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महाकुंभ 2025 के लिए भारत आईं स्टीव जॉब्स की पत्नी, संत ने दिया हिंदू नाम - LAURENE POWELL JOBS

स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स को संतों के एक प्रतिष्ठित संगठन निरंजनी अखाड़े ने उन्हें हिंदू एक नाम दिया है.

Laurene Powell Jobs
स्टीव जॉब्स की पत्नी को संतो ने दिया हिंदू नाम (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 13, 2025, 11:25 AM IST

नई दिल्ली: ऐपल के दिवंगत को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के लिए भारत आई हुई हैं. इस बीच 61 वर्षीय अमेरिकी व्यवसायी ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर का दौरा किया. इस दौरान संतों के एक प्रतिष्ठित संगठन निरंजनी अखाड़े ने उन्हें हिंदू एक नाम दिया है.

वाराणसी के मंदिर में लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा काशी विश्वनाथ की पूजा की और सोमवार से शुरू हुए महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए प्रार्थना करते हुए 'जलाभिषेक' (देवता को जल चढ़ाना) किया.

संतो ने 'कमला' दिया नाम
वह गुलाबी रंग का सूट पहनकर मंदिर में पहुंचीं और उनके सिर पर सफेद दुपट्टा लपेटा हुआ था. उनकी सुरक्षा के लिए कई पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे. जानकारी के मुताबिक संतो ने उन्हें 'कमला' नाम दिया है.

मंत्र जाप करेंगी लॉरेन
अगले तीन हफ्ते तक 61 वर्षीय समाजसेवी निरंजनी अखाड़े के कैलाशानंद गिरि महाराज की कथा सुनेंगी और 10 दिनों तक कल्पवास के नियमों का पालन करेंगी. इन 10 दिनों में वह प्रतिदिन सुबह-सुबह पवित्र नदी में स्नान करेंगी, ध्यान करेंगी, मंत्र जाप करेंगी और शास्त्र पढ़ेंगी.

इसके अलावा वह उपवास रखेंगी और प्याज, लहसुन या मसालेदार भोजन रहित केवल सात्विक भोजन खाएंगी और संतों और आध्यात्मिक नेताओं से शिक्षा सुनेंगी. वह जमीन पर सोएंगी, सादा जीवन जिएंगी और तुलसी का पौधा लगाएंगी. रिपोर्ट के अनुसार वह खुद या अन्य भक्तों द्वारा तैयार भोजन भी खाएंगी, सोना नहीं पहनेंगी और मिठाई या फल खाएंगी.

'वह बहुत धार्मिक और आध्यात्मिक हैं'
इससे पहले स्वामी कैलाशानंद गिरि ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, "वह बहुत धार्मिक और आध्यात्मिक हैं. वह हमारी परंपराओं के बारे में जानना चाहती हैं... वह मुझे एक पिता और गुरु के रूप में सम्मान देती हैं... हर कोई उनसे सीख सकता है. भारतीय परंपराओं को दुनिया द्वारा स्वीकार किया जा रहा है..."

सोमवार शुरू हुआ महाकुंभ
इस बीच दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम महाकुंभ 13 जनवरी (सोमवार) से शुरू हो चुका है और 26 फरवरी तक चलेगा. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के अनुसार हर 12 साल में एक बार आयोजित होने वाले महाकुंभ में 15 लाख विदेशी पर्यटकों के आने की उम्मीद है.

यह भी पढ़ें- भारत में औसतन कितने घंटे काम करते हैं लोग और किन देशों में हैं सबसे कम वर्किंग ऑवर? जानें

नई दिल्ली: ऐपल के दिवंगत को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के लिए भारत आई हुई हैं. इस बीच 61 वर्षीय अमेरिकी व्यवसायी ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर का दौरा किया. इस दौरान संतों के एक प्रतिष्ठित संगठन निरंजनी अखाड़े ने उन्हें हिंदू एक नाम दिया है.

वाराणसी के मंदिर में लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा काशी विश्वनाथ की पूजा की और सोमवार से शुरू हुए महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए प्रार्थना करते हुए 'जलाभिषेक' (देवता को जल चढ़ाना) किया.

संतो ने 'कमला' दिया नाम
वह गुलाबी रंग का सूट पहनकर मंदिर में पहुंचीं और उनके सिर पर सफेद दुपट्टा लपेटा हुआ था. उनकी सुरक्षा के लिए कई पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे. जानकारी के मुताबिक संतो ने उन्हें 'कमला' नाम दिया है.

मंत्र जाप करेंगी लॉरेन
अगले तीन हफ्ते तक 61 वर्षीय समाजसेवी निरंजनी अखाड़े के कैलाशानंद गिरि महाराज की कथा सुनेंगी और 10 दिनों तक कल्पवास के नियमों का पालन करेंगी. इन 10 दिनों में वह प्रतिदिन सुबह-सुबह पवित्र नदी में स्नान करेंगी, ध्यान करेंगी, मंत्र जाप करेंगी और शास्त्र पढ़ेंगी.

इसके अलावा वह उपवास रखेंगी और प्याज, लहसुन या मसालेदार भोजन रहित केवल सात्विक भोजन खाएंगी और संतों और आध्यात्मिक नेताओं से शिक्षा सुनेंगी. वह जमीन पर सोएंगी, सादा जीवन जिएंगी और तुलसी का पौधा लगाएंगी. रिपोर्ट के अनुसार वह खुद या अन्य भक्तों द्वारा तैयार भोजन भी खाएंगी, सोना नहीं पहनेंगी और मिठाई या फल खाएंगी.

'वह बहुत धार्मिक और आध्यात्मिक हैं'
इससे पहले स्वामी कैलाशानंद गिरि ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, "वह बहुत धार्मिक और आध्यात्मिक हैं. वह हमारी परंपराओं के बारे में जानना चाहती हैं... वह मुझे एक पिता और गुरु के रूप में सम्मान देती हैं... हर कोई उनसे सीख सकता है. भारतीय परंपराओं को दुनिया द्वारा स्वीकार किया जा रहा है..."

सोमवार शुरू हुआ महाकुंभ
इस बीच दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम महाकुंभ 13 जनवरी (सोमवार) से शुरू हो चुका है और 26 फरवरी तक चलेगा. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के अनुसार हर 12 साल में एक बार आयोजित होने वाले महाकुंभ में 15 लाख विदेशी पर्यटकों के आने की उम्मीद है.

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