बाड़मेर :तमिलनाडु के पूर्व डीजीपी सांगाराम जांगिड़ ने अपने घर से ही अनोखी पहल की शुरुआत की है. उन्होंने अपनी भाभी के मृत्युभोज की जगह शिक्षा को प्राथमिकता दी. उन्होंने अपनी भाभी के बारहवें पर 9 लाख रुपए का दान शिक्षा और सकारात्मक कार्यों में लिए किया है. उनका यह कदम न केवल समाज में शिक्षा के महत्व को उजागर करता है, बल्कि यह एक प्रेरणादायक उदाहरण भी प्रस्तुत करता है.
जिले के बांदरा, कवास गांव में सोमवार को तमिलनाडु के पूर्व डीजीपी सांगाराम जांगिड़ की भाभी स्वर्गीय लीला जांगिड़ की गंगा आरती और बाहरवें की रस्मों को सादगी के साथ पूरा किया गया. इस दौरान स्वर्गीय लीला जांगिड़ के देवर पूर्व डीजीपी सांगाराम जांगिड़ ने मृत्युभोज की प्रथा को अपने घर से समाप्त करने की पहल करते हुए भाभी के बाहरवें पर मृत्युभोज का आयोजन नहीं किया. इसकी जगह उन्होंने समाज के विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं को 9 लाख रुपए भेंट कर समाज में उदाहरण प्रस्तुत किया है. जांगिड़ ने 5 लाख रुपए श्री विश्वकर्मा मंदिर, छात्रावास कवास, 1 लाख रुपए ऋषि अंगिरा फाउंडेशन बाड़मेर, 1 लाख रुपए श्री विश्वकर्मा छात्रावास, जांगिड़ पंचायत बाड़मेर, 1 लाख रुपए राजकीय स्कूल कवास, 1 लाख रुपए राजकीय स्कूल बांदरा के साथ ही अलग-अलग संस्थाओं को 9 लाख रुपए का सहयोग देकर समाज में शैक्षणिक विकास को मजबूती प्रदान की.