हल्द्वानी में 9 फरवरी से तीन दिवसीय 'किताब कौतिक' का आयोजन. हल्द्वानीः उत्तराखंड के छोटे कस्बों और शहरों से शुरू होकर 'किताब कौतिक' अभियान देशभर में चर्चित होने की ओर बढ़ रहा है. 'क्रिएटिव उत्तराखंड- कुमाऊंनी आर्काइव' टीम द्वारा चंपावत के टनकपुर, चंपावत, बागेश्वर के बैजनाथ, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा के द्वाराहाट, नैनीताल के भीमताल और ऊधमसिंह नगर के नानकमत्ता में 'किताब कौतिक' के सफल आयोजन के बाद अब हल्द्वानी में पहली बार 'किताब कौतिक' होने जा रहा है. आगामी 9 फरवरी से 11 फरवरी तक तीन दिन के लिए एचएन इंटर कॉलेज में 'हल्द्वानी किताब कौतिक' के नाम से हो रहा है.
पूर्व डायरेक्टर डीआरडीओ डॉ. सतीश पंत ने कहा कि आज का युवा जनरल नॉलेज बुक्स से दूर हो रहा है. क्योंकि आज का युवा मोबाइल की दुनिया से गुजर रहा है. इसलिए पूरे उत्तराखंड में छोटे से बड़े युवा, आम जनता की भाषा शैली से दूर होते चले जा रहे हैं. इसलिए युवा पीढ़ी को इसका संदेश इस 'किताब कौतिक' के माध्यम से पहुंचाना चाहता हूं.
पूर्व शिक्षा निदेशक बहादुर सिंह बिष्ट ने कहा कि छोटे बच्चों को 'किताब कौतिक' के माध्यम से पढ़ने की रुचि जगाने का काम किया जाएगा. क्योंकि 'किताब कौतिक' के माध्यम से सामाजिक, संस्कृत और नाट्य रूपांतरण अनेक तरीके की बुक्स उपलब्ध होंगी.
आयोजकों ने बताया कि पिछले एक साल में टनकपुर, बैजनाथ, चंपावत, पिथौरागढ़, द्वाराहाट, भीमताल और नानकमत्ता में 'किताब कौतिक' के सफल आयोजन हुए हैं. जिनमें छात्र, युवा व विभिन्न वर्गों के अब तक 50 हजार से ज्यादा लोग शामिल हो चुके हैं. 'किताब कौतिक' के आयोजन के दौरान 70 से अधिक प्रकाशकों की 75 हजार से अधिक पुस्तकें उपलब्ध रहेंगी. इन पुस्तकों में बाल साहित्य, विज्ञान, पर्यटन, राजनीति, संस्कृति, लोक संस्कृति, आध्यात्मिक साहित्य, पौराणिक साहित्य आदि से संबंधित हर तरह की उपयोगी पुस्तकें आम पाठकों के लिए उपलब्ध रहेंगी.
आयोजन समिति के द्वारा बताया गया है कि कार्यक्रम को बहुआयामी बनाने के लिए साहित्यिक परिचर्चा, पुस्तक लोकार्पण, फोटोग्राफी प्रतियोगिता, विज्ञान का कोना, दूरबीनों से तारा, अवलोकन, नेचर वॉक, पक्षी अवलोकन, स्वयं सहायता समूहों के स्टॉल व प्रसिद्ध लेखकों/कवियों/कथाकारों से सीधी बातचीत भी इस कौतिक में होगी. इसके अलावा स्कूली बच्चों की क्विज, ऐपण, चित्रकारी और कविता वाचन प्रतियोगिताएं भी करवाई जाएंगी.
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