नई दिल्ली: दिल्ली में लोकसभा चुनाव में अब राजनीतिक दलों के हमले एक दूसरे पर तेज हो गए हैं. आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही कांग्रेस पार्टी ने अंदरुनी घमासान को भुलाकर कार्यकर्ताओं से एकजुट होने की अपील की है. नॉर्थ ईस्ट दिल्ली लोकसभा सीट से 'इंडिया गठबंधन' के कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैया कुमार ने इंडिया गठबंधन की कॉर्डिनेशन मीटिंग में कार्यकर्ताओं से चुनाव में एकजुट होने का आह्वान करते हुए कई ऐसे उदाहरण पेश किए जोकि अक्सर चुनावों के दौरान सामने आ जाते हैं. कन्हैया कुमार ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच अपने संबंधों का जिक्र भी मंच से किया.
अरविंद केजरीवाल के साथ मेरा जेल का रिश्ता हैं:कन्हैया ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के साथ हमारा संबंध जेल से है. कन्हैया कुमार ने कहा कि मेरा और अरविंद केजरीवाल का जेल का रिश्ता है. हमारा संबंध आंदोलन और जेल का संबंध है. लड़ाई एकदम साफ है. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल जेल में हैं और मैं जेल में था. वे भी उसी व्यक्ति के साथ जंग लड़ रहे हैं जिसके खिलाफ मैं लड़ रहा हूं. उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम मोदी और बीजेपी की साजिश से मैं जेल में रहा और उन दोनों की साजिश से अब वो जेल में हैं. उन्होंने सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं से इस लड़ाई को बूथ स्तर पर लड़ने का आह्वान किया.
तानाशाही के खिलाफ लड़ना होगा:कन्हैया कुमार ने कहा कि यह चुनाव देश का चुनाव है और तानाशाही के खिलाफ लड़ने का चुनाव है. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सातों सीटों पर मिलकर 'इंडिया गठबंधन' के तहत चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस तीन सीट पर तो आप 4 सीट पर चुनाव लड़ रही है. उन्होंने कहा कि यह चुनाव सांसद का चुनाव है, पार्षद या फिर विधायकी का चुनाव नहीं है. दिल्ली में तीन स्तर के चुनाव होते हैं. जैसे आप नीचे की तरफ जमीन स्तर पर आते हैं तो पार्षद का चुनाव जो होता है वो बहुत मुश्किल हो जाता है. कई बार ऐसा होता है कि उसमें एक परिवार के दो लोग अलग-अलग पार्टी के चुनाव चिन्ह पर लड़ जाते हैं. इस चुनाव में जो दुश्मनी बनती है वो जिंदगी भर की बन जाती है.
देश बचाने का चुनाव है, हमें बड़ा दिल करना चाहिए:कन्हैया ने नॉर्थ ईस्ट सीट से चुनाव लड़ रहे मनोज तिवारी के सांसदी के चुनाव की जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने 2009 में सांसद का चुनाव गोरखपुर से यूपी के वर्तमान सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने लड़ा था, लेकिन अब वो उनके पक्ष में चुनाव करने के लिए यहां आएंगे. इसलिए सांसद का चुनाव बड़ा चुनाव होता है. सांसद के चुनाव में बड़ी दुश्मनी नहीं होती है. इसलिए मेरा आग्रह है कि सांसद का चुनाव है, पार्षद का नहीं है. एमपी का चुनाव है, एमएलए का नहीं. देश बचाने का चुनाव है तो हमें बड़ा दिल करना चाहिए. एक साथ मिलकर चलने का प्रयास करना चाहिए.
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