गिरिडीह:झारखंड की राजनीति में जब भी टाइगर का जिक्र होता था, तो लोगों के जेहन में स्वर्गीय जगरनाथ महतो की छवि तैरने लगती थी. जगरनाथ महतो अब नहीं रहे, लेकिन उनकी यादें आज भी जिंदा हैं. हालांकि, अब जब भी राज्य में टाइगर का जिक्र होता है, तो झारखंडी भाषा खतियानी संघर्ष समिति के केंद्रीय अध्यक्ष जयराम कुमार महतो का चेहरा सामने आ जाता है. इस लोकसभा चुनाव के परिणाम ने जयराम की इस छवि को और भी मजबूत किया है.
जयराम और उनकी टीम ने कोयलांचल की धरती पर शानदार प्रदर्शन किया है, कमोबेश हर वर्ग ने जयराम को स्वीकार किया है. यही वजह है कि गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में दो बूथों को छोड़कर हर बूथ पर जयराम महतो का खाता खुला. जयराम को 3,47,322 लोगों का वोट के रूप में समर्थन मिला.
गढ़ में ही आजसू-जेएमएम को पछाड़ा
गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र के डुमरी और गोमिया आजसू पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा का गढ़ रहे हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में डुमरी से आजसू को एक लाख से अधिक वोट मिले थे. जबकि इस चुनाव में आजसू को 55,421 वोट मिले. डुमरी विधानसभा सीट झामुमो के कब्जे में है और यहां की विधायक बेबी देवी राज्य में मंत्री भी हैं. पिछले साल हुए विधानसभा उपचुनाव में बेबी देवी को एक लाख से अधिक वोट मिले थे. इसके बावजूद झामुमो प्रत्याशी मथुरा महतो को 52,193 वोट ही मिल सके.
वहीं डुमरी से पहली बार चुनाव लड़ रहे जयराम को 90,541 वोट मिले. गोमिया की बात करें तो यहां के विधायक आजसू के लंबोदर महतो हैं. इसके बावजूद इस क्षेत्र से आजसू प्रत्याशी सीपी चौधरी को 66,488 वोट मिले. यह क्षेत्र भी झामुमो के प्रभाव वाला है, फिर भी झामुमो प्रत्याशी को 58,828 वोट ही मिल सके. यहां भी जयराम महतो को बंपर वोट मिले. जयराम को 70,828 वोट मिले.
बाघमारा-बेरमो में दमदार उपस्थिति
इसी तरह भाजपा का गढ़ माने जाने वाले बाघमारा विधानसभा क्षेत्र में भी जयराम ने अच्छा प्रदर्शन किया. यहां 46,272 मतदाताओं ने जयराम को तरजीह दी. जबकि झामुमो के मथुरा प्रसाद महतो को 51,140 और आजसू के सीपी चौधरी को 81,597 वोट मिले. बेरमो क्षेत्र एनडीए के साथ-साथ इंडिया गठबंधन के प्रभाव वाला है. इस क्षेत्र में भी जयराम को काफी समर्थन मिला. बेरमो में आजसू के सीपी चौधरी को 84,651, झामुमो प्रत्याशी को 51,140 और जयराम को 46,272 वोट मिले.