गिरिडीह: गांडेय विधानसभा सीट भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की सीट रही है. चूंकि यह क्षेत्र गिरिडीह जिला में पड़ता है और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी इसी जिले से आते हैं. यह विधानसभा क्षेत्र कोडरमा लोकसभा के अंतर्गत आता है जिसके सांसद केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी है. ऐसे में इस सीट पर भाजपा हर हाल में फतह पाना चाहती है. इस सीट पर चार माह पूर्व ही उपचुनाव हुआ था. इस उपचुनाव में झामुमो ने कल्पना मुर्मू सोरेन को उम्मीदवार बनाया तो भाजपा ने दिलीप वर्मा को प्रत्याशी बनाया था. इस उपचुनाव में कड़ी टक्कर हुई लेकिन जीती कल्पना ही. ऐसे में इस बार भाजपा पूरी तैयारी के साथ अपने प्रत्याशी को मैदान में उतारेगी.
इधर, विधानसभा चुनाव से ठीक पहले गांडेय के पूर्व विधायक प्रो जेपी वर्मा की घर वापसी हो गई. डेढ़ वर्ष पूर्व भाजपा छोड़ झामुमो में गए जेपी अब वापस अपने पुराने घर में आ गए हैं. जेपी की घर वापसी के बाद अटकलों का बाजार गर्म है. जेपी के आने के बाद इस सीट की टिकट के लिए उन्हें दावेदार माना जा रहा है.
जेपी से पहले इस सीट के प्रबल दावेदार इनके ही भांजा और उपचुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले दिलीप वर्मा तथा जिला परिषद की अध्यक्ष मुनिया देवी को माना जा रहा था. अब जेपी आ गए हैं तो इन तीनों को टिकट का दावेदार बताया जा रहा है. यहां यह भी बता दें कि जेपी और दिलीप रिश्ते में मामा-भांजा हैं तो मुनिया रिश्तेदार. ऐसे में कहा जाए तो गांडेय सीट के लिए तीनों रिश्तेदार दावेदार बन गए हैं.
यहां बता दें कि गांडेय विधानसभा सीट पर भाजपा हमेशा ही प्रबल दावेदार रही है. इस सीट पर सन 1977 में जनता पार्टी की टिकट पर लक्ष्मण स्वर्णकार जीते. इसके बाद 1995 में लक्ष्मण स्वर्णकार भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर जीत दर्ज की. 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने प्रो जेपी वर्मा को उम्मीदवार बनाया. इस बार बीजेपी के जेपी ने जीत दर्ज की.
झारखंड गठन के बाद एक बार ही जीती भाजपा
झारखंड गठन के बाद भाजपा के वोट में बढ़ोतरी तो हुई लेकिन चार चुनाव व एक उपचुनाव में से सिर्फ एक बार ही जीत मिली है. झारखंड गठन के बाद वर्ष 2005 के चुनाव में यहां झामुमो के सालखन सोरेन, राजद के डॉ सरफराज अहमद और भाजपा के लक्ष्मण स्वर्णकार के बीच टक्कर हुई. इस चुनाव में झामुमो के दिग्गज नेता सालखन सोरेन को जीत मिली थी. इस चुनाव में सालखन को 36849, सरफराज को 35337 तो लक्ष्मण को 32545 मत मिला था.
इसी तरह 2009 के चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर खड़े डॉ सरफराज अहमद को जीत मिली थी. इस चुनाव में सरफराज को 39625, झामुमो के सालखन को 31170 मत मिला था. 2009 के चुनाव में भाजपा का वोट घटा और इस चुनाव में पार्टी प्रत्याशी पूनम प्रकाश को 21865 मत मिला. 2014 के चुनाव में भाजपा के मत वृद्धि हुई इस बार 48838 मत लाकर भाजपा प्रत्याशी प्रो जेपी वर्मा जीते थे. इस चुनाव में झामुमो के सालखन सोरेन को 38559 तो कांग्रेस प्रत्याशी डॉ सरफराज अहमद को 35727 मत मिला था.
2019 के चुनाव में भाजपा का वोट फिर बढ़ा लेकिन महागठबंधन की तरफ से झामुमो की टिकट पर मैदान में उतरे डॉ सरफराज अहमद ने बाजी मारी. इस चुनाव में सरफराज को 65023 मत जबकि जेपी को 58168 मत मिला था.