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कर्नाटक: NIA कोर्ट ने मुस्लिम युवकों को कट्टरपंथी बनाने के आरोप में बांग्लादेशी को 7 साल की सजा सुनाई - NIA COURT SENTENCES

बेंगलुरु में मुस्लिम युवकों को कट्टरपंथी बनाने, आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाने के आरोप में एनआईए अदालत ने बांग्लादेशी शख्स को दोषी ठहराया है.

NIA court sentences Bangladeshi man to 7 years in jail for radicalising Muslim youths
एनआईए अदालत ने सजा सुनाई (प्रतीकात्मक फोटो) (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 31, 2024, 9:04 AM IST

बेंगलुरु: एनआईए अदालत ने मुस्लिम युवकों को कट्टरपंथी बनाने और आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाने के आरोप में एक बांग्लादेशी शख्स को सात साल कैद की सजा सुनाई है.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को एक बयान में कहा कि दोषी करार जाहिदुल इस्लाम उर्फ ​​कौसर पर डकैती, साजिश और धन जुटाने के साथ-साथ गोला-बारूद की खरीद से जुड़े मामलों में 57,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. अदालत ने इससे जुड़े मामलों में कुल 11 आरोपियों को दोषी ठहराया है.

एनआईए की जांच के अनुसार जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) का सदस्य अमीर जाहिदुल जेएमबी प्रमुख सलाउद्दीन सालेहिन के साथ बांग्लादेश पुलिस की हिरासत से भाग गया था. वह 2005 में बांग्लादेश में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में बांग्लादेश पुलिस की हिरासत में था. वह वहां से भागकर वह 2014 में अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया था.

एनआईए ने कहा कि छिपने के दौरान वह और उसके साथी अक्टूबर 2014 के बर्दवान विस्फोट मामले में शामिल थे. 2 अक्टूबर, 2014 को पश्चिम बंगाल के बर्दवान के खगरागढ़ इलाके में एक घर में हुए बम विस्फोट में दो लोगों की मौत हो गई थी और एक अन्य घायल हो गया था.

एजेंसी ने कहा, 'विस्फोट के बाद, जाहिदुल और उसके सहयोगी बेंगलुरु भाग गए, जहां उन्होंने जेएमबी की भारत विरोधी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए पश्चिम बंगाल और असम के भोले-भाले मुस्लिम युवकों को कट्टरपंथी बनाया और भर्ती किया. दोषी और उसके साथियों ने जनवरी 2018 में बोधगया में भी विस्फोट किया था.'

एनआईए की जांच में आगे पता चला कि आरोपी और उसके साथियों ने प्रतिबंधित संगठन जेएमबी की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए डकैती के जरिए धन जुटाने की भी साजिश रची थी. जांच एजेंसी ने कहा कि 2018 के दौरान उन्होंने इस एजेंडे के तहत बेंगलुरु में चार डकैतियां की थी और लूटे गए पैसे का इस्तेमाल गोला-बारूद खरीदने और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ठिकाने और प्रशिक्षण की व्यवस्था करने के लिए किया था.

ये भी पढ़ें- कौन है सलमान रहमान खान? भारत ने जिसे रवांडा से किया प्रत्यर्पित? जानें

बेंगलुरु: एनआईए अदालत ने मुस्लिम युवकों को कट्टरपंथी बनाने और आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाने के आरोप में एक बांग्लादेशी शख्स को सात साल कैद की सजा सुनाई है.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को एक बयान में कहा कि दोषी करार जाहिदुल इस्लाम उर्फ ​​कौसर पर डकैती, साजिश और धन जुटाने के साथ-साथ गोला-बारूद की खरीद से जुड़े मामलों में 57,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. अदालत ने इससे जुड़े मामलों में कुल 11 आरोपियों को दोषी ठहराया है.

एनआईए की जांच के अनुसार जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) का सदस्य अमीर जाहिदुल जेएमबी प्रमुख सलाउद्दीन सालेहिन के साथ बांग्लादेश पुलिस की हिरासत से भाग गया था. वह 2005 में बांग्लादेश में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में बांग्लादेश पुलिस की हिरासत में था. वह वहां से भागकर वह 2014 में अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया था.

एनआईए ने कहा कि छिपने के दौरान वह और उसके साथी अक्टूबर 2014 के बर्दवान विस्फोट मामले में शामिल थे. 2 अक्टूबर, 2014 को पश्चिम बंगाल के बर्दवान के खगरागढ़ इलाके में एक घर में हुए बम विस्फोट में दो लोगों की मौत हो गई थी और एक अन्य घायल हो गया था.

एजेंसी ने कहा, 'विस्फोट के बाद, जाहिदुल और उसके सहयोगी बेंगलुरु भाग गए, जहां उन्होंने जेएमबी की भारत विरोधी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए पश्चिम बंगाल और असम के भोले-भाले मुस्लिम युवकों को कट्टरपंथी बनाया और भर्ती किया. दोषी और उसके साथियों ने जनवरी 2018 में बोधगया में भी विस्फोट किया था.'

एनआईए की जांच में आगे पता चला कि आरोपी और उसके साथियों ने प्रतिबंधित संगठन जेएमबी की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए डकैती के जरिए धन जुटाने की भी साजिश रची थी. जांच एजेंसी ने कहा कि 2018 के दौरान उन्होंने इस एजेंडे के तहत बेंगलुरु में चार डकैतियां की थी और लूटे गए पैसे का इस्तेमाल गोला-बारूद खरीदने और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ठिकाने और प्रशिक्षण की व्यवस्था करने के लिए किया था.

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