जयपुर. प्रदेश के शिक्षकों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को छात्र और शिक्षक विरोधी बताते हुए इसके खिलाफ आंदोलन करने का ऐलान किया है. शिक्षकों ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 से शिक्षा का निजीकरण होने और शिक्षकों की नियमित नियुक्तियां बंद होने का आरोप लगाया. साथ ही शिक्षक महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को दोबारा हिंदी मीडियम स्कूलों में तब्दील करने के खिलाफ भी विरोध दर्ज कराएंगे.
राज्य सरकार शिक्षा नीति 2020 को लागू करने जा रही है, लेकिन प्रदेश के शिक्षक संगठन इसका विरोध कर रहे हैं. शिक्षक संघ ने 17 मई को जोधपुर में होने वाली राज्य स्तरीय बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाने का ऐलान किया है. संगठन के प्रदेश अध्यक्ष महावीर सिहाग ने बताया कि शिक्षक संगठनों पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का समर्थन करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है, जबकि इस नीति को लागू करने के क्रम में कक्षा पहली और दूसरी को विद्यालयों से अलग करके आंगनबाड़ी में स्थानान्तरित कर दिया जाएगा. विद्यालयों में अध्यापकों के हजारों पद खत्म हो जाएंगे. संविदा और पार्ट टाइम आधार पर शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे. अग्निवीर योजना की तरह शिक्षा में भी नौजवान शिक्षकों को शोषण की भट्टी में धकेल दिया जाएगा. उन्होंने आरोप लगाया कि विद्यालय प्रबंधन समिति को शिक्षक और कर्मचारी नियुक्त करने, वार्षिक वेतन वृद्धि स्वीकृत या अस्वीकृत करने, पदोन्नति देने या सेवा समाप्त करने का अधिकार होगा, परिणामस्वरूप शिक्षाकर्मियों का शोषण होगा.