जोधपुर.राजस्थान हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह भाटी व न्यायाधीश मुन्नुरी लक्ष्मण की खंडपीठ ने राज्य में उपभोक्ता आयोगों में कई जगह अध्यक्ष और सदस्यों के पद रिक्त होने से न्यायिक कार्यवाही बाधित होने पर चिंता व्यक्त की. साथ ही राज्य सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता को यह अवगत कराने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि पिछले एक से दो साल से कितने पद रिक्त हैं और उन पदों को भरने के लिए राज्य सरकार का क्या प्रस्तावित कार्यक्रम और योजना है. आगामी 21 मई को पेश करें.
राजस्थान हाइकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन की ओर से राज्य के जिला और राज्य उपभोक्ता आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों के रिक्त पद भरने, स्टाफ की पर्याप्त भर्ती, संसाधन आदि की मांग पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. अधिवक्ता अनिल भंडारी ने कहा कि राज्य के कई जिला आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों के रिक्त पद पिछले एक से दो साल से खाली हैं. राज्य आयोग के सदस्यों के पूर्ण पद भरे हुए नहीं होने से उपभोक्ता अधिनियम के त्वरित न्याय की उम्मीद पूरी नहीं हो पा रही है.
इसे भी पढ़ें -हाईकोर्ट ने कहा स्कूलों में स्टेशनरी की दुकानें, लेकिन डिस्पेंसरी एक में भी नहीं - Rajasthan High Court
खाद्य व नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलात के प्रमुख सचिव इन पदों को भरने में पर्याप्त रुचि नहीं ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले साल जोधपुर में राज्य आयोग की स्थायी पीठ गठित कर दी गई, लेकिन न्यायालय के निर्देशों के बावजूद जिला प्रशासन अभी तक पर्याप्त और सुविधाजनक जगह उपलब्ध नहीं करवा रहा है. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश पंवार ने बताया कि राज्य आयोग में एक सदस्य का पद और जिला आयोग में 7 पद अध्यक्ष के और जोधपुर में सदस्यों के तीन पद सहित 25 पद रिक्त हैं. आगामी छह माह में 21 और पद रिक्त होने से कुल 54 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया प्रस्तावित है.
उन्होंने कहा कि रिक्त पदों की वजह से जिला आयोग में न्यायिक कार्यवाही बाधित हो रही है. इन पदों को भरने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश की अध्यक्षता में चयन समिति भी गठित कर दी गई है. हाइकोर्ट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. सचिन आचार्य और भारत सरकार की ओर से डिप्टी सॉलिसिटर जनरल मुकेश राजपुरोहित ने पैरवी की. खंडपीठ ने अतिरिक्त महाधिवक्ता को निर्देश दिए कि राज्य और जिला उपभोक्ता आयोग में रिक्त पदों को भरने के लिए राज्य सरकार और उपभोक्ता मामलात सचिव के पास क्या प्रस्तावित रूपरेखा और योजना है.