निर्दलीय विधायकों का इस्तीफा शिमला:हिमाचल प्रदेश में तेजी से सियासी समीकरण बदल रहे हैं. शुक्रवार को हिमाचल के तीन निर्दलीय विधायक केएल ठाकुर, होशियार सिंह और आशीष शर्मा ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. इन विधायकों ने विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. इसके बाद तीनों विधायकों ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला और विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया से मुलाकात की. इस्तीफे की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद तीनों ही नेता विपक्ष के साथ दिल्ली रवाना हो गए.
CRPF की सुरक्षा के साथ हेलीकॉप्टर के साथ आए
शुक्रवार को दोपहर बाद ये तीनों निर्दलीय विधायक हेलीकॉप्टर में सीआरपीएफ की सुरक्षा के साथ शिमला पहुंचे थे. जहां विधानसभा में इस्तीफे से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद हेलीकॉप्टर से ही दिल्ली रवाना हो गए. गौरतलब है कि राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने के बाद से कांग्रेस के बागी और इन तीनों निर्दलीयों को केंद्र की ओर से सीआरपीएफ की सुरक्षा दी गई थी. 27 फरवरी को भी वोटिंग के बाद क्रॉस वोटिंग करने वाले सभी विधायकों को कड़ी सुरक्षा के बीच हेलीकॉप्टर के जरिये ही शिमला से पंचकूला के होटल में पहुंचाया गया था.
विधानसभा सचिव को निर्दलीय विधायकों ने सौंपा इस्तीफा विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा देने के सवाल पर निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "हम अपने क्षेत्र के विकास और जनता के विकास के लिए चले हैं. न की अपने किसी निजी स्वार्थ के लिए. मैंने जो भी फैसला लिया है वो अपनी विधानसभा क्षेत्र और प्रदेश के हित में लिया है. हम निर्दलीय विधायक हैं. आगे भी चुनाव होने हैं, हमें किसी न किसी पार्टी से आखिर में जुड़ना ही है. ऐसे में ये सौभाग्य है कि पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है. ऐसे में हमें भी भाजपा से आगे चुनाव लड़ना है. हम पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा के नेतृत्व में आगे बढ़ रहे हैं"
गौरतलब है कि 2022 विधानसभा चुनाव में देहरा विधानसभा सीट से होशियार सिंह, हमीरपुर विधानसभा सीट से आशीष शर्मा और नालागढ़ विधानसभा सीट से केएल ठाकुर ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीता था. गौरतलब है कि केएल ठाकुर ने 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी की टिकट पर नालागढ़ से ही चुनाव जीता था लेकिन 2022 में जब पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वो नालागढ़ से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीते थे. वहीं होशियार सिंह ने 2017 में देहरा सीट से ही निर्दलीय के रूप में चुनाव जीता था. 2022 विधानसभा चुनाव से पहले वो बीजेपी के खेमे में गए लेकिन टिकट नहीं मिलने पर आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े और जीतकर विधानसभा पहुंचे. वहीं आशीष शर्मा पर भी 2022 विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने दांव खेलने की कोशिश की थी. पार्टी ने उन्हें टिकट देने का भरोसा दिया लेकिन टिकट का एलान करने में देरी होने पर आशीष शर्मा ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी.
तीनों निर्दलीय विधायकों ने विधानसभा स्पीकर से की मुलाकात वहीं, निर्दलीय विधायक केएल ठाकुर ने कहा, "जिस तरह से प्रदेश में राजनीतिक हालात पैदा हुए हैं. ऐसे में हमारा विधायक बने रहना ठीक नहीं था. राज्यसभा चुनाव में वोटिंग के बाद जो घटनाक्रम हुए. निर्दलीय विधायकों पर कोई दबाव नहीं होता. हमने अपने हिसाब से जहां ठीक समझा वहां वोट किया. अगर हम कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में वोटिंग करते तो हमारे ऊपर बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह लगता. इसलिए हमने अपने विचारधारा के अनुरूप वोटिंग की. वहीं, बागी विधायकों के साथ सरकार गलत कर रही है. उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर रही है. उनका कारोबार बंद कर रहे हैं. मुझे लगता है कि आज तक किसी भी डेमोक्रेटिक सिस्टम में ऐसा नहीं हुआ था".
27 फरवरी को हिमाचल प्रदेश में हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 बागी विधायकों के अलावा इन तीन निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में वोटिंग की थी. अब इन तीनों विधायकों ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. इस दौरान नेता विपक्ष जयराम ठाकुर भी मौजूद रहे. इस्तीफे के बाद तीनों नेता जयराम ठाकुर के साथ दिल्ली के लिए रवाना हो गए. जहां तीनों बीजेपी का दामन थामेंगे. दरअसल, बीते गुरुवार 21 मार्च को कांग्रेस के 6 बागियों के साथ-साथ इन तीनों निर्दलीय विधायकों ने भी बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से दिल्ली में मुलाकात की थी. ऐसे में ये माना जा रहा है कि जल्द ही ये 9 विधायक बीजेपी में शामिल होंगे.
गौरतलब है कि 17 मार्च को चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के साथ देशभर में खाली विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का भी ऐलान कर दिया. इनमें हिमाचल की भी 6 सीटें शामिल हैं. जो बागी कांग्रेस विधायकों को स्पीकर द्वारा अयोग्य घोषित करने से खाली हुई हैं. अब तीन निर्दलीय विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया है. ऐसे में सवाल है कि क्या हिमाचल में 6 की बजाय 9 सीटों पर उपचुनाव होगा ? इसपर अंतिम फैसला चुनाव आयोग को लेना है.
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