पटना : इन दिनों बिहार में बीपीएससी शिक्षक काफी चर्चा में बने हुए हैं. उनको लेकर हर जगह बात होती रहती है. कभी उनके द्वारा किए गए कामों की बात होती है, तो कभी कारनामों की चर्चा सुर्खियां बटोरती है. इसी बीच एक शादी को लेकर सोशल मीडिया पर जंग छिड़ा है.
शादी के डिस्प्ले बोर्ड पर बीपीएससी टीचर : दरअसल, जिस दूल्हे की शादी थी वह बीपीएससी शिक्षक बताए जाते हैं. ऐसे में स्वागत बोर्ड के डिस्प्ले पर नाम के साथ बीपीएससी शिक्षक (BPSC Teacher) लिखा हुआ था. ऐसे में इस डिस्प्ले बोर्ड को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया. कई लोग इसे हंसी-मजाक में उड़ाने लगे. तो बिहार शिक्षक मंच ने ऐसा पोस्ट किया कि खलबली मच गई. कई लोग इसपर प्रतिक्रिया करने लगे.
'BPSC लिख देने से जलन क्यों?' : दरअसल, बिहार शिक्षक मंच ने सोशल मीडिया साइट X (ट्विटर) पर लिखा, ये एक विवाह भवन का फोटो है, जहां डिस्प्ले पर दूल्हे के नाम के साथ BPSC TEACHER लिखा आ रहा है जिसको लेकर कुछ लोग टारगेट कर रहे हैं. मानते हैं BPSC सिर्फ एग्जाम कंडक्टिंग बॉडी है और इनका पद विद्यालय अध्यापक का है लेकिन BPSC लिख देने से जलन क्यों?
ये एक विवाह भवन का फोटो है जहाँ डिस्प्ले पर दूल्हे के नाम के साथ BPSC TEACHER लिखा आ रहा है जिसको लेकर कुछ लोग टारगेट कर रहे है । मानते है BPSC सिर्फ एग्जाम कंडक्टिंग बॉडी है और इनका पद विद्यालय अध्यापक का है लेकिन BPSC लिख देने से जलन क्यों ? जब कोई चीज ये लोग का बुरा आता है तो… pic.twitter.com/6ZgLXy1lVf
— बिहार शिक्षक मंच (@btetctet) November 25, 2024
''जब कोई चीज बुरा आता है तो आपलोग BPSC लिख के टारगेट करतें है. वहीं BPSC लिख कर जब इनको खुशी मिल रही है तो जलन क्यों भाई? आप भी जाओ BPSC की परीक्षा में बैठो जो मन हो बनो. शिक्षा विभाग खुद इनको कई डॉक्यूमेंट में BPSC TEACHER लिखता है. इसलिए जलना बंद करें. ये इनके खुशी का पल है, अगर BPSC लिख कर खुशी बढ़ गयी तो इसमें दिक्कत क्या है?''- बिहार शिक्षक मंच
बिहार शिक्षक मंच को यह पोस्ट करना था और प्रतिक्रियाओं की बहार आ गई. एक यूजर मनोज यादव ने लिखा, 'जलन जैसी कोई बात नहीं है भाई. मैं 2014 से TET शिक्षक हूं, TRE 1 में BPSC शिक्षक के रूप में चयन हुआ लेकिन मैंने दूरी की वजह से जॉइन नहीं किया, अब BPSC प्रधान शिक्षक के रूप में चयनित हूं, मुझमें कोई पद को लेकर ना घमंड है और ना ही दूसरों के BPSC लिखने से जलन!!'
दूसरे यूजर Cm Singh Cm Singh लिखते हैं, 'ये मास्टर साहब ये क्या शिक्षा देते होंगे? कहां के हैं? ये मास्टर साहब जब सस्पेंड होंगे तब समझ में आएगा.'
श्याम कुमार ने लिखा, 'BPSC TRE-1 में सफल ऐसे भी बहुत शिक्षक -शिक्षिका हैं जिन्हें कुछ आता तो नहीं था पर EXAM में अंदाजे A-B-C-D-E मारकर किसी तरह BPSC के BORDER पर लटकते हुए पहुंच गया. उसी में से शायद ये भी भाई साहब होंगे, जिन्हें शुतुरमुर्ग प्रसाद के द्वारा ये कहकर उपाधि दिया गया कि उन्होंने कोयले की खान से हीरा तराश कर लाए हैं.'
सुबी सिन्हा लिखती हैं, 'ये छोटी मानसिकता का प्रतीक है. आप चाहें जो भी दलील दें. तब तो बीएड, सीटीईटी, एसटीईटी, विशिष्ट शिक्षक या बीपीएससी या नियमित लखता भी खुशी है. ये बस एक नैरो माइंडेड हैं. हम केवल एक शिक्षक हैं, बीपीएससी या बीएसईबी केवल एक परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था है (We r only a teacher BPSC or BSEB only an exam conducting body).'
यश राज ने लिखा, 'मेहनत कर के BPSC से परीक्षा पास किए हैं, कोई सर्टिफिकेट दिखा कर नौकरी नहीं लिया है. जो सर्टिफिकेट दिखाओ नौकरी पाओ वालों को तकलीफ तो होगी. उस से भी ज्यादा तकलीफ उन बेचारो को हो रही हैं जो तीन बार बैठ चुके हैं.'
प्रिंस कुमार सिन्हा लिखते हैं, 'कोई दिक्कत नहीं है. Bpsc लिखो, किंतु शिक्षक से पहले यह लिखना कहीं ना कहीं उसका अत्यधिक गुणगान करने जैसा है. जहां शिक्षक जैसे पद इसकी गरिमा इन आयोगों से कहीं बढ़कर है. जहां तक प्रक्रिया का सवाल है तो हर राज्य में शिक्षक वहां के आयोग से चुन कर के आते हैं लेकिन अन्य जगह ऐसा रिवाज नहीं है.'
नंबर प्लेट को लेकर हो चुका है बवाल : बता दें कि इससे पहले कई शिक्षक अपनी गाड़ी के नंबर प्लेट पर बीपीएससी शिक्षक लिखकर चला करते थे. विभाग ने जब इसपर एक्शन लिया तो उन लोगों ने नंबर प्लेट पर यह लिखना बंद कर दिया. ऐसे में शादी वाले मामले में आगे क्या होता है इसपर सबकी निगाह टिकी रहेगी.
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