नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट के आरोपी बिभव कुमार की पुलिस रिमांड तीन दिन के लिए बढ़ गई है. मंगलवार को पुलिस ने रिमांड खत्म होने के बाद तीस हजारी कोर्ट में पेश किया और 5 दिन की दोबारा रिमांड मांगी. हालांकि, कोर्ट ने तीन दिन की रिमांड मंजूर की.
कल यानी 27 मई को कोर्ट ने बिभव कुमार की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान मालीवाल ने कोर्ट में कहा था कि एक बहुत बड़ा यूट्यूबर है जो पहले आम आदमी पार्टी का वालंटियर था उसने एकतरफा वीडियो बनाया. उसके बाद मुझे लगातार जान से मारने और रेप की धमकी आने लग गई.
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा था, ''पीड़ित महिला की छवि बहुत अच्छी है, उस अकेली महिला को आरोपी ने पीटा, उसे छाती और गर्दन पर मारा गया, उसे घसीटा गया, जिस दौरान उसका सिर सेंटर टेबल से टकरा गया. यह सवाल नहीं है कि क्या इससे उसकी मौत नहीं हो सकती थी. आप एक महिला को इस तरह से मार रहे हैं कि उसका बटन खुल गया.''
उन्होंने कहा था कि ''एक सवाल है कि वह मौजूदा सांसद हैं. वो दिल्ली महिला आयोग की चेयरपर्सन रह चुकी हैं. आम आदमी पार्टी स्वाति को लेडी सिंघम कहती थी. जब कोई महिला संकट में होती है तो वह स्वाति को बुलाती है और यहां कहा जा रहा है कि वो बिभव कुमार की छवि खराब करने के लिए सोची समझी रणनीति के तहत वहां गई थी.''
दिल्ली पुलिस ने कहा था कि एक सांसद मुख्यमंत्री से मिलने जा रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री से मिलने के लिए बिभव की अनुमति की आवश्यकता है. सुरक्षाकर्मी कहते है कि मिलने के लिए बिभव सर की अनुमति की आवश्यकता है. वास्तव में बिभव को वहां रहने का कोई अधिकार नहीं था. उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई थीं. क्या मालीवाल जो कि एक ऐसे व्यक्ति की छवि खराब करेंगी जो कि स्थायी कर्मचारी भी नहीं है. बिभव की तरफ से वकील हरिहरन ने कहा कि जो भी सीसीटीवी का डीवीआर था वो पुलिस ने अपने कब्जे मे ले लिया किसी भी सबूत से छेड़छाड़ नहीं हुई है.
24 मई को कोर्ट ने बिभव कुमार को आज तक की न्यायिक हिरासत में भेजा था, दिल्ली पुलिस ने 18 मई को बिभव कुमार को गिरफ्तार किया था. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा था कि एफआईआर में स्वाति ने खुद साफ किया कि उसने पुलिस को अप्रोच करने में देरी क्यों की. वो इस घटना के बाद ट्रॉमा में थी इस वजह से देरी हुई. जबकि बिभव के वकील ने कहा था कि सीसीटीवी फुटेज में कहीं भी स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट की पुष्टि नहीं होती है. उन्होनें कहा था कि अगर पुलिस को शिकायत देने में भी तीन दिन लग रहे है तो यह साफ है कि इस दौरान स्वाति साजिश रच रही थी. बता दें कि इस मामले में स्वाति मालीवाल ने 17 मई को कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया था. घटना 13 मई की है, दिल्ली पुलिस ने 16 मई को स्वाति मालीवाल का बयान दर्ज कर एफआईआर दर्ज की थी.
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