अलवर.राजस्थान में गर्मी का सितम अब अपने चरम पर है. पिछले छह दिनों से अलवर शहर का तापमान 6 डिग्री तक बढ़ गया है. गर्मी का असर जिले के मुख्य पर्यटन केंद्र सरिस्का टाइगर रिजर्व पर भी दिखाई देने लगा है. यहां देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी पर्यटक बाघों को देखने के लिए आते हैं. पिछले कुछ दिनों से ज्यादा पर्यटक नहीं आ रहे हैं और इसके पीछे गर्मी सबसे बड़ी वजह है. हालांकि, जो पर्यटक यहां आ रहे हैं, उन्हें बाघ की अच्छी साइटिंग हो रही है.
दरअसल, इस साल गर्मी के चलते अप्रैल माह के बाद से ही यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी आई है. केवल शनिवार व रविवार को ही सरिस्का में पर्यटकों की भीड़ देखने को मिल रही है. सरिस्का के नेचर गाइड लोकेश खंडेलवाल ने बताया कि सरिस्का में पर्यटन सीजन अक्टूबर से मार्च तक होता है. इस पर्यटन सीजन में लाखों की संख्या में पर्यटक टाइगर रिजर्व पहुंचकर सफारी का आनंद लेते हैं. पर्यटन सीजन में पर्यटकों को सफारी की बुकिंग भी मुश्किल हो जाती है.
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अप्रैल से जून तक रहती है पर्यटकों की कमी :लोकेश खंडेलवाल ने बताया कि प्रदेश में तेज गर्मी के चलते अप्रैल शुरू होते ही पर्यटकों की संख्या में कमी आने लगती है. वर्तमान स्थिति की बात की जाए तो सरिस्का टाइगर रिजर्व में मात्र 10 सफारी ही जंगल में जा रही है. शनिवार व रविवार को वीकेंड के चलते पर्यटकों की संख्या में इजाफा रहता है. वीकेंड के चलते सफारियों की संख्या 15 के करीब तक पहुंचती है. आंकड़ों के अनुसार देखा जाए तो अप्रैल की शुरुआत से 40% तक पर्यटकों की संख्या में कमी देखी जाती है.
इसलिए हो रही बाघों की साइटिंग :सरिस्का के नेचर गाइड लोकेश खंडेलवाल ने बताया कि तेज गर्मी के चलते जब बाघ शिकार करके उसे खाता है, तब उसे अधिक गर्मी लगती है. गर्मी के चलते बाघ वाटर होल्स पर जाकर पानी पीते हैं. पानी पीने के बाद बाघ उसी के आसपास छांव देखकर बैठ जाते हैं. इसके चलते सरिस्का में ज्यादातर बाघों की साईटिंग इन दिनों वाटर होल्स के आसपास ही हो रही है. 3 दिन पहले भी वाटर होल्स पर आए सांभर के पीछे बाघिन एसटी 9 दौड़ती नजर आई थी.