कुल्लू:हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार इस कार्यकाल का अपना दूसरा बजट पेश करने जा रही है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश की जनता को सुक्खू सरकार के बजट से काफी आशाएं हैं. इसके अलावा आप पर्यटन कारोबारी भी प्रदेश सरकार से मांग कर रहे हैं कि वह बजट में पर्यटन कारोबार को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से प्रावधान करें. क्योंकि कोरोना संकट के चलते अभी तक पर्यटन कारोबारी को कोई राहत नहीं मिल पाई है. इसके अलावा बीते साल प्राकृतिक आपदा के चलते भी सबसे बुरी तरह से पर्यटन का कारोबार भी प्रभावित हुआ है. पर्यटन कारोबारी की मांग है कि सरकार पर्यटन के क्षेत्र में विशेष बजट का प्रावधान करें. ताकि पर्यटन से जुड़े हुए लाखों लोगों को रोजगार सुचारू रूप से मिलता रहे.
कोरोना और आपदा ने तोड़ी पर्यटन की कमर: पर्यटन कारोबारी रूप चंद का कहना है कि कोरोना संकट पर्यटन के लिए सबसे बुरा दौर रहा. ऐसे में हालात थोड़े सुधरने शुरू हो गए थे तो तभी साल 2023 में प्राकृतिक आपदा ने पर्यटन कारोबार को बुरी तरह से प्रभावित किया. सरकार को चाहिए कि वह एक विशेष बजट का प्रावधान करें, जिससे पर्यटन कारोबारी को राहत मिले. इसके अलावा बजट में सरकार इस बात का भी ध्यान रखें कि अगर कोई प्राकृतिक आपदा आती है. जिससे पर्यटन कारोबार प्रभावित होता है. उसके लिए भी एक विशेष बजट की व्यवस्था करें. ताकि उसे बजट के माध्यम से प्राकृतिक आपदा से प्रभावित पर्यटन कारोबारी को राहत मिल सके.
हिमाचल के कई पर्यटन स्थल उपेक्षा के शिकार: पर्यटन कारोबारी किशन का कहना है कि हिमाचल प्रदेश के कई पर्यटन स्थल देश-विदेश में मशहूर है, लेकिन कई पर्यटन स्थल आज भी उपेक्षा का शिकार है. हिमाचल प्रदेश के कई पर्यटन स्थल ऐसे हैं, जो बहुत सुंदर है. लेकिन उनका सौंदर्यीकरण न होने के चलते हुए आज उपेक्षा का शिकार बने हुए हैं. सरकार को चाहिए कि वह अनछुए पर्यटन स्थलों को विकसित करने की दिशा में तेजी से काम करें. ताकि हिमाचल प्रदेश के हर इलाके में सैलानी पहुंच सके. इसके अलावा बाहरी राज्यों से जो टैक्सियां हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर आती है. उनका टैक्स भी कम किया जाए. क्योंकि बाहरी राज्यों से भी टैक्सियों के माध्यम से सैलानी हिमाचल प्रदेश आते हैं और पर्यटन के माध्यम से हिमाचल प्रदेश सरकार को भी आर्थिक मजबूती मिलती है.