कुचामनसिटी : डीडवाना के सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट पंकज तिवारी ने बारां के एसपी राजकुमार चौधरी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. साथ ही डीडवाना एसपी को निर्देश दिए हैं कि बारां एसपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाए.
अपर लोक अभियोजक महावीर चतुर्वेदी ने बताया कि सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में मौलासर थाना क्षेत्र के सुदरासन गांव का एक फौजदारी मामला दर्ज है, जिसकी जांच बारां एसपी राजकुमार चौधरी ने की थी. जांच के बाद उन्हें अनुसंधान अधिकारी होने के नाते अपने बयान अभियोजन साक्ष्य के रूप में कोर्ट में दर्ज करवाने थे. इसके लिए कोर्ट ने उन्हें 19 बार नोटिस देकर तलब किया, लेकिन बारां एसपी कोर्ट में पेश नहीं हुए. इसके बाद उन्हें नए बीएनएस कानून के तहत वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अभियोजन साक्ष्य के बयान दर्ज करवाने के लिए तलब किया गया, लेकिन फिर भी बारां एसपी पेश नहीं हुए.
एसपी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट (ETV Bharat Kuchaman city) इसे भी पढ़ें-SC तक केस हारने के बाद भी नहीं दिया भूखंड का कब्जा, जेडीए सचिव गिरफ्तारी और जेडीसी जमानती वारंट से तलब - Arrest warrant of JDA secretary
महावीर चतुर्वेदी ने बताया कि कोर्ट ने इसे बड़ी लापरवाही माना और अब बारां एसपी राजकुमार चौधरी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. साथ ही डीडवाना एसपी को पत्र लिखकर बारां एसपी की गिरफ्तारी वारंट की पालना उप निरीक्षक या सहायक उप निरीक्षक स्तर के अधिकारी से सुनिश्चित करवाने के आदेश दिए हैं.
मारपीट का था मामला :साल 2018 में मारपीट का एक मामला दर्ज हुआ था, जिसके जांच अधिकारी राजकुमार चौधरी थे. कोर्ट में उन्हें बयान के लिए बुलाया गया था, लेकिन वह एक बार भी कोर्ट में पेश नहीं हुए. कोर्ट ने जांच अधिकारी को बयान दर्ज कराने के लिए कई बार बुलाया, लेकिन उनकी अनुपस्थिति को गंभीर लापरवाही मानते हुए यह कड़ा कदम उठाया है.