जयपुर: सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सहित यूपी व उत्तराखंड राज्य सरकार की ओर से आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई के खिलाफ दायर अवमानना याचिका को खारिज कर दिया है. जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस केवी विश्वनाथम और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की खंडपीठ ने यह आदेश नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वूमेन की अवमानना याचिका पर दिए.
अदालत ने कहा कि बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर याचिकाकर्ता संगठन के अधिकार किस प्रकार प्रभावित हुए हैं. इसके अलावा याचिका मुख्य तौर पर समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के आधार पर ही है. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत के निर्देशों की अवमानना होने का भी कोई ठोस सबूत नहीं दिया है. ऐसे में अवमानना याचिका खारिज की जाती है.
अवमानना याचिका में राजस्थान सहित अन्य राज्य सरकार व उनके अफसरों पर आरोप लगाया था कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व आदेशों की अवहेलना कर आरोपियों की संपत्तियों को अवैध तरीके से विध्वंस किया है. अवमानना याचिका में राजस्थान के उस मामले का हवाला दिया था, जिसमें 17 अक्टूबर 2024 को शरद पूर्णिमा कार्यक्रम के दौरान 10 आरएसएस कार्यकर्ताओं पर हमले में शामिल एक आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाया गया था.