बाड़मेर. थार की प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के साथ उन्हें मंच प्रदान के उद्देश्य से शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने पहल करते हुए जिले के शिव मुख्यालय पर "रोहिड़ी म्यूजिक फेस्टिवल" का आयोजन किया. रविवार देर रात तक कार्यक्रम चला. इस कार्यक्रम में थार मरुस्थल के सैकड़ों प्रसिद्ध लोक कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देकर समां बांधा. लोक कलाकारों की एक से बढ़कर एक शानदार प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. लोक कलाकारों को सुनने के लिए कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी.
कलात्मक प्रस्तुतियों की सुरमयी शाम : कार्यक्रम में पद्मश्री अनवर ख़ान, मोती ख़ान, खेता ख़ान, छोटू ख़ान जैसे दिग्गज कलाकारों समेत 100 से अधिक कलाकारों ने अपनी सुरमयी प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. उनकी गायकी ने राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत कर दिया.
संत समाज की उपस्थिति ने बढ़ाई शोभा : कार्यक्रम में संत समाज के पूज्य गोरखनाथ जी महाराज, गणेश नाथ जी महाराज, दौलत नाथ जी, आनंद पूरी जी महाराज सहित कई प्रतिष्ठित संतों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. उनकी उपस्थिति का ही परिणाम था कि यह संगीत महोत्सव आध्यात्मिकता और संस्कृति का संगम बन गया.
जनसैलाब और पर्यटन को बढ़ावा : राजस्थान के विभिन्न जिलों से आए हज़ारों लोगों ने इस आयोजन को सफल बनाया. यह महज एक संगीत समारोह नहीं था, बल्कि पश्चिमी राजस्थान की कला और संस्कृति को वैश्विक मंच पर ले जाने और बाड़मेर क्षेत्र में पर्यटन को प्रोत्साहन देने की अनूठी पहल थी.
अनूठे स्वागत और विशेष आकर्षण : कार्यक्रम के दौरान 36 फीट लंबी मूंछों के लिए प्रसिद्ध जगमाल सिंह ने विधायक श्री रविन्द्र सिंह भाटी का अनोखे अंदाज़ में अपनी मूंछों से स्वागत किया. यह क्षण दर्शकों के लिए बेहद खास और यादगार बन गया.
कला और संस्कृति का उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमारी परंपरा: अपने संबोधन में विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने समस्त शिव की जनता और कलाकारों का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा, यह कार्यक्रम केवल हमारी कला और संस्कृति का उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमारी परंपरा, विरासत और पर्यटन को नई ऊंचाई देने का माध्यम है. भाटी ने कहा कि रोहिड़ी म्यूजिक फेस्टिवल ने यह साबित कर दिया कि पश्चिमी राजस्थान के पास न केवल समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर है, बल्कि उसे पूरी दुनिया के सामने प्रस्तुत करने की अपार संभावनाएं भी हैं. इस आयोजन ने कला, संस्कृति और पर्यटन के समन्वय का जो उदाहरण प्रस्तुत किया है, वह आने वाले समय में अन्य क्षेत्रों के लिए प्रेरणा बनेगा.
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बता दें कि इससे पहले यह कार्यक्रम बॉडर के पास रोहिडी गांव मे आयोजित किया जाना था, लेकिन स्थानीय लोगों की शिकायत और बॉर्डर के नजदीक होने के चलते सुरक्षा कारणों की वजह से जिला कलेक्टर एवं मजिस्ट्रेट टीना डाबी ने 8 जनवरी को आदेश कर रोहिड़ी में इस कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति रद्द कर दी थी. इसके बावजूद, मात्र दो दिनों के भीतर रविन्द्र सिंह भाटी ने स्थान परिवर्तन कर शिव मुख्यालय पर आयोजन की अनुमति लेकर संपन्न करवाया.