद परिवहन निगम ने इसे लागू किया. नतीजा यह हुआ कि रिजर्वेशन वाले कैंडिडेट ही नहीं आ पाए और पद खाली रह गए. परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि श्रम एवं सेवायोजन की तरफ से उम्मीदवारों को रैंडम सिलेक्ट किया जाता है और फिर इसके बाद परिचालक बनने के लिए जो भी कैंडिडेट आते हैं उनके प्रपत्रों की जांच की जाती है. कुछ दिन पहले ही 111 कंडक्टरों की भर्ती के लिए प्रपत्रों की जांच की गई थी, इनमें से 84 उम्मीदवार सही पाए गए थे, लेकिन लास्ट तक आते-आते सिर्फ 47 ने ही ज्वाइन किया. रिजर्वेशन के चलते कई पद नहीं भरे जा सके हैं.