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2024 में बाघ को मात देकर जिस सांड ने बचाई थी अपनी जान, 10 महीने बाद उसी टाइगर के हमले में हुआ ढेर - BULL DIED IN TIGER ATTACK RAMNAGAR

10 महीने पहले सांड और बाघ की भिड़ंत हुई थी, सांड बचकर निकला था, अब बाघ ने सांड पर हमला कर उसकी जान ले ली.

BULL DIED IN TIGER ATTACK RAMNAGAR
10 महीने पहले सांड और बाघ की भिड़ंत की एक तस्वीर (SOURCE: ETV BHARAT)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 24, 2025, 4:01 PM IST

रामनगर:कहते हैं सर्वोच्च शिकारी बाघ इतना खूंखार होता है कि मात्र 30 सेकेंड के अंदर अपने शिकार को मार सकता है और अगर किसी जानवर ने बाघ की हिम्मत और ताकत को ललकारा हो तो बाघ जब तक उसे खत्म ना कर दे चैन से नहीं बैठता. ऐसी ही एक कहानी रामनगर से सामने आई है. यहां जिम कार्बेट पार्क में बाघ ने 10 महीने बाद अपने शिकार से बदला लिया.

उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व के ढिकुली क्षेत्र में 11 अप्रैल 2024 को एक सांड और बाघ की जबरदस्त भिड़ंत हो गई थी. जिसमें बाघ को पीछे हटना पड़ा था और सांड जान बचाकर भाग निकला था. लेकिन बाघ सांड की इस हिमाकत को भूला नहीं था और वो मौके की तलाश में था. जैसे ही बाघ को मौका मिला उसने सांड को मौत के घाट उतार दिया. जानकारी के मुताबिक बीती रात बाघ ने मौका पाकर उस सांड को मार गिराया.

टाइगर रिज़र्व के ढिकुली क्षेत्र में हुई थी भिड़ंत (SOURCE: ETV BHARAT)

गौर हो कि 11 अप्रैल 2024 को नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र में स्थित ढिकुली गांव के पास एक दिल दहला देने वाला नजारा देखने को मिला था. जहां एक बाघ ने सांड को शिकार बनाने की कोशिश की, लेकिन इस बार कहानी कुछ अलग थी. आमतौर पर बाघ के सामने कोई भी जानवर टिक नहीं पाता, लेकिन इस सांड ने पूरे दमखम के साथ बाघ का मुकाबला किया, वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे सांड ने अपनी पूरी ताकत से बाघ को टक्कर दी, जिससे बाघ को हार माननी पड़ी और वह पीछे हट गया.

मगर कहानी में आया बड़ा ट्विस्ट:हालांकि, इस कहानी का अंत कुछ और ही था. लगभग 10 महीने बाद रविवार 23 फरवरी की देर रात, बाघ ने उसी सांड पर दोबारा हमला किया और इस बार सांड को अपनी ताकत के आगे झुका दिया. इस घटना की पुष्टि रामनगर वन विभाग के डीएफओ दिगंत नायक ने की.

11 अप्रैल 2024 को हुई थी भिड़ंत (SOURCE: ETV BHARAT)

डीएफओ ने घटना की पुष्टि की:उन्होंने बताया कि यह एक आवारा सांड था, जो ढिकुली क्षेत्र में घूम रहा था. बाघ ने 10 महीने पहले भी इस पर हमला किया था. तब ये सांड बच निकला था. इस बार बाघ के हमले में उसकी मौत हो गई.

बाघ और टाइगर की भिड़ंत की एक तस्वीर (SOURCE: ETV BHARAT)

वन विभाग ने जारी की चेतावनी:वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस क्षेत्र में लगातार बाघों की गतिविधि देखी जा रही है. आवारा पशु जंगल के किनारे घूमते रहते हैं, जिससे बाघों को आसान शिकार मिल जाता है और वे जंगल से बाहर आने लगते हैं. इसीलिए वन विभाग ने स्थानीय पशुपालकों से आग्रह किया है कि वे अपने मवेशियों को खुले में न छोड़ें, जिससे इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके. इस वीडियो ने वन्यजीवों की अनोखी दुनिया की एक झलक दी, जहां हर पल जीवन और मृत्यु की जंग चलती रहती है.

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