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गांडेय में भाजपा का कौन होगा उम्मीदवार, मामा-भांजा या रिश्तेदार - Jharkhand Assembly Elections 2024

BJP's probable candidate from Gandey in Giridih. गांडेय विधानसभा सीट भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की सीट बन चुकी है. 2019 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी प्रो जेपी वर्मा को झामुमो के डॉ सरफराज अहमद ने शिकस्त दी थी. 2024 के उप चुनाव में झामुमो प्रत्याशी कल्पना मुर्मू सोरेन ने भाजपा के दिलीप वर्मा को हराया. अब आने वाले चुनाव को लेकर भाजपा तैयारी कर चुकी है. यहां से उम्मीदवार का चयन होना है. पार्टी पूरी मंथन करने के बाद ही प्रत्याशी देने के मूड में है.

BJP's probable candidate from Gandey in Giridih
कोलाज इमेज (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 17, 2024, 5:06 PM IST

गिरिडीह: गांडेय विधानसभा सीट भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की सीट रही है. चूंकि यह क्षेत्र गिरिडीह जिला में पड़ता है और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी इसी जिले से आते हैं. यह विधानसभा क्षेत्र कोडरमा लोकसभा के अंतर्गत आता है जिसके सांसद केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी है. ऐसे में इस सीट पर भाजपा हर हाल में फतह पाना चाहती है. इस सीट पर चार माह पूर्व ही उपचुनाव हुआ था. इस उपचुनाव में झामुमो ने कल्पना मुर्मू सोरेन को उम्मीदवार बनाया तो भाजपा ने दिलीप वर्मा को प्रत्याशी बनाया था. इस उपचुनाव में कड़ी टक्कर हुई लेकिन जीती कल्पना ही. ऐसे में इस बार भाजपा पूरी तैयारी के साथ अपने प्रत्याशी को मैदान में उतारेगी.

संवाददाता अमरनाथ सिन्हा की रिपोर्ट (ईटीवी भारत)
जेपी की घर वापसी से अटकलों का बाजार गर्म

इधर, विधानसभा चुनाव से ठीक पहले गांडेय के पूर्व विधायक प्रो जेपी वर्मा की घर वापसी हो गई. डेढ़ वर्ष पूर्व भाजपा छोड़ झामुमो में गए जेपी अब वापस अपने पुराने घर में आ गए हैं. जेपी की घर वापसी के बाद अटकलों का बाजार गर्म है. जेपी के आने के बाद इस सीट की टिकट के लिए उन्हें दावेदार माना जा रहा है.

जेपी से पहले इस सीट के प्रबल दावेदार इनके ही भांजा और उपचुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले दिलीप वर्मा तथा जिला परिषद की अध्यक्ष मुनिया देवी को माना जा रहा था. अब जेपी आ गए हैं तो इन तीनों को टिकट का दावेदार बताया जा रहा है. यहां यह भी बता दें कि जेपी और दिलीप रिश्ते में मामा-भांजा हैं तो मुनिया रिश्तेदार. ऐसे में कहा जाए तो गांडेय सीट के लिए तीनों रिश्तेदार दावेदार बन गए हैं.

मुनिया देवी (ईटीवी भारत)
गांडेय में भाजपा का रहा है बेहतर प्रदर्शन

यहां बता दें कि गांडेय विधानसभा सीट पर भाजपा हमेशा ही प्रबल दावेदार रही है. इस सीट पर सन 1977 में जनता पार्टी की टिकट पर लक्ष्मण स्वर्णकार जीते. इसके बाद 1995 में लक्ष्मण स्वर्णकार भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर जीत दर्ज की. 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने प्रो जेपी वर्मा को उम्मीदवार बनाया. इस बार बीजेपी के जेपी ने जीत दर्ज की.

झारखंड गठन के बाद एक बार ही जीती भाजपा

झारखंड गठन के बाद भाजपा के वोट में बढ़ोतरी तो हुई लेकिन चार चुनाव व एक उपचुनाव में से सिर्फ एक बार ही जीत मिली है. झारखंड गठन के बाद वर्ष 2005 के चुनाव में यहां झामुमो के सालखन सोरेन, राजद के डॉ सरफराज अहमद और भाजपा के लक्ष्मण स्वर्णकार के बीच टक्कर हुई. इस चुनाव में झामुमो के दिग्गज नेता सालखन सोरेन को जीत मिली थी. इस चुनाव में सालखन को 36849, सरफराज को 35337 तो लक्ष्मण को 32545 मत मिला था.

दिलीप वर्मा (ईटीवी भारत)

इसी तरह 2009 के चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर खड़े डॉ सरफराज अहमद को जीत मिली थी. इस चुनाव में सरफराज को 39625, झामुमो के सालखन को 31170 मत मिला था. 2009 के चुनाव में भाजपा का वोट घटा और इस चुनाव में पार्टी प्रत्याशी पूनम प्रकाश को 21865 मत मिला. 2014 के चुनाव में भाजपा के मत वृद्धि हुई इस बार 48838 मत लाकर भाजपा प्रत्याशी प्रो जेपी वर्मा जीते थे. इस चुनाव में झामुमो के सालखन सोरेन को 38559 तो कांग्रेस प्रत्याशी डॉ सरफराज अहमद को 35727 मत मिला था.

2019 के चुनाव में भाजपा का वोट फिर बढ़ा लेकिन महागठबंधन की तरफ से झामुमो की टिकट पर मैदान में उतरे डॉ सरफराज अहमद ने बाजी मारी. इस चुनाव में सरफराज को 65023 मत जबकि जेपी को 58168 मत मिला था.

प्रो जेपी वर्मा (ईटीवी भारत)
उपचुनाव में रहा कांटे की टक्कर

2023 में विधायक सरफराज अहमद ने इस्तीफा दे दिया. ऐसे में लोकसभा के साथ यहां विधानसभा चुनाव हुआ. इस बार झामुमो ने यहां से हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन को उम्मीदवार बनाया. जबकि भाजपा ने दिलीप वर्मा को अपना प्रत्याशी घोषित किया. चुनाव एकतरफा लग रहा था. ऐसा लग रहा था कि कल्पना की जीत एकतरफा रहेगी. यहां से कल्पना जीती भी लेकिन टक्कर जोरदार रहा.

इस बार के चुनाव में भाजपा ने अपने सारे रिकॉर्ड को तोड़ा और अब तक के विधानसभा चुनाव में सर्वाधिक 82678 वोट प्राप्त किया. हालांकि झामुमो की कल्पना भाजपा के दिलीप से 27149 वोट अधिक (कुल- 109827) लाते हुए जीत दर्ज की. विधानसभा उपचुनाव को देखते हुए संभवतः झामुमो फिर से यहां से कल्पना मुर्मू सोरेन को उम्मीदवार बना सकती है. ऐसे में भाजपा यहां सभी बातों को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवार देना चाह रही है.

कोई शर्त नहीं, संगठन का निर्णय सर्वोपरि : जेपी

भाजपा में पुनः वापस आने वाले पूर्व विधायक प्रो जेपी वर्मा का कहना है कि जनसंघ काल से ही उनका परिवार जुड़ा रहा है. भाजपा उनकी रगों में बसा हुआ है. कुछ महीने के लिए अलगाव हुआ था लेकिन उन्हें लगा कि भाजपा में रहकर ही वे समाज सेवा कर सकते हैं. ऐसे में वे पुनः अपने घर लौट आए हैं. घर वापसी की कोई शर्त नहीं है. वे संगठन के लिए काम करेंगे और जो भी जिम्मेदारी उन्हें सौंपी जायेगी उसे वे निभाएंगे.

गांडेय की बेटी हूं, हर निर्णय स्वीकार : मुनिया

जिला परिषद की अध्यक्ष मुनिया देवी का कहना है कि गांडेय उनका मायका है और यहां के हरेक गांव-घर से वह वाकिफ हैं. यहां के लोग भी उनसे स्नेह करते हैं खासकर महिलाएं. उन्हें उम्मीद है कि पार्टी महिला को उम्मीदवार बनायेगी और उन्हें मौका मिल सकता है. वैसे संगठन का निर्णय ही सर्वोपरि है. वह हर निर्णय को मानेगी.

कमल ही उम्मीदवार : जिलाध्यक्ष

भाजपा के गिरिडीह जिलाध्यक्ष महादेव दूबे का कहना है कि भाजपा के लिए सभी 81 सीट महत्वपूर्ण है. टिकट किसे देना है यह निर्णय केंद्र व राज्य का नेतृत्व करता है. पार्टी जिसे भी उम्मीदवार देगी उसे जिताया जाएगा. हमारे लिए कमल निशान ही उम्मीदवार है.

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