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17 साल पहले यहीं हुआ था सबसे बड़ा हादसा, 100 से अधिक लोगों की गई थी जान - BIGGEST ROAD ACCIDENT

राजस्थान के राजसमंद स्थित देसूरी की नाल में 17 साल पहले हुआ था सबसे बड़ा सड़क हादसा, गई थी 100 से अधिक लोगों की जान.

Biggest Road Accident
यहीं हुआ था सबसे बड़ा हादसा (ETV BHARAT Rajsamand)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 8, 2024, 9:41 PM IST

Updated : Dec 8, 2024, 10:40 PM IST

राजसमंद, लक्ष्मण सिंह राठौड़ : राजस्थान के राजसमंद व पाली जिले की सीमा पर स्थित देसूरी की नाल में रविवार को बड़ा हादसा हो गया. यहां चारभुजा थाना क्षेत्र के पंजाब मोड़ पर सुबह एक बस पलट गई. हादसे के बाद बस में आग लग गई. वहीं, दुर्घटनाग्रस्त बस में स्कूली बच्चे सवार थे. बच्चों की चीख पुकार सुनकर स्थानीय लोग मदद के लिए सामने आए और बस में फंसे बच्चों को निकालने में जुट गए. इस दौरान राहगीरों के एक समूह ने बस में लगी आग को बुझाया, तो कुछ युवाओं ने बस के ऊपर चढ़कर जख्मी बच्चों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला.

इस हादसे में दो चचेरी बहनों और एक अन्य छात्र की मौके पर मौत हो गई, जबकि बस चालक सहित छह शिक्षक बुरी तरह से जख्मी हो गए, जिन्हें इलाज के लिए जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया. सबसे बड़ी बात यह है कि इसी स्थान पर 17 साल पहले 7 सितंबर, 2007 को सबसे बड़ा सड़क हादसा हुआ था, जिसमें 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. उस हादसे के करीब डेढ़ दशक बाद भी न तो यहां की सड़क चौड़ी हुई है और न ही ओवरब्रिज का प्लान धरातल पर उतर पाया है. इधर, इस हादसे के बाद आक्रोशित लोगों ने अस्पताल के बाहर रोड जाम कर प्रदर्शन किया, लेकिन बाद में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने समझाइश कर लोगों को शांत कराया और मृतक बच्चों के शवों का पोस्टमार्टम कराया गया.

दुर्घटनास्थल से ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट (ETV BHARAT Rajsamand)

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चारभुजा थाना प्रभारी गोवर्धन सिंह ने बताया कि आमेट ब्लॉक में राछेटी पंचायत के माणकदेह स्थित राजकीय महात्मा गांधी उच्च माध्यमिक स्कूल से 62 बच्चे, 6 शिक्षक परशुराम महादेव व दो अन्य स्थलों पर पिकनिक के लिए निकले थे. सुबह 7 बजे बस स्कूल से रवाना हुई, जो चारभुजा होकर देसूरी नाल का ढलान उतर रही थी, तभी बस अचानक बेकाबू हो गई. हालांकि, चालक ने सूझबूझ दिखाई और बस को सामने चट्टान की ओर ले गया, लेकिन इस बीच बस सड़क पर पलट गई. हादसे के दौरान बस का एक हिस्सा 60 फीट गहरी खाई की तरफ लटक गया. खैर, गनीमत रही कि बस की रफ्तार तेज नहीं थी, वरना बस खाई में गिर सकती थी.

वहीं, इस हादसे के बाद मार्ग जाम हो गया. इस बीच कई लोग मदद के लिए सामने आए और बस में फंसे बच्चों को बाहर निकालने में जुट गए. इस बीच तीन बच्चों की मौत हो गई, जबकि दो-तीन अन्य गंभीर रुप से जख्मी हो गए. थाना प्रभारी ने बताया कि सभी छात्र व छात्राएं राछेटी, माणकदेह, चावंड खेड़ा, गुमानजी का गुड़ा, डांगिया, किशनपुरा के रहने वाले हैं. हादसे की सूचना मिलते ही सभी गांवों से परिजन मौके पहुंचे, जहां ज्यादातर बच्चों को सकुशल पाकर उनके स्वजनों ने राहत की सांस ली, जबकि कई छात्रों को आरके जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया.

अधिकारियों ने किया दुर्घटनास्थल का मुआयना (ETV BHARAT Rajsamand)

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रोड जाम कर लोगों जताया आक्रोश :इस सड़क हादसे के बाद परिजनों के साथ ही क्षेत्रीय आमजनों में भी आक्रोश देखने को मिला. ऐसे में लोगों ने चारभुजा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर हाइवे जाम कर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में शामिल लोगों ने बताया कि देसूरी की नाल में रोजाना हादसे होते रहते हैं, लेकिन इसके रोकथाम के लिए आज तक कोई उपाय नहीं किए गए. अक्सर अधिकारी और जनप्रतिनिधि इस मार्ग को चौड़ा करने की बात कहते हैं, लेकिन हर बार वन विभाग से स्वीकृति नहीं मिलने की दुहाई दी जाती है. वहीं, सड़क जाम की सूचना के बाद पुलिस व प्रशासनिक के अधिकारी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से समझाइश कर उन्हें शांत कराया.

विधायक, कलेक्टर, एसपी भी पहुंचे : हादसे के बाद कुंभलगढ़ विधायक सुरेंद्र सिंह राठौड़ के साथ जिला कलेक्टर बालमुकुंद असावा और जिला पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी मौके पर पहुंचे. चारभुजा अस्पताल में घायलों से मुलाकात की. साथ ही दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए पुलिस, परिवहन व पीडब्लूडी के अधिकारियों को निर्देश दिए. उसके बाद विधायक के साथ कलेक्टर और एसपी सीधे आरके जिला चिकित्सालय पहुंचे, जहां घायल बच्चों के इलाज की जानकारी ली और परिजनों से मिले. विधायक ने परिजनों को धैर्य बनाए रखने की बात कही.

देसूरी की नाल मार्ग पर पलटी बस (ETV BHARAT Rajsamand)

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यही हुआ था सबसे बड़ा सड़क हादसा :7 सितंबर, 2007 को देसूरी की नाल स्थित पंजाब मोड़ पर ही सबसे बड़ा सड़क हादसा हुआ था. उस हादसे में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. हालांकि, तब ट्रोले में 120 लोग सवार थे, जो रामदेवरा दर्शन के लिए जा रहे थे. वहीं, उस हादसे की जांच के लिए देश व प्रदेश की कई जांच एजेंसियां राजसमंद पहुंची थीं. एक्सपर्ट ने देसूरी की नाल को डेंजर जोन मानते हुए तत्काल सड़क के चौड़ीकरण व ओवरब्रिज बनाने की सलाह दी थी. बावजूद इसके आज करीब 17 साल बाद ही हाल बेहाल है.

बिना अनुमति के शैक्षिणक भ्रमण :महात्मा गांधी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय माणकदेह, आमेट से 62 छात्र-छात्राओं का शैक्षणिक भ्रमण बिना शिक्षा विभाग की अनुमति के होने की बात सामने आई है. इसके लिए स्कूल प्रबंधन ने प्रत्येक अभिभावक से 300-300 रुपए लिए थे और उन पैसों से किराए पर बस की व्यवस्था की गई थी. उसके बाद परशुराम महादेव मंदिर सहित तीन अन्य पिकनिक स्थलों पर भ्रमण के लिए निकले. परिजनों ने मौखिक सहमति देते हुए 300-300 रुपए दिए, लेकिन न तो परिजनों ने लिखित सहमति दी और न ही शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक भ्रमण की अनुमति स्कूल प्रबंधन को दी थी. मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी मुकुट बिहारी शर्मा ने बताया कि बिना अनुमति के शैक्षणिक भ्रमण की बात सामने आई है और प्रकरण की पूरी जांच के लिए सीबीईओ आमेट को निर्देश दिए गए हैं.

हादसे के बाद सड़क पर लगी गाड़ियों की कतार (ETV BHARAT Rajsamand)

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हादसा चिंताजनक : जिला कलेक्टर बालमुकुंद असावा ने इस हादसे को चिंताजनक बताया. उन्होंने कहा कि यह हादसा कैसे हुआ, इसकी जांच की जा रही है. तीन बच्चियों की मौत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसे में आगे देसूरी की नाल में संकेतक लगाने के साथ ही इस बात पर ध्यान दिया जाएगा कि आगे इस तरह की दुर्घटना न हो. इसके लिए आवश्यक कदम भी उठाए जाएंगे.

Last Updated : Dec 8, 2024, 10:40 PM IST

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