पटना : जिस प्रकार से दिल्ली के कोचिंग संस्थान में तीन होनहार छात्रों की मौत हो गई. उसके बाद से देशभर में उबाल देखा जा रहा है. लोगों में गुस्सा है. सियासत भी हो रही है. इसी बीच सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार ने खुलकर अपनी बात रखी है. उन्होंने कोचिंग संस्थान की गरिमा को लेकर कई सवाल भी खड़े किए हैं.
''यह सुनकर मैं दुखी हुआ कि तीन बच्चों की जो निर्दोश थे, जिन्होंने कभी सोचा भी नहीं था, जो बड़े-बड़े सपने लेकर दिल्ली आए थे. यूपीएससी क्वालिफाई करना चाहते थे. उनकी अचानक हादसे में मौत हो जाती है. इससे बड़ा दुर्भाग्य हम लोगों के लिए क्या हो सकता है.''- आनंद कुमार, सुपर 30 के संस्थापक
पटना के कोचिंग सेंटर पर भी सवाल? : आनंद कुमार का कहना है कि जब इस तरह की दुर्घटना होती है तो, इस लोग लोगों का ध्यान जाता है. ये तो सरकार की जिम्मेवारी है कि समय-समय पर इसकी जांच करें. कहां चीजें खराब हो रही है. साथ ही तमाम कोचिंग संचालक को भी देखना चाहिए कि वे जल्दबाजी न करें. तुरंत पैसे आ जाएं, इसका भी उपाय न करें.
इसे व्यवसाय न बनाएं' : सुपर 30 के संस्थापक का कहना है कि धीरे-धीरे कम बच्चों को पढ़ाईये, उनके लिए बैठने की सुविधा, बाथरूम की सुविधा और आने जाने से संबंधित तमाम सुविधाएं हो. इसका ख्याल रखना जरूरी है. तमाम शिक्षकों से ये रिक्वेस्ट है कि हमारे देश में शिक्षा को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है. गुरू को भगवान का दर्जा दिया गया है. इसलिए इसे व्यवसाय न बनाएं, बल्कि बच्चों के हित में सोचें.
'अब तो बेचारे छात्र-छात्राएं क्लाइंट बन गए हैं' :आनंद कुमार का कहना है कि मुझे आश्चर्य लगता है, जब कोई अभिभावक अपनी जमीन, अपने घर के आखिरी कमरे को बेच कर अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए कोचिंग सेंटर पहुंचते है तो वहां पर उनको चाय पिलाते हुए आपस में लोग बात करते हुए एक दूसरे से कहते है कि 'क्लाइंट आया है'. अब तो बेचारे छात्र-छात्राएं क्लाइंट बन गए हैं. कोचिंग सेंटर में मार्केटिंग टीम करती है. यह सब चीजें ठीक नहीं है.
''मेरा मानना है कि फीस पर भी नियंत्रण होना चाहिए. इसके लिए सरकार को एक कोचिंग एक्ट बनाना चाहिए. ऐसा नहीं है कि देश में, बिहार में कोचिंग एक्ट नहीं है, लेकिन इसे रिवाइज करना चाहिए. इसलिए दिल्ली हादसे पर तुरंत कार्रवाई करके दोषियों को सजा देनी चाहिए. ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो.''-आनंद कुमार, सुपर 30 के संस्थापक
बच्चों के निशाने पर शिक्षक क्यों? :आनंद कुमार ने आगे कहा कि आज शिक्षकों के खिलाफ छात्रों के मन में गुस्सा है. इस सवाल पर आनंद सर ने कहा कि, मैं शिक्षकों से यह कहना चाहता हूं कि आप बोलिए, अगली गलती आपसे हुई है तो उसे स्वीकार कीजिए और उसके सुधार के लिए जो करना पड़े कीजिए.
'..ताकि बच्चों को कोई दिक्कत न हो' : आनंद कुमार का मानना है कि जहां कोचिंग है उस इलाके में केन्द्र और राज्य दोनों सरकारों का एक सेंटर होना चाहिए. ताकि अगर बच्चों को कोई परेशानी होती है तो वे बच्चे उन सेंटर पर जाकर अपनी परेशानी बताएं. किसी बच्चे को कोई मकान मालिक परेशान करता है तो कोई छोटे से कमरे में रहता है. इसके लिए एक स्पेशल सेल होना चाहिए.
ऑनलाइन कंटेंट कितना मददगार? :सुपर 30 के संस्थापक ने कहा कि, मैं अपने अनुभव से कहता हूं कि आने वाले वक्त में यानी 10 साल या 15 साल बाद ये कोचिंग सेंटर लगभग 90 फीसदी समाप्त हो जाएंगे. ये मेरा दावा है. मेरा दावा कितना सच साबित होगा ये पता नहीं, लेकिन ऑनलाइन में अभी जितने प्रयोग हुए है, वो सिर्फ 1 पर्सेंट हुआ है. 99 पर्सेंट अच्छे कंटेंट के साथ ऑनलाइन क्लासेस को तैयार करना बाकि है.
''कोई टीचर या टीचर की टीम अगर अच्छा कंटेंट बनाती हैं तो छात्र ऐसे बंध जाएंगे, कि उनको ऑफलाइन से ज्यादा फायदा होगा. आने वाले वक्त में फ्री ऑनलाइन क्लासेज होंगे. मैं तो सरकार से ये अपील करता हूं कि देश में इतने अच्छे विद्वान शिक्षक हैं, अच्छी-अच्छी एनसीईआटी की किताबें लिखी गई है. उसका कंटेंट अच्छा है. इसलिए सरकार को प्रयास करना चाहिए कि यूपीएससी के लिए टीम बनाई जाय और ऑनलाइन बड़ा पोर्टल तैयार करें और इसकी शुरुआत की जाए.''- आनंद कुमार, सुपर 30 के संस्थापक