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Railway Budget 2025: उत्तराखंड को मिला 4641 करोड़ का बजट, 11 स्टेशनों की बदलेगी सूरत - RAIL BUDGET FOR UTTARAKHAND

उत्तराखंड को रेल के लिए 4641 करोड़ रुपये का बजट आवंटित हुआ है. जिसके बाद प्रदेश में कई रेल योजनाओं के विकास की उम्मीद है.

RAIL BUDGET FOR UTTARAKHAND
उत्तराखंड को रेल मंत्री की सौगात (SOURCE: ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 4, 2025, 11:56 AM IST

देहरादून: केंद्र सरकार ने इस बार बजट में उत्तराखंड को खास तरजीह दी है. केंद्र सरकार ने इस बार बजट में रेल बजट को लेकर लगभग ₹2 लाख 52,000 करोड़ रुपए का एक्स्ट्रा बजट जोड़ा है. केंद्र सरकार की तरफ से रेल बजट के लिए 2.52 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं. बात अगर उत्तराखंड की करें तो इस बार उत्तराखंड को भी रेल बजट में अच्छा खासा बजट आवंटित हुआ है. आने वाले दिनों में उत्तराखंड में रेलवे विभाग द्वारा किए जा रहे अन्य कामों की शुरुआत भी हो जाएगी.

उत्तराखंड को 2025-2026 के लिए मिला इतना बजट: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिल्ली से देहरादून के कुछ पत्रकारों के साथ वर्चुअल बातचीत की. इस बातचीत में रेल मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने इस बार रेल बजट में 2 लाख 52 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए हैं. अकेले उत्तराखंड के लिए ही 4641 करोड़ रुपए आवंटित हुए हैं. यह पैसा पंजाब और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों से काफी अधिक है.

उत्तराखंड के 11 रेलवे स्टेशनों की होगी काया पलट: अश्विनी वैष्णव ने बताया कि आने वाले दिनों में उत्तराखंड में रेलवे के द्वारा कई ऐसे कार्य किये जा रहे हैं जो धरातल पर दिखाई देंगे. उन्होंने बताया कि राज्य में लगभग 11 रेलवे स्टेशन अमृत स्टेशन के तहत संवारे जा रहे हैं. इनमें देहरादून का हर्रावाला रेलवे स्टेशन और कुमाऊं के कई स्टेशन शामिल हैं.

उत्तराखंड को और क्या मिला: यह बजट नए कामों के लिए जारी किया गया है जबकि ऋषिकेश, कर्णप्रयाग और अन्य जगहों पर जो कार्य चल रहे हैं, उनका बजट पहले से ही सैंक्शन है. रेल मंत्री ने बताया कि जल्द ही भारत के कई हिस्सों में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन पटरी पर उतरने वाली है. यह ट्रेन चीन का भी रिकॉर्ड तोड़ेगी. 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ये ट्रेन चलेगी.

आइये जानें बजट से जुड़ी बड़ी बातें:

  • 2009-14 के बीच राज्य को कुल ₹187 करोड़ का बजट आवंटित हुआ था. इस बार की 25 गुना अधिक मिला है.
  • उत्तराखंड के 11 रेलवे स्टेशनों को अमृत स्टेशन के रूप में किया जा रहा है विकसित
  • 125 किलोमीटर की ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का 49 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. परियोजना की लागत है ₹ 24,659 करोड़ है.
  • देवबंद-रुड़की रेल लाइन का 96 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. ये परियोजना ₹1,053 करोड़ की लागत से बन रही है और 27.5 किलोमीटर की है
  • ⁠63 किलोमीटर की किच्छा-खटीमा रेल लाइन बनेगी. ₹228 करोड़ की लागत से तैयार हो रही है.

रेल मंत्री वैष्णव ने चारधाम के लिए केंद्र सरकार की अति महत्वकांक्षी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की जानकारी देते हुए बताया कि इस 125 किलोमीटर की परियोजना का 49 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है. जिसकी कुल लागत ₹24 हज़ार 659 करोड़ है. उन्होंने कहा कि ये परियोजना सरकार की अति महत्वाकांक्षी परियोजना है. प्रेस वार्ता में उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश में देवबंद-रुड़की रेल लाइन का 96 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है. इसकी कुल लागत ₹1,053 करोड़ है और ये रेल लाइन 27.5 किलोमीटर की है. साथ की जानकारी दी गई कि 63 किलोमीटर की किच्छा-खटीमा रेल लाइन परियोजना ₹ 228 करोड़ की लागत से बनेगी.

उत्तराखंड में चल रहे ये रेल प्रोजेक्ट्स: उत्तराखंड में 2014 से 2025 तक 69 किमी के नए रेल ट्रैक बिछे हैं. साथ ही इसी अवधि में 303 किमी की रेल लाइनों को इलेक्ट्रीफाइड किया गया है. 2009-14 के बीच ये आंकड़ा 0 का था. आज प्रदेश की हर रेलवे लाइन बिजलीयुक्त है. फिलहाल राज्य में 216 किमी की 03 रेल परियोजनाओं (रेलवे ट्रैक) का काम चल रहा है, जिसकी लागत ₹25,941 करोड़ है. साथ ही देहरादून, हरिद्वार जंक्शन, हर्रावाला, काशीपुर जंक्शन, काठगोदाम, किच्छा, कोटद्वार, लालकुआं जंक्शन, रामनगर, रुड़की और टनकपुर सहित 11 स्टेशनों को 147 करोड़ की लागत से अमृत स्टेशनों के रूप में विकसित किया जा रहा है.

रेलवे में कवच सुरक्षा: रेलवे में सुरक्षा के दृष्टिगत कवच प्रणाली के बारे में वर्चुअल प्रेस वार्ता में जानकारी देते हुए बताया गया कि प्रदेश में 49 रूट किलोमीटर के लिए कवच प्रणाली की संस्तुति है. इसके अलावा 2014 से अबतक प्रदेश में 100 रेल फ्लाईओवर और अंडर ब्रिज का निर्माण किया जा चुका है. यात्रियों के लिए स्टेशनों पर छह लिफ्ट्स, 14 एस्केलेटर्स का निर्माण किया गया है. 31 स्टेशनों पर वाईफाई की सुविधा यात्रियों के लिए उपलब्ध है. इसके अलावा राज्य में दो वंदे भारत ट्रेनें सफलतापूर्वक सेवाएं दे रही हैं.

सुरक्षा पर ये बोले मंत्री: वहीं रेलवे की सुरक्षा से जुड़े सवाल पर उन्होंने बताया कि रेलवे विभाग कवच के तहत 10,000 डिब्बे और लगभग 15,000 किलोमीटर का रेलवे ट्रैक सुरक्षित करने में जुटा हुआ है. इसमें हजारों की तादाद में कर्मचारियों को भी ट्रेनिंग दी जा रही है. रेल मंत्री ने बताया कि इसके साथ ही अब रेल मंत्रालय नमो भारत ट्रेन भी चलाने वाला है. शुरुआती दौर में 50 ट्रेन हम लोग अलग-अलग रूट पर चलाने वाले हैं.

नए टर्मिनल में आ सकता है उत्तराखंड के इन स्टेशनों का नंबर: इसके साथ ही जिन शहरों की आबादी अधिक बढ़ गई है या अधिक है और ये बड़े शहर हैं, वहां पर नए टर्मिनल बनाए जा रहे हैं. फिर उसमें अगर देहरादून या हरिद्वार रेलवे स्टेशन आते हैं या फिर हल्द्वानी का काठगोदाम हों, उन रेलवे स्टेशन को भी शामिल किया जा सकता है. इसके लिए वहां पर आने जाने वाले लोगों की संख्या और रहने वाले लोगों की संख्या पहले देखी जाएगी. हाल ही में चंडीगढ़ में इसका काम शुरू किया गया है और चंडीगढ़ को वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन बनाने की दिशा में काम चल रहा है.

दिल्ली में बजट सत्र की चर्चा के दौरान उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने आशा कार्यकर्ताओं के वेतन बढ़ोत्तरी का मुद्दा उठाया. जैसे ही स्पीकर ने महेंद्र भट्ट को बोलने के लिए कहा, उन्होंने इस बारे में विस्तार पूर्वक बात करके सरकार से इस मुद्दे पर अपना ध्यान आकर्षित करने की अपील भी की.

ये भी पढ़ें- पहाड़ों की रानी मसूरी में केंद्रीय बजट पर लोगों ने दी मिली-जुली राय, कांग्रेस ने बताया निराशाजक

ये भी पढ़ें- मोदी सरकार के बजट से युवा कितने खुश, क्या पूरी हो पाई उम्मीदें? पढ़िये

देहरादून: केंद्र सरकार ने इस बार बजट में उत्तराखंड को खास तरजीह दी है. केंद्र सरकार ने इस बार बजट में रेल बजट को लेकर लगभग ₹2 लाख 52,000 करोड़ रुपए का एक्स्ट्रा बजट जोड़ा है. केंद्र सरकार की तरफ से रेल बजट के लिए 2.52 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं. बात अगर उत्तराखंड की करें तो इस बार उत्तराखंड को भी रेल बजट में अच्छा खासा बजट आवंटित हुआ है. आने वाले दिनों में उत्तराखंड में रेलवे विभाग द्वारा किए जा रहे अन्य कामों की शुरुआत भी हो जाएगी.

उत्तराखंड को 2025-2026 के लिए मिला इतना बजट: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिल्ली से देहरादून के कुछ पत्रकारों के साथ वर्चुअल बातचीत की. इस बातचीत में रेल मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने इस बार रेल बजट में 2 लाख 52 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए हैं. अकेले उत्तराखंड के लिए ही 4641 करोड़ रुपए आवंटित हुए हैं. यह पैसा पंजाब और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों से काफी अधिक है.

उत्तराखंड के 11 रेलवे स्टेशनों की होगी काया पलट: अश्विनी वैष्णव ने बताया कि आने वाले दिनों में उत्तराखंड में रेलवे के द्वारा कई ऐसे कार्य किये जा रहे हैं जो धरातल पर दिखाई देंगे. उन्होंने बताया कि राज्य में लगभग 11 रेलवे स्टेशन अमृत स्टेशन के तहत संवारे जा रहे हैं. इनमें देहरादून का हर्रावाला रेलवे स्टेशन और कुमाऊं के कई स्टेशन शामिल हैं.

उत्तराखंड को और क्या मिला: यह बजट नए कामों के लिए जारी किया गया है जबकि ऋषिकेश, कर्णप्रयाग और अन्य जगहों पर जो कार्य चल रहे हैं, उनका बजट पहले से ही सैंक्शन है. रेल मंत्री ने बताया कि जल्द ही भारत के कई हिस्सों में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन पटरी पर उतरने वाली है. यह ट्रेन चीन का भी रिकॉर्ड तोड़ेगी. 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ये ट्रेन चलेगी.

आइये जानें बजट से जुड़ी बड़ी बातें:

  • 2009-14 के बीच राज्य को कुल ₹187 करोड़ का बजट आवंटित हुआ था. इस बार की 25 गुना अधिक मिला है.
  • उत्तराखंड के 11 रेलवे स्टेशनों को अमृत स्टेशन के रूप में किया जा रहा है विकसित
  • 125 किलोमीटर की ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का 49 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. परियोजना की लागत है ₹ 24,659 करोड़ है.
  • देवबंद-रुड़की रेल लाइन का 96 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. ये परियोजना ₹1,053 करोड़ की लागत से बन रही है और 27.5 किलोमीटर की है
  • ⁠63 किलोमीटर की किच्छा-खटीमा रेल लाइन बनेगी. ₹228 करोड़ की लागत से तैयार हो रही है.

रेल मंत्री वैष्णव ने चारधाम के लिए केंद्र सरकार की अति महत्वकांक्षी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की जानकारी देते हुए बताया कि इस 125 किलोमीटर की परियोजना का 49 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है. जिसकी कुल लागत ₹24 हज़ार 659 करोड़ है. उन्होंने कहा कि ये परियोजना सरकार की अति महत्वाकांक्षी परियोजना है. प्रेस वार्ता में उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश में देवबंद-रुड़की रेल लाइन का 96 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है. इसकी कुल लागत ₹1,053 करोड़ है और ये रेल लाइन 27.5 किलोमीटर की है. साथ की जानकारी दी गई कि 63 किलोमीटर की किच्छा-खटीमा रेल लाइन परियोजना ₹ 228 करोड़ की लागत से बनेगी.

उत्तराखंड में चल रहे ये रेल प्रोजेक्ट्स: उत्तराखंड में 2014 से 2025 तक 69 किमी के नए रेल ट्रैक बिछे हैं. साथ ही इसी अवधि में 303 किमी की रेल लाइनों को इलेक्ट्रीफाइड किया गया है. 2009-14 के बीच ये आंकड़ा 0 का था. आज प्रदेश की हर रेलवे लाइन बिजलीयुक्त है. फिलहाल राज्य में 216 किमी की 03 रेल परियोजनाओं (रेलवे ट्रैक) का काम चल रहा है, जिसकी लागत ₹25,941 करोड़ है. साथ ही देहरादून, हरिद्वार जंक्शन, हर्रावाला, काशीपुर जंक्शन, काठगोदाम, किच्छा, कोटद्वार, लालकुआं जंक्शन, रामनगर, रुड़की और टनकपुर सहित 11 स्टेशनों को 147 करोड़ की लागत से अमृत स्टेशनों के रूप में विकसित किया जा रहा है.

रेलवे में कवच सुरक्षा: रेलवे में सुरक्षा के दृष्टिगत कवच प्रणाली के बारे में वर्चुअल प्रेस वार्ता में जानकारी देते हुए बताया गया कि प्रदेश में 49 रूट किलोमीटर के लिए कवच प्रणाली की संस्तुति है. इसके अलावा 2014 से अबतक प्रदेश में 100 रेल फ्लाईओवर और अंडर ब्रिज का निर्माण किया जा चुका है. यात्रियों के लिए स्टेशनों पर छह लिफ्ट्स, 14 एस्केलेटर्स का निर्माण किया गया है. 31 स्टेशनों पर वाईफाई की सुविधा यात्रियों के लिए उपलब्ध है. इसके अलावा राज्य में दो वंदे भारत ट्रेनें सफलतापूर्वक सेवाएं दे रही हैं.

सुरक्षा पर ये बोले मंत्री: वहीं रेलवे की सुरक्षा से जुड़े सवाल पर उन्होंने बताया कि रेलवे विभाग कवच के तहत 10,000 डिब्बे और लगभग 15,000 किलोमीटर का रेलवे ट्रैक सुरक्षित करने में जुटा हुआ है. इसमें हजारों की तादाद में कर्मचारियों को भी ट्रेनिंग दी जा रही है. रेल मंत्री ने बताया कि इसके साथ ही अब रेल मंत्रालय नमो भारत ट्रेन भी चलाने वाला है. शुरुआती दौर में 50 ट्रेन हम लोग अलग-अलग रूट पर चलाने वाले हैं.

नए टर्मिनल में आ सकता है उत्तराखंड के इन स्टेशनों का नंबर: इसके साथ ही जिन शहरों की आबादी अधिक बढ़ गई है या अधिक है और ये बड़े शहर हैं, वहां पर नए टर्मिनल बनाए जा रहे हैं. फिर उसमें अगर देहरादून या हरिद्वार रेलवे स्टेशन आते हैं या फिर हल्द्वानी का काठगोदाम हों, उन रेलवे स्टेशन को भी शामिल किया जा सकता है. इसके लिए वहां पर आने जाने वाले लोगों की संख्या और रहने वाले लोगों की संख्या पहले देखी जाएगी. हाल ही में चंडीगढ़ में इसका काम शुरू किया गया है और चंडीगढ़ को वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन बनाने की दिशा में काम चल रहा है.

दिल्ली में बजट सत्र की चर्चा के दौरान उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने आशा कार्यकर्ताओं के वेतन बढ़ोत्तरी का मुद्दा उठाया. जैसे ही स्पीकर ने महेंद्र भट्ट को बोलने के लिए कहा, उन्होंने इस बारे में विस्तार पूर्वक बात करके सरकार से इस मुद्दे पर अपना ध्यान आकर्षित करने की अपील भी की.

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