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उत्तराखंड वन महकमे में खत्म होगी डबल चार्ज की व्यवस्था, डिविजनों में प्रभारी DFO बनाने की तैयारी

उत्तराखंड के कई डिविजन की जिम्मेदारी संभाल रहे प्रभागीय वनाधिकारियों को राहत मिलने जा रही है. प्रभारी डीएफओ बनाने पर जोर दिया जा रहा है.

UTTARAKHAND FOREST DEPARTMENT
उत्तराखंड वन भवन (फोटो- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 4 hours ago

Updated : 34 minutes ago

देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग में प्रभारी डीएफओ बनाने की कसरत शुरू हो गई है. शासन डबल चार्ज की व्यवस्था को पूरी तरह से खत्म करते हुए अब इन खाली डिविजनों में प्रभारी डीएफओ तैनात करने जा रहा है. इसके लिए वन मंत्री और शासन स्तर पर भी अधिकारियों का चिंतन हो चुका है. माना जा रहा है कि जल्द ही विभिन्न डिविजनों में प्रभारी डीएफओ तैनात किए जाएंगे.

प्रभारी डीएफओ बनाए जाने का निर्णय:दरअसल, वन विभाग ने अब एक से ज्यादा चार्ज वाले प्रभागों में प्रभारी डीएफओ बनाए जाने का निर्णय लिया है. खास बात ये है कि पिछले लंबे समय से सहायक वन संरक्षक भी प्रभारी डीएफओ बनने की राह देख रहे थे, लेकिन लंबे समय से इस मामले पर विचार होने के बावजूद शासन स्तर से निर्णय नहीं लिया जा रहा था.

वन मंत्री सुबोध उनियाल (वीडियो- ETV Bharat)

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने प्रभागों में प्रभारी डीएफओ तैनात किए जाने के लिए शासन के अधिकारियों और वन विभाग के वरिष्ठ अफसरों के साथ बातचीत की है. इस दौरान प्रभारी डीएफओ बनाए जाने के फार्मूले पर भी बात हुई है. वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि जल्द ही विभिन्न सहायक वन संरक्षकों को प्रभागों का चार्ज दिया जाएगा. इसके लिए विभाग स्तर पर अधिकारियों के साथ बातचीत की जा चुकी है.

वरिष्ठता के आधार पर नहीं होगा प्रभार देने का निर्णय: खबर है कि वन विभाग में सहायक वन संरक्षकों (ACF) को सीनियरिटी के आधार पर नई जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी. इसके लिए वन विभाग के स्तर पर दिए गए सुझावों के आधार पर सहायक वन संरक्षकों के नाम तय किए जाएंगे.

हालांकि, उत्तराखंड वन विभाग में पहले भी सहायक वन संरक्षक तमाम प्रभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. राज्य में भारतीय वन सेवा के अधिकारियों की कमी के चलते सहायक वन संरक्षकों को जिम्मेदारी देने का फैसला पूर्व में लिया गया था. इसी के आधार पर कई अधिकारियों को डिविजन की जिम्मेदारी दी गई थी.

नई नियुक्ति वाले ACF को मौका मिलने की संभावना कम:हाल ही में राज्य को करीब 45 एसीएफ (ACF) मिले हैं, जिन्हें कुछ समय पहले ही पहली तैनाती दी गई है. हालांकि, प्रमोशन से एसडीओ (SDO) बनने वाले वन विभाग के अधिकारियों के साथ इनकी सीनियरिटी को तय किया गया है, लेकिन नई नियुक्ति वाले ACF को महकमे में फील्ड का अनुभव नहीं होने की बात कही जाती रही है और यही कारण है कि इन्हें प्रभारी डीएफओ बनाए जाने की संभावनाएं फिलहाल कम नजर आ रही हैं.

हालांकि, कहा ये भी जा रहा है कि वन विभाग के अधिकारी सीनियरिटी के आधार पर प्रभारी डीएफओ बनाए जाने के पक्ष में हैं, लेकिनप्रभार देने के लिए सीनियरिटी की आवश्यकता नहीं होती. इस बात के साथ विभागीय मंत्री अनुभव के आधार पर प्रभारी डीएफओ बनाए जाने के हक में दिखाई दे रहे हैं.

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