नई दिल्ली/नोएडाः अलीगढ़ के खैर स्थित सीएचसी में मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनात डॉक्टर के आत्महत्या के मामले में एक रिहैबिलिटेशन सेंटर के डॉक्टरों और स्टाफ के खिलाफ सेक्टर-20 थाने में शनिवार को मुकदमा दर्ज हुआ है. बीते चार दिसंबर को डॉक्टर अंकित का शव नोएडा स्थित एक रिहैबिलिटेशन सेंटर के कमरे में फंदे से लटकता हुआ मिला था. उसे एक सप्ताह पहले ही उपचार के लिए यहां भर्ती कराया गया था. परिवार वालों का आरोप है कि सेंटर के डॉक्टरों और स्टाफ की लापरवाही से अंकित की मौत हुई है. पुलिस ने सेंटर के स्टाफ से पूछताछ करने के बाद आगे की कार्रवाई करने की बात कही है. मुकदमा मृतक के जीजा दीपक नागर की ओर से दर्ज कराया गया है.
बुखार आने के बाद बिगड़ी थी अंकित की तबीयत: पुलिस को दी शिकायत में दीपक नागर ने बताया कि अंकित कुमार अलीगढ़ के सीएचसी में मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनात थे. इसी साल करवा चौथ के दिन उन्हें बुखार आया और इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ती ही चली गई. डिप्रेशन में जाने की वजह से उपचार के लिए मनोचिकित्सकों से भी संपर्क किया गया.
28 नवंबर को ही रिहैबिलिटेशन सेंटर में कराया गया था भर्ती:सिकंदराबाद के मंजूपुर निवासी अंकित कुमार को 28 नवंबर को नोएडा के सेक्टर-30 स्थित रिहैबिलिटेशन सेंटर में भर्ती कराया गया. सेंटर के स्टॉफ ने तीन दिसंबर को कॉल की और बताया कि मरीज की सेहत में तेजी से सुधार हो रहा है. अगले दिन चार दिसंबर को सुबह नौ बजकर 27 मिनट पर सेंटर के स्टॉफ का अंकित के परिजनों के पास फोन आया कि उसने आत्महत्या करने की कोशिश की है. हम उसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके बाद शिकायतकर्ता अंकित के अन्य करीबियों के साथ सेंटर पहुंचा. यहां अंकित का शव खिड़की के सहारे लटका हुआ था.
डॉक्टर और स्टॉफ पर आरोप: आरोप है कि सेंटर के किसी भी चिकित्सक और स्टॉफ ने अंकित को बचाने का प्रयास नहीं किया. किसी ने रात में उनकी कोई खोज खबर नहीं ली. अगले दिन जब शिफ्ट बदली जब अंकित के आत्महत्या करने की जानकारी सेंटर के स्टाफ को हुई. मरीज अंकित की पूरी फाइल खाली थी और इसपर किसी चिकित्सक या स्टाफ के नोट्स नहीं थे. सीसीटीवी कैमरे भी सेंटर के अंदर बंद थे. भर्ती के समय सेंटर प्रबंधन की ओर से दावा किया गया था कि 24 घंटे मरीज की हर गतिविधि की निगरानी की जाती है और सभी प्रकार की मेडिकल सुविधाएं प्रदान की जाती हैं.
डॉक्टर और समस्त स्टाफ पर सख्त कार्रवाई की मांग:शिकायतकर्ता का दावा है कि मरीज के कमरे में ऐसी कोई वस्तु नहीं मिली है, जिससे वह खुद को नुकसान पहुंचा सकते थे. मृतक चिकित्सक के जीजा ने सेंटर के चिकित्सकों और समस्त स्टॉफ पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. एडीसीपी नोएडा मनीष मिश्र ने बताया कि इस मामले की जांच की जा रही है. सभी पहलुओं को चेक किया जा रहा है. उसके अनुसार आगे कार्रवाई की जाएगी.
दिखाई दिए थे ये लक्षण:इस मामले में पुलिस से शिकायत देने वाले दीपक ने बताया कि उनके साले अंकित अरोड़ा का कुछ समय पहले एक्सीडेंट हुआ था. जिसके बाद डॉक्टर से इलाज के बाद उसे पोस्ट ट्रॉमेटिक सिम्टम्स दिखाई दिए थे. इसी को लेकर उसे 28 नवंबर को जागृति रिहैब सेंटर में भर्ती करवाया गया था. 3 दिसंबर को रिहैब से कॉल कर बताया गया कि अंकित की हालत में सुधार है. और उसकी तबीयत पहले से बेहतर और इंजेक्शन की जगह उसने खुद अपनी दवाएं ली हैं. साथ ही वह दूध की मांग कर रहे हैं तो रिहैब सेंटर से उन्हें दूध के भुगतान के संबंध में कॉल की गई थी. परिवार के लोगों के अनुसार अंकित की शादी 10 महीने पहले ही हुई थी.
ये भी पढ़ें-