उदयपुर : सावन का पवित्र महीना चल रहा है. भक्त अपने आराध्य देव भगवान भोलेनाथ को रिझाने और मनाने के लिए पूजा-अर्चना में जुटे हुए हैं. ईटीवी भारत भी आपको भगवान भोलेनाथ के प्राचीन पौराणिक मंदिरों से रू-ब-रू करवा रहा है. आज आपको लेकर चलते हैं उदयपुर से करीब 70 किलोमीटर दूर भगवान भोलेनाथ के प्राचीन मंदिर तिलकेश्वर महादेव में. भक्तों के लिए यहां भगवान भोलेनाथ के दर्शन करना कोई आसान काम नहीं है. दुर्गम पहाड़ी पर भक्तों को चट्टान पर जंजीरों के सहारे करीब 50 फीट नीचे उतरने के बाद भगवान के दर्शन होते हैं. उदयपुर के गोगुंदा में स्थित तिलकेश्वर महादेव मंदिर की कई विशेष और प्राचीन मान्यताएं हैं.
दुर्गम रास्ते से होकर गुजरते हैं भक्त : अरावली पहाड़ी के बीच स्थित सफेद पत्थरों पर बहते झरने के पास ही करीब 50 फीट गहरी खाई है, उसी के भीतर गुफा में तिलकेश्वर महादेव विराजमान हैं. गुफा तक पहुंचने के लिए कोई सुगम रास्ता नहीं है. बड़े-बड़े पत्थरों पर लोहे की जंजीरों को बांधा गया है. इन्ही चट्टानों पर तीन जगह लोहे की सीढ़ियां लगाई गई हैं. इन सीढ़ियों के सहारे और जंजीरों को पकड़ कर ही भक्त गुफा तक पहुंचते हैं और तब जाकर भगवान शिव के दर्शन मिलते हैं. सर्प आकार की इस खतरनाक खाई में उतरते और वापस बाहर निकलते समय पूरी सावधानी बरतनी पड़ती है. स्थानीय लोगों के अनुसार यहां दर्शन करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.