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टाइगर अभी घूम रहा है: 23 दिनों से लखनऊ के इस जंगल में चहलकदमी जारी, ग्रामीण खौफजदा - TIGER ROARING IN REHMANKHERA

रहमान खेड़ा जंगल में बाघ का आतंक, आसपास के गांवों के ग्रामीण दहशत में रह रहे.

रहमान खेड़ा जंगल में बाघ का बना हुआ है आतंक
रहमान खेड़ा जंगल में बाघ का बना हुआ है आतंक (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 25, 2024, 9:40 AM IST

लखनऊ: रहमान खेड़ा में केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के चौथे ब्लॉक में सोमवार रात बाघ की चहल कदमी जारी है. हमानखेड़ा के जंगल में बाघ कैमरे में तो कैद हुआ, लेकिन देखते ही देखते वन विभाग के कर्मचारियों की आंखों से ओझल हो गया है.

रहमान खेड़ा के चतुर्थ ब्लॉक मे ट्रैंकुलाइज करने के लिए दूसरा पड़वा बांधा गया. पड़वे का शिकार करने के लिए होशियार बाघ आया तो लेकिन वन विभाग द्वारा बिछाये गये जाल को भांपते हुए 50 मीटर पहले ही वापस हो गया.

वहीं, शनिवार रात को मीठे नगर खड़ंजा मार्ग पर पुलिया के नीचे बाघ ने सांड को मार डाला था और कुछ हिस्सा खाने के बाद किसी वाहन की आवाजाही से भाग निकला था. ऐसे में बाघ की ओर से लगातार शिकार करने की घटना से ग्रामीणों दशहत और बढ़ गई है.

संस्थान के जंगल सहित आसपास के गांव उलरापुर और मीठे नगर के पास पिछले चार दिनों से बाघ की गतिविधियां तेज हुई है. बाघ लगातार दो दिनों में दो जगहों पर दो शिकार करने के बाद वन विभाग और डब्लूटीआई टीम ने क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी है. कंट्रोल रूम को संस्थान से जंगल में प्रवेश द्वार के पास शिफ्ट कर दिया गया है.

शनिवार की रात मीठे नगर जाने वाले खड़ंजा मार्ग के किनारे बाघ ने सांड का शिकार किया और शव झाड़ियों में खींचकर ले गया था. शव को झाड़ियों से निकालकर खड़ंजा के किनारे फिर से खाली जगह पर रखा गया है. जिसकी निगरानी लखनऊ प्राणी उद्यान के वेटनरी डॉक्टर ब्रजेन्द्र मणि यादव कर रहे हैं.

इस क्षेत्र में बाघ की गतिविधियां सबसे ज्यादा पाई गई हैं. इसके साथ ही क्षेत्र को नो गो जोन बनाया गया है. वॉच टॉवर से कानपुर प्राणी उद्यान के डॉक्टर नासिर निगरानी कर रहे हैं.

डीएफओ डॉ. सितांशु पाण्डेय ने बताया कि रविवार रात बाघ ने पिंजरे के बाहर बंधे भैंस के बच्चे का शिकार किया था. इसके बाद सोमवार को दूसरा पड़वा बांधा गया था. सोमवार रात बाघ पिंजरे के पास से होता हुआ मचान के पास गया था, लेकिन पड़वे का शिकार नहीं किया था.

जंगल में 23 दिन बीत जाने के बाद भी एक्सपर्ट के साथ वन विभाग बाघ पकड़ने में सफल नहीं हो पा रहा है. सोमवार रात बाघ पिंजरे के पास से होता हुआ वॉच टॉवर के पास से निकल गया, लेकिन अंधेरा होने के कारण मचान पर बैठे एक्सपर्ट बाघ को ट्रैंकुलाइज नहीं कर पाए.

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