गयाः बिहार के गया में नीरा से तिलकुट, लाई और पेड़े तो बनते ही हैं, अब चाय भी बनने लगी है. नीरा से बनी चाय की बिक्री भी काफी हो रही है. इसे पीने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. डायबिटीज मरीजों के लिए यह वरदान के समान है. मीठे खाने से परहेज रखने वाले डायबिटीज मरीज नीरा से बनने वाले मिठाई, तिलकुट और चाय सब कुछ खा-पी सकते हैं.
गया में नीरा से बन रही चायः गया के बोधगया में नीरा से चाय बन रही है. इससे रसगुल्ला भी बनाने की योजना है. जल्द ही रसगुल्ले भी बनने शुरू हो जाएंगे. इससे पहले नीरा से तिलकुट जब बाजारों में आया तो लोग चौंक गए थे, हालांकि अब नीरा से बने तिलकुट को खाने वालों की संख्या अच्छी खासी है. वहीं, नीरा से बने लाई-पेड़े भी खूब बिक रहे हैं. नीरा से बनी चाय की बिक्री भी बढ़ती जा रही है.
चाय से अच्छी हो रही आमदनीःबोधगया में नीरा चाय का काउंटर चलाने वाले रंजीत कुमार बताते हैं कि इसकी बिक्री बिहार में पहली बार गया से शुरू हुई है. वह नीरा से चाय बनाकर बेच रहे हैं. नीरा की चाय में डेढ़ ग्लास नीरा और तीन ग्लास दूध डाला जाता है. चीनी नहीं डाली जाती है. नीरा से ही मिठास आती है. इसमें चाय पत्ती मिलाई जाती है. नीरा से बनी चाय बेचकर वह रोज 500 से 700 रुपए कमा लेते हैं. इसकी डिमांड काफी है.
"नीरा चाय पीने वाले इतने हैं कि हमारे पास नीरा कभी-कभी कम हो जाता है. 35 रुपए लीटर नीरा है. छेवक से नीरा खरीदते है और चाय बनाकर बोधगया में बेचते हैं"-रंजीत कुमार, चाय दुकानदार
'चाय की मिठास काफी नेचुरल है':नीरा चाय पीने वाला आदित्य कुमार बताते हैं कि इस तरह के उद्यम कर अच्छा प्रयोग हो रहा है. नीरा के काफी लाभ बताए जा रहे हैं. उन्होंने भी चाय पी है, जो काफी नेचुरल मिठास वाली है. इस तरह बिना चीनी की नीरा वाली चाय काफी स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक है.
'डायबिटीज मरीजों के लिए वरदान है नीरा':इस संबंध में मगध विश्वविद्यालय में पीजी डिपार्मेंट आफ बॉटनी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अमित कुमार सिंह बताते हैं कि नीरा अत्यंत गुणकारी पेय पदार्थ है. कार्बोहाइड्रेट का शुद्ध सोर्स नीरा से होता है. आयुर्वेद में भी इसके गुणों को बतलाया गया है. अस्थमा, प्रेगनेंट वुमेन के लिए इसका सेवन अति उत्तम है. गैलेक्सीमैक्स इंडेक्स इसमें 35 होता है, जिससे डायबिटीज के मरीज इसे आसानी से ले सकते हैं. 20 में से 17 अमीनो एसिड जिससे मसल्स बनते हैं, नीरा में मौजूद हैं.