नई दिल्ली:दिल्ली नगर निगम में एल्डरमैन (मनोनीत पार्षद) की नियुक्ति मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि उपराज्यपाल को एमसीडी में पार्षद मनोनीत करने का अधिकार है और इसमें सरकार की सलाह की कोई जरूरत नहीं है. शीर्ष अदालत ने एलजी के स्टैंड को सही ठहराया है. अब इस फैसले का बड़ा असर एमसीडी स्टेंडिंग कमेटी और वार्ड समितियों के गठन पर भी पड़ने की संभावना जताई जा रही है.
एल्डरमैन को स्टेंडिंग कमेटी और वार्ड समितियों के चुनाव में वोटिंग करने के अधिकार से आम आदमी पार्टी को निगम में बड़ा झटका भी लग सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि दिल्ली नगर निगम में सदस्यों को नामित करने की दिल्ली के उपराज्यपाल की शक्ति एक वैधानिक शक्ति है न कि कार्यकारी शक्ति.
250 में 134 सीट पर AAP का कब्जा:पिछले डेढ़ साल से जोनल कमेटी गठित नहीं हो सकी है और ना ही स्टैंडिंग कमेटी गठित हो पाई है. इस बीच देखा जाए तो दिसंबर, 2022 में दिल्ली नगर निगम चुनाव में 250 सीटों में से 134 सीट जीतकर आम आदमी पार्टी ने निगम पर कब्जा कर लिया था. निगम सदन में दलों की स्थिति पर नजर डालें तो बीजेपी को निगम चुनाव में 104 सीटों पर जीत हासिल हुई थी और कांग्रेस को सिर्फ 9 सीट और अन्य के खाते में 3 सीट गईं थीं. एक कांग्रेस पार्षद बीजेपी में चली गईं इसके बाद उसके पार्षद 8 ही रह गए हैं. आम आदमी पार्टी के एक पार्षद भी हाल में बीजेपी में चले गए हैं, इसके बाद इनकी संख्या हाउस में 106 हो गई है.
वहीं, सदन में बीजेपी के पास 10 एल्डरमैन हैं और 7 लोकसभा सांसद और 1 दिल्ली विधानसभा से मनोनीत सदस्य विधायक भी हैं. आम आदमी पार्टी के पास विधानसभा से मनोनीत 13 विधायक और 3 आप राज्यसभा सांसद भी हैं. लेकिन आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद इन दिनों कुछ नाराज हैं. आने वाले समय में दिल्ली के मेयर का चुनाव भी होगा जोकि लंबित है.
भाजपा को होगा फायदाःसुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब एमसीडी में समीकरण में बड़े बदलाव होने की संभावना है. दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी के गठन में इन एल्डरमैन की अहम भूमिका भी होने वाली है. इससे अब एमसीडी में बीजेपी का पलड़ा भारी हो सकता है. दरअसल, कुल 12 जोनल कमेटी में से बीजेपी 4 में बहुमत में हैं.
जबकि, 8 में आम आदमी पार्टी को बहुमत है. ऐसे में अब माना जा रहा है कि बीजेपी ने अपने एल्डरमैन के तौर पर पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को कुछ इस तरह से नियुक्त किया है कि जो कई जोनों में आप पार्टी के केलकुलेशन को गड़बड़ा देंगे. 3 जोन में जिनमें सेंट्रल, नरेला और सिविल लाईन्स जोन प्रमुख रूप से शामिल हैं, इनमें समीकरण बदल जाएगा.
बीजेपी का इन जोन में पलड़ा मजबूत हो जाएगा. एल्डरमैन की नियुक्ति को क्लीन चिट मिलने के बाद बीजेपी सिविल लाइन्स जोन में बहुमत में आ सकती है. जबकि, नरेला जोन में टक्कर बराबर की होगी. सेंट्रल जोन में अगर कांग्रेसी पार्षद बीजेपी को स्पोर्ट करते हैं तो यह जोन भी बीजेपी कब्जा सकती है. यह सब कांग्रेस पर निर्भर करता है कि वो जोनल चुनाव में किसके हक में वोट करती है.
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जल्द शुरू हो सकती है स्टैंडिंग कमेटी गठन की प्रक्रियाःइस बीच देखा जाए तो हर वार्ड कमेटी का दायरा तय है. उस दायरे में आने वाले पार्षद ही उस जोन कमेटी के चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन के साथ-साथ स्टैंडिंग कमेटी के मैंबर के लिए वोट करते हैं. अभी तक एल्डरमैन (मनोनीत पार्षद) के पास भी जोनल कमेटी में वोट डालने का अधिकार प्राप्त है.