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युवाओं में आत्महत्या रोकने के लिए चलेगा विशेष अभियान, मंत्री राठौड़ बोले-एक भी चिराग नहीं बुझे - PREVENTION OF SELF KILLING TREND

राज्य का युवा एवं खेल विभाग युवाओं में आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति पर रोकथाम के लिए यूनाइटेड नेशन के साथ जयपुर में विशेष अभियान चलाएगा.

prevention of  self killing trend
युवा एवं खेल विभाग के मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ (Etv Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 24, 2025, 1:27 PM IST

Updated : Jan 24, 2025, 2:05 PM IST

जयपुर: राजस्थान में युवाओं की आत्महत्या के बढ़ते मामलों ने समाज और सरकार सभी को डरा दिया है. साल दर साल आत्महत्या के आंकड़े बढ़ रहे हैं. युवाओं में बढ़ती आत्महत्या की प्रवृत्ति को स्कूलों, कोचिंग संस्थानों और प्रतियोगी परीक्षाओं में अध्ययन कर रहे छात्रों के बीच एक चिंताजनक समस्या बन चुकी है. आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में पिछले पांच वर्षों में 80 से अधिक छात्रों ने आत्महत्या की है, जिनमें से अधिकांश 17 से 18 वर्ष की आयु के हैं. युवाओं के बढ़ते आत्महत्या के आंकड़ों से प्रदेश सरकार की भी चिंता बढ़ गई है. यही वजह है कि प्रदेश का युवा और खेल विभाग युवाओं में आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति की रोकथाम के लिए अभियान चलाएगा.

जयपुर में शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट: युवा एवं खेल विभाग के मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बताया कि युवाओं में जिस तरह की घटना सामने आ रही है. उसको लेकर जिम्मेदारी हर वर्ग की है. हम ऐसा माहौल बनाएं कि हमारे युवा भरोसे से और विश्वास से आगे बढ़ पाएं. राठौड़ ने कहा कि हार और जीत तो लगी रहती है. वह क्षण भर की होती है, इससे आगे बढ़ना अत्यंत जरूरी है. खेल और युवा विभाग जयपुर संभाग में एक पायलट प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है. इसमें यूनाइटेड नेशंस की मदद ली जा रही है. इसके तहत हम एक सेंटर खोल रहे हैं. जहां युवाओं को मनोवैज्ञानिकों और करियर काउंसर की सहायता मिलेगी.

पढ़ें: राजस्थान में छात्र आत्महत्या के डरावने आंकड़े, 17-18 साल के युवा सबसे ज्यादा प्रभावित

अन्य संभागों में भी खोलेंगे: उन्होंने कहा कि पहले पायलट प्रोजेक्ट जयपुर में शुरू कर रहे हैं. बाद में इसे सब जगह लागू करेंगे. प्रयास यह किया जा रहा है कि इसको अलग-अलग संभागों तक लेकर पहुंचे और अलग-अलग शहरों के नौजवान भी इस सेंटर से मदद ले सकें. सरकार का सोच है कि निराशा में एक भी युवा के कदम आत्महत्या की ओर नहीं बढ़ने चाहिए. किसी घर का चिराग नहीं बुझना चाहिए.

जयपुर: राजस्थान में युवाओं की आत्महत्या के बढ़ते मामलों ने समाज और सरकार सभी को डरा दिया है. साल दर साल आत्महत्या के आंकड़े बढ़ रहे हैं. युवाओं में बढ़ती आत्महत्या की प्रवृत्ति को स्कूलों, कोचिंग संस्थानों और प्रतियोगी परीक्षाओं में अध्ययन कर रहे छात्रों के बीच एक चिंताजनक समस्या बन चुकी है. आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में पिछले पांच वर्षों में 80 से अधिक छात्रों ने आत्महत्या की है, जिनमें से अधिकांश 17 से 18 वर्ष की आयु के हैं. युवाओं के बढ़ते आत्महत्या के आंकड़ों से प्रदेश सरकार की भी चिंता बढ़ गई है. यही वजह है कि प्रदेश का युवा और खेल विभाग युवाओं में आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति की रोकथाम के लिए अभियान चलाएगा.

जयपुर में शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट: युवा एवं खेल विभाग के मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बताया कि युवाओं में जिस तरह की घटना सामने आ रही है. उसको लेकर जिम्मेदारी हर वर्ग की है. हम ऐसा माहौल बनाएं कि हमारे युवा भरोसे से और विश्वास से आगे बढ़ पाएं. राठौड़ ने कहा कि हार और जीत तो लगी रहती है. वह क्षण भर की होती है, इससे आगे बढ़ना अत्यंत जरूरी है. खेल और युवा विभाग जयपुर संभाग में एक पायलट प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है. इसमें यूनाइटेड नेशंस की मदद ली जा रही है. इसके तहत हम एक सेंटर खोल रहे हैं. जहां युवाओं को मनोवैज्ञानिकों और करियर काउंसर की सहायता मिलेगी.

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अन्य संभागों में भी खोलेंगे: उन्होंने कहा कि पहले पायलट प्रोजेक्ट जयपुर में शुरू कर रहे हैं. बाद में इसे सब जगह लागू करेंगे. प्रयास यह किया जा रहा है कि इसको अलग-अलग संभागों तक लेकर पहुंचे और अलग-अलग शहरों के नौजवान भी इस सेंटर से मदद ले सकें. सरकार का सोच है कि निराशा में एक भी युवा के कदम आत्महत्या की ओर नहीं बढ़ने चाहिए. किसी घर का चिराग नहीं बुझना चाहिए.

Last Updated : Jan 24, 2025, 2:05 PM IST
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