नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों के बाद जहां भाजपा के खेमे में जीत का माहौल है, वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी अपनी हार की समीक्षा करने में जुट गई है. वहीं कांग्रेस तीसरी बार दिल्ली के चुनाव में अपना खाता खोलने में भी असमर्थ रही, लेकिन उसने 15 सीटों पर आम आदमी पार्टी का खेल बिगाड़ा.
आंकड़े बताते हैं कि इन 15 सीटों पर भाजपा की जीत और 'आप' की हार का जो मार्जिन है, उससे कहीं ज्यादा वोट कांग्रेस ने हासिल किए. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो अगर कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन होता और इन सीटों पर कांग्रेस ने आप का समर्थन करते हुए अपने उम्मीदवार नहीं उतारे होते तो आप के उम्मीदवार इन सीटों पर जीत जाते. इस तरह आम आदमी पार्टी मौजूदा सीटों 22 से 15 अधिक सीटों हासिल करती और बहुमत का आंकड़ा पार कर लेती. आइए विस्तार से जानते हैं इन सीटों का गुणा गणित.
इन सबके बीच आंकड़ो पर नजर दौड़ाएं तो दिल्ली में कई ऐसी सीटें हैं, जहां से आप प्रत्याशियों को बहुत ही कम वोटों के अंतर से हार का स्वाद चखना पड़ा. इस फेहरिस्त में आम आदमी पार्टी के बड़े नेता में शुमार मनीष सिसोदिया का भी नाम शामिल है, जो मात्र 675 वोटों से हारे. यानी अगर आप-कांग्रेस साथ होकर दिल्ली का चुनाव लड़तीं, तो शायद फलसफा कुछ और ही होता.
दिल्ली में तिमारपुर से भाजपा प्रत्याशी 1168 वोट के मार्जिन से जीते. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी को 8361 वोट मिले. वहीं बादली से भाजपा प्रत्याशी 15163 वोटों से जीते, जब्कि कांग्रेस प्रत्याशी को 41071 वोट मिले. इसके अलावा नांगलोई जाट से भाजपा 26251 वोटों से जीती, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को 32028 वोट मिले. इसमें जंगपुरा, त्रिलोकपुरी, संगम विहार, राजेंद्र नगर और महरौली तो ऐसी सीटें रहीं जहां भाजपा क्रमश: 675, 392, 344, 1231, 1782 वोटों वोटों से जीती, जो कि भाजपा की जीत की सबसे कम मार्जिन वाली सीटे हैं.
यह भी पढ़ें-